मैने भी चाट-चाट कर उसकी चूत को थूक से तर कर दिया था. करीब 10 मिनट तक हम जीजा- साली ऐसे ही एक दूसरे को चूसते चाटते रहे. हम लोगो का पूरा बदन पसीने से भीग चुका था. अब मुझसे सहा नही जा रहा था.
मैने कहा. ” साधना साली अब और बर्दाश्त नही होता. टू सीधी होकर, अपनी टांगे फैला कर लेट जा. अब मैं तुम्हारी चूत मे लॅंड घुसा कर तुम्हे चोदना चाहता हू.
मेरी इस बात को सुन कर साधना डर गयी. sali ki chudai
उसने अपनी टांगे सिकोड कर अपनी बुर् को छुपा लिया और घबरा कर बोली. “नही जीजू, प्लीज़ा ऐसा मत कीजिए.मेरी चूत अभी बहुत छ्होटी है और आपका लॅंड बहुत लंबा और मोटा है. मेरी बुर फट जाएगी और मैं मर जाऊंगी.
प्लीज़ इस ख़याल को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिए.मैने उसके चेहरे को हाथो मे लेकर उसके होतो पर एक प्यार भरा चुंबन जड़ते हुए कहा. “डरने की कोई बात नही है साधना. मैं तुम्हारा जीजा हू और तुम्हे बहुत प्यार करता हू. मेरा विश्वास करो मैं बड़े ही प्यार से धीरे धीरे चोदुगा और तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा.
लेकिन जीजू, आपका इतना मोटा लॅंड मेरी छ्होटी सी बुर मे कैसे घुसेगा? इसमे तो उंगली भी नही घुस पाती है.” साधना ने घबराए हुए स्वर मे पूछा.
इसकी चिंता तुम छोड़ दो साधना और अपने जीजू पर भरोसा रखो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा.” मैने उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए भरोसा दिलाया.
मुझे आप पर पूरा भरोसा है जीजू, फिर भी बहुत डर लग रहा है. पता नही क्या होने वाला है.” साधना का डर कम नही हो पा रहा था.
मैने उसे फिर से धाँढस दिया. “मेरी प्यारी साली, अपने मन से सारा डर निकाल दो और आराम से पीठ के बल लेट जाओ. मैं तुम्हे बहुत प्यार से चोदून्गा. बहुत मज़ा आएगा.
ठीक है जीजू, अब मेरी जान आपके हाथो मे है.” साधना इतना कहकर पलंग पर सीधी होकर लेट गयी लेकिन उसके चेहरे से भय सॉफ झलक रहा था.
मैने पास की ड्रेसिंग टेबल से वैसलीन की शीशी उठाई. sali ki chudai
फिर उसकी दोनो टाँगो को खींच कर पलंग से बाहर लटका दिया.
साधना डर के मारे अपनी चूत को जाँघो के बीच दबा कर छुपाने की कोशिश कर रही थी.
मैने उन्हे फैला कर चौड़ा कर दिया और उसकी टाँगो के बीच खड़ा हो गया.
अब मेरा तना हुआ लॅंड साधना की छ्होटी सी नाज़ुक चूत के करीब हिचकोले मार रहा था. मैने धीरे से वैसलीन लेकर उसकी चूत मे और अपने लॅंड पर चिपोड ली ताकि लॅंड घुसाने मे आसानी हो. सारा मामला सेट हो चुका था.
अपनी कमसिन साली की मक्खन जैसी नाज़ुक बुर को चोदने का मेरा बरसो पुराना ख्वाब पूरा होने वाला था.
मैं अपने लॅंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा. कठोर लॅंड की रगड़ खाकर थोड़ी ही देर मे साधना की फुददी (क्लितोरिस) कड़ी हो कर तन गयी.
वो मस्ती मे कापने लगी और अपने चूतड़ को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी.बहुत अच्छा लग रहा है जीजू……. ओ..ऊ… ओ..ऊओह ..आ बहुत मज़ा आआअरहा है… और रगड़िए जीजू…तेज तेज रगड़िए…. ” वो मस्ती से पागल होने लगी थी और अपने ही हाथो से अपनी चूचियो को मसलने लगी थी.
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. sali ki chudai
मैं बोला.मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है साली. बस ऐसे ही साथ देती रहो.
आज मैं तुम्हे चोदकर पूरी औरत बना दूँगा.” मैं अपना लॅंड वैसे ही लगातार उसकी चूत पर रगड़ता जा रहा था.
वो फिर बोलने लगी. “हाय जीजू जी… ये आपने क्या कर दिया… ऊऊओ. मेरे पूरे बदन मे करंट दौड़ रहा है……. मेरी चूत के अंदर आग लगी हुई है जीजू… अब सहा नही आता.. ऊवू जीजू जी… मेरे अच्छे जीजू…. कुछ कीजिए ना.. मेरे चूत की आग बुझा दीजिए…. अपना लॅंड मेरी बर मे घुसा कर चोदिये जीजू… प्लीज़. . जीजू… चोदो मेरी चूत को.
लेकिन साधना, तुम तो कह रही थी की मेरा लॅंड बहुत मोटा है, तुम्हारी बुर फट जाएगी. अब क्या हो गया?” मैने यू ही प्रश्न किया.