बीवी के बाद साली चुद्वाकर माँ बनी

ओह जीजू, मुझे क्या मालूम था कि चुदाई मे इतना मज़ा आता है. आआआः अब और बर्दाश्ता नही होता.” साधना अपनी कमर को उठा-उठा कर पटक रही थी.

हाई जीजू…. ऊऊऊः… आग लगी है मेरी चूत के अंदर .. अब देर मत कीजिए…. अब लॅंड घुसा कर चोदिये अपनी साली को… घुसेड दीजीये अपने लॅंड को मेरी बुर के अंदर… फट जाने दीजिए इसको ….कुछ भी हो जाए मगर चोदिये मुझे ” साधना पागलो की तरह बड़बड़ाने लगी थी.

मैं समझ गया, लोहा गरम है इसी समय चोट करना ठीक रहेगा. sali ki chudai

मैने अपने फनफनाए हुए कठोर लॅंड को उसकी चूत के छोटे से छेद पर अच्छी तरह सेट किया. उसकी टाँगो को अपने पेट से सटा कर अच्छी तरह जाकड़ लिया और एक ज़ोर दार धक्का मारा.

अचानक साधना के गले से एक तेज चीख निकली. “आआआआआआआः. .. बाप रीईईई…  मर गयी मई…. निकालो जीजू..बहुत दर्द हो रहा है…. बस करो जीजू… नही चुदवाना है मुझे…. मेरी चूत फट गयी जीजू… छोड़ दीजिए मुझे अब… मेरी जान निकल रही है.” साधना दर्द से बहाल होकर रोने लगी थी.

मैने देखा, मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत को फाड़ कर अंदर घुस गया था.

और अंदर से खून भी निकल रहा था.

अपनी दुलारी साली को दर्द से बिलबिलाते देख कर मुझे दया तो बहुत आई लेकिन मैने सोचा अगर इस हालत मे मे उसे छोड़ दूँगा तो वो दुबारा फिर कभी इसके लिए राज़ी नही होगी.

मैने उसे हौसला देते हुए कहा. ” बस साली थोड़ा और दर्द सह लो. पहली बार चुदवाने मे दर्द तो सहना ही पड़ता है. एक बार रास्ता खुल गया तो फिर मज़ा ही मज़ा है” मैं साधना को धीरज देने की कोशिश कर रहा था मगर वो दर्द से छटपटा रही थी.

मैं मर जाऊंगी जीजू… प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए… बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.. प्लीज़ जीजू.. निकाल लीजिए अपना लॅंड.” साधना ने गिड़गिदाते हुए अनुरोध किया.

लेकिन मेरे लिए ऐसा करना मुमकिन नही था.  मेरी साली साधना दर्द से रोटी बिलखती रही और मैं उसकी टाँगो को कस कर पकड़े हुए अपने लॅंड को धीरे धीरे आगे पीछे करता रहा. थोड़ी थोड़ी देर पर मे लॅंड का दबाव थोड़ा बढ़ा देता था ताकि वो थोड़ा और अंदर चला जाए. इस तरह से साधना तकरीबन 15 मिनट तक तड़पती रही और मैं लगातार धक्के लगाता रहा.

कुछ देर बाद मैने महसूस किया की मेरी साली का दर्द कुच्छ कम हो रहा था.

दर्द के साथ साथ अब उसे मज़ा भी आने लगा था क्योकि अब वा अपने चूतड़ को बड़े ही लय-ताल मे उपर नीचे करने लगी थी.

उसके मूह से अब कराह के साथ साथ सिसकारी भी निकालने लगी थी. sali ki chudai

मैने पूछा. “क्यो साली, अब कैसा लग रहा है? क्या दर्द कुछ कम हुआ?

हा जीजू, अब थोडा थोड़ा अच्छा लग रहा है. बस धीरे धीरे धक्के लगाते रहिए. ज़्यादा अंदर मत घुसाईएगा. बहुत दुखाता है.” साधना ने हान्फ्ते हुए स्वर मे कहा.

वह बहुत ज़्यादा लस्त पस्त हो चुकी थी.

ठीक है साली, तुम अब चिंता छोड़ दो. अब चुदाई का असली मज़ा आएगा.” मैं हौले हौले धक्के लगाता रहा.

कुछ ही देर बाद साधना की चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी.

मेरा लॅंड भी अब कुछ आराम से अंदर बाहर होने लगा. हर धक्के के साथ फॅक-फॅक की आवाज़ आनी शुरू हो गयी. मुझे भी अब ज़्यादा मज़ा मिलने लगा था.

साधना भी मस्त हो कर चुदाई मे मेरा सहयोग देने लगी थी.

वो बोल रही थी, अब अच्छा लग रहा है जीजू, अब मज़ा आ रहा है. ओह जीजू.. से ही चोदते रहिए. और अंदर घुसा कर चोदिये जीजू..आ आपका लंड बहुत मस्त है जीजू जी. बहुत सुख दे रहा है.

साधना मस्ती मे बड़बदाए जा रही थी. sali sex

मुझे भी बहुत आराम मिल रहा था.

मैने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.

तेज़ी से धक्के लगाने लगा.

अब मेरा लगभग पूरा लॅंड साधना की चूत मे जा रहा था मैं भी मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरे मूह से मस्ती के शब्द फूटने लगे.हाई साधना.

मेरी प्यारी साली. मेरी जान.. आज तुमने मुझ से चुदवा कर बहुत बड़ा उपकार किया है.. हा.. साली.. तुम्हारी चूत बहुत टाइट है.. बहुत मस्त है.. तुम्हारी चूची भी बहुत कसी कसी है. ओह्ह. बहुत मज़ा आ रहा है.

साधना अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदाई मे मेरी मदद कर रही थी.

हम दोनो जीजा साली मस्ती की बुलंदियो को छू रहे थे. sali sex

तभी साधना चिल्लाई.जीजू.. मुझे कुछ हो रहा है..आ हह. जीजू.. मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है.. ऊहह.. जीजू.. मज़ा आ गया.. ह.. उई.. माअं..

साधना अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लॅंड को अपनी बुर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी.

मैं समझ गया की मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है. वह झड़ रही थी.