अपने लॅंड पर साधना के नाज़ुक हाथो क़ा स्पर्श पाकर, वासना की आग मे जलते हुए मेरे पूरे शरीर मे एक बिजली सी दौड़ गयी. मैने साधना की कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने से सटा लिया.बस साली, ऐसे ही सहलाती रहो. बहुत आराम मिल रहा है.” मैने उसे पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा.
थोड़ी ही देर मे मेरा पूरा जिस्म वासना की आग मे जलने लगा.
मेरा मन बेकाबू हो गया. मैने साधना की बाह पकड़ कर उसे अपने उपर खींच लीया. उसकी दोनो चूचिया मेरी छाती से चिपक गयी. मैं उसके चेहरे को अपनी हथेलियो मे लेकर उसके होठ को चूमने लगा. साधना को मेरा यह प्यार शायद समझ मे नही आया.
वो कसमसा कर मुझसे अलग होते हुए बोली.
“जीजू ये आप क्या कर रहे है? sali ki chudai
साधना आज मुझे मत रोको. आज मुझे जी भर कर प्यार करने दो.
लेकिन जीजू, क्या कोई जीजा अपनी साली को ऐसे प्यार करता है?” , साधना ने आश्चर्या से पूछा.
साली तो आधी घर वाली होती है और जब तुमने घर सम्हाल लिया है तो मुझे भी अपना बना लो. मैं औरो की बात नही जानता, पर आज मैं तुमको हर तरह से प्यार करना चाहता हू. तुम्हारे हर एक अंग को चूमना चाहता हू. प्लीज़ आज मुझे मत रोको साधना.” मैने अनुरोध भरे स्वर मे कहा.
मगर जीजू, जीजा साली के बीच ये सब तो पाप है. साधना ने कहा.
“पाप-पुण्या सब बेकार की बाते हैं साली. जिस काम से दोनो को सुख मिले और किसी क़ा नुकसान ना हो वो पाप कैसे हो सकता है?” मैने अपना तर्क दीया.
लेकिन जीजू, मैं तो अभी बहुत छ्होटी हू.” साधना ने अपना डर जताया. sali ki chudai
वह सब तुम मुझ पर छोड़ दो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा.” मैने उसे भरोसा दिलाया.
साधना कुछ देर गुमसुम सी बैठी रही तो मैने पूछा. “बोलो साली, क्या कहती हो?ठीक है जीजू, आप जो चाहे कीजिए. मैं सिर्फ़ आपकी खुशी चाहती हू.”
मेरी साली का चेहरा शर्म से लाल हो रहा था.
साधना की स्वीकरती मिलते ही मैने उसके नाज़ुक बदन को अपनी बाहो मे भींच लीया और उसके पतले पतले गुलाबी होंठो को चूसने लगा.
उसका विरोध समाप्त हो चुका था. sali ki chudai
मैं अपने एक हाथ को उसके टी-शर्ट के अंदर डाल कर उसकी छ्होटी छ्होटी चूचियो को हल्के हल्के सहलाने लगा. फिर उसके निप्पल को चुटकी मे लेकर मसलने लगा.
थोड़ी ही देर मे साधना को भी मज़ा आने लगा और वो शी….शी. .ई.. करने लगी.मज़ा आ रहा है जीजू… आ… और कीजीए बहुत अच्छा लग रहा है.
अपनी साली की मस्ती को देख कर मेरा हौसला और बढ़ गया.
हल्के विरोध के बावजूद मैने साधना की टी-शर्ट उतार दी और उसकी एक चूची को मूह मे लेकर चूसने लगा. दूसरी चूची को मैं हाथो मे लेकर धीरे धीरे दबा रहा था. साधना को अब पूरा मज़ा आने लगा था.
वह धीरे धीरे बुदबुदाने लगी. “ओह. आ… मज़ा आ रहा है जीजू..और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूची को चूसिए.. अयाया…आपने ये क्या कर दिया?… ओह… जीजू.अपनी साली को पूरी तरह से मस्त होती देख कर मेरा हौसला बढ़ गया.
मैने कहा. साधना मज़ा आ रहा है ना?हा जीजू बहुत मज़ा आ रहा है. आप बहुत अच्छी तराहा से चूची चूस रहे है.” साधना ने मस्ती मे कहा.अब तुम मेरा लॅंड मूह मे लेकर चूसो, और ज़्यादा मज़ा आएगा.” मैने साधना से कहा.
ठीक है जीजू. ” वो मेरे लॅंड को मूह मे लेने के लिए अपनी गर्दन को झुकाने लगी तो मैने उसकी बाह पकड़ कर उसे इस तरह लिटा दिया कि उसका चेहरा मेरे लॅंड के पास और उसके चूतड़ मेरे चेहरे की तरफ हो गये.
वो मेरे लॅंड को मूह मे लेकर आइसक्रीम की तरह मज़े से चूसने लगी. sali ki chudai
मेरे पूरे शरीर मे हाई वोल्टेज क़ा करंट दौड़ने लगा. मैं मस्ती मे बड़बड़ाने लगा.हा साधना, हा.. शाबाश.. बहुत अच्छा चूस रही हो, ..और अंदर लेकर चूसो.” साधना और तेज़ी से लॅंड को मूह के अंदर बाहर करने लगी.
मैं मस्ती मे पागल होने लगा.मैने उसकी स्कर्ट और चड्धी दोनो को एक साथ खींच कर टाँगो से बाहर निकाल कर अपनी साली को पूरी तरह नंगी कर दिया और फिर उसकी टाँगो को फैला कर उसकी चूत को देखने लगा.
वाह! क्या चूत थी, बिल्कुल मक्खन की तरह चिकनी और मुलायम. छोटे छोटे हल्के भूरे रंग के बाल उगे थे. मैने अपना चेहरा उसकी जाँघो के बीच घुसा दिया और उसकी नन्ही सी बुर पर अपनी जीभ फेरने लगा.चूत पर मेरी जीभ की रगड़ से साधना का शरीर गनगना गया.
उसका जिस्म मस्ती मे कापने लगा. sali ki chudai
वह बोल उठी. “हाय जीजू…. ये आप क्या कर रहे है… मेरी चूत क्यो चाट रहे है…आ… मैं पागल हो जाऊंगी… ओह…. मेरे अच्छे जीजू… हाय… मुझे ये क्या होता जा रहा है..” साधना मस्ती मे अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करते हुए मेरे लॅंड को चूस रही.
उसके मूह से थूक निकल कर मेरी जाँघो को गीला कर रहा था.