दीदी की मचलती जवानी

मेरी दीदी जवान युवती हो गई थी ,उसके रिश्ते की बात चल रही थी,कुछ ही दिनों में उसकी शादी हो गई. शादी के साल भर बाद जीजाजी ने नई नौकरी दिल्ली में ज्वाइन कर ली. मैं दिल्ली में ही किराए पर रहता था जो बहुत ही छोटा था. मेरी दीदी का नाम काव्या माधवन है और वो मुझसे 4 साल बड़ी है और वो मुझे अभी तक छोटा बच्चा ही समझती है. didi ki jawani

मेरे सामने ही वो अपने कपडे बदल लेती है. didi ki jawani

शादी के बाद दीदी की चूंचियां बड़ी हो गई है,बदन और गदरा गया है,चेहरे में चमक आ गई है,उसके चुतड भर कर गोल मटोल हो गए हैं जो  कमर के नीचे मटकी की तरह लगती है. कुल मिला कर वो एक गदराई हुए आंटी की तरह मस्त और सेक्सी हो गई है. जब वो चलती है तो उसके चुतड  ऐसे हिलते हैं की लंड तन कर खड़ा हो जाता है. जब वो झुकती है तो उसकी मस्त-मस्त चुंचियां दिखाई देती है तो मन करता है की बस पकड़ कर मसल डालूं लेकिन मन को दबा कर रह जाता हूँ क्योकि वो मेरी बहन लगती है. कभी-कभी तो चूत को याद कर के मुठ मारे बिना चैन नहीं आता है. एक दिन मैंने उससे यूँ ही मजाक में पूछ लिया-दीदी मुझे मामा कब बनाओगी.

वो बोली-  अभी तो मेरे खेलने-खाने के दिन हैं. didi ki jawani

उसने खाने शब्द पर जोर देकर कहा था और  खिल-खिला कर हंस पड़ी. मैंने कहा- अच्छा दीदी क्या खाती हो. उसने मुझे तिरछी नज़रों से देखते हुए कहा- दीदी से ऐसे थोड़े ही पूछते हैं ,अभी तो हमलोग फॅमिली-प्लानिंग का सोच रहे हैं. मैंने अनजान बनते हुये पूछा-फ़ेमिली प्लानिंग क्या होता है दीदी. इस में जरुरत के हिसाब से बच्चा पैदा करते हैं और ये पिल्स,कण्डोमसे कण्ट्रोल होता है ,मैं तो पिल्स यूज करती हूँ और फिर मस्त चुद. दीदी ने चुदाई अधुरा छोड़ दिया,मेरा तो लंड खड़ा हो गया,मुझे लग रहा था दीदी मुझे लाइन दे रही है.

Ghar me chudai

मैंने शरारत से पूछा-धमाधम क्या दीदी,उसका मुंह लाल हो गया था ,वो मुझे तिरछी नज़रों से देखते हुए हसने लगी. दीदी बोली-बता दूंगी तो बुरा तो नहीं मानोगे. दीदी मस्त अदा से मुझे देख रही थी,उसकी चुंचियां अब और मस्त  लगी थी . मैंने जोश में आते हुए कहा-बता दो न दीदी. दीदी शरमाते हुए बोली- तुम्हारे जीजाजी मुझे धमाधम चोदते हैं. मेरा लंड खड़ा होने लगा,मुझे लगने लगा की दीदी भी मुझसे कुछ चाहती है.

मेरी हालत ख़राब होने लगी थी.. didi ki jawani

मुझे दीदी की चूत के बारे में सोचने लगा था,उसे भी मेरा खड़ा लंड नज़र आ रहा था. मेरी बहन तो बहुत ही चालू है सोचते हुए मैंने कहा-दीदी,चोदते कैसे हैं. उसने मेरे पेंट पर बने तम्बू को  देखकर हँसते हुए कहा- साले तुझे अब ये भी बताना पड़ेगा. फिर क्या था मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया,वो सीधा मेरे सीने पर आ गिरी. उसकी छाती उपर नीचे हो रही थी,मेरा लंड खड़ा होकर 8 इंच का हो गया था.

उसकी सांसे गर्म थी और मेरे चेहरे पर पड रही थी.

मैंने कहा- दीदी बता दो न चुदाई कैसे करते हैं,वो मुझसे लिपटते हुए बोली-कैसे बता दूँ तुझे,उसके लिए तो कपडे उतारने पड़ेंगे. मेरा दिल धड़क रहा था ,लंड फटने को तैयार था,मैंने कहा-तो दीदी कपडे उतार लें,चुदाई में लगता कैसा है दीदी. उसकी सांसे तेजी से चल रही थी,उसने अपनी चुंचियां मेरे सीने में दबा दी. मेरी दीदी जो मस्त गांड वाली माल हो गई थी चुदने के लिए लगभग तैयार थी.

मेरी दीदी का चेहरा मेरे पास आ गया था.. didi ki jawani

उसकी गर्म सांसे मुझे पागल बना रही थी. मैंने अपने हाथ से उसकी गांड को दबा लिया और उसका कपडा उपर उठा दिया. उसकी चूत मेरे लंड पर दबाब दे रही थी जो मुझे बहुत ही अच्चा लग रहा था. उसकी पेंटी उसके चूत के पानी से भींग चुकी थी. कपडे के अंदर से ही लंड और चूत एक दुसरे को रगड़ रहे थे. मैंने दीदी के होठ चूसते हुए,उसकी पेंटी में हाथ लगा कर नीचे कर दिया.

उसकी प्यासी चूत लप-लप करते हुए मेरे लंड को रगड़ रही थी की मेरे लंड का मोटा सुपाडा उसकी चूत में घुस गया. उसके मुंह से सिसकी निकल गई ,तभी अचानक उसने खुद को अलग कर लिया और बोलने लगी-भाई ये ठीक नहीं है ये तो पाप हो जाएगा. वासना के कारण हमदोनो भटक से गए थे. नव्या नायर का चेहरा शर्म से लाल हो गया था ,उसने अपना मुंह हथेलियों से छुपा रखा था की तभी उसने अपनी उँगलियों के बीच से मुझे देखते हुए मुस्कुरा दी. मैंने सर झुकाते हुए कहा-सोरी दीदी,पता नहीं मुझे क्या हो गया था. उसने मेरी छाती पर सर रखते हुए कहा-भाई सोरी तो मुझे कहना चाहिए.

मैंने उसके माथे पर चुम्मा लेते हुए सोरी कहा और बाहर चला गया. didi ki jawani

शाम को जीजाजी घर आये,खाना -वाना खाया और फिर नाईट शिफ्ट पर काम के लिए निकल गए. रात हो गई थी मैं सोने अपने कमरे में जा चूका था,पर नींद नहीं आ रही थी ,रह-रह के मेरी बहन नव्या नायर का सेक्सी जिस्म मुझे याद आने लगा था ,मेरा लंड खड़ा होकर अपने साइज़ में आ गया था,मैं नव्या नायर की चूत  के लिए मचल उठा और अपने लंड को हाथों से दबा दिया की तभी मेरे कमरे का दरवाज़ा खुला और सामने मेरी बहन नव्या नायर खड़ी थी.

वो मेरे हाथों में लंड देख कर वापस जाने लगी,फिर रुक कर उसने मेरे लंड की तरफ देखा,मुझे लगा की उसे मेरे लाल सुपाडे ने उसको बाँध लिया था. मैंने चादर ओढ़ते हुए कहा-क्या हुआ दीदी. उसने कहा-कुछ नहीं,आज तेज बारिश हो रही है और मुझे अकेले में  डर लग रहा है. उसकी नज़र मेरे खड़े लंड पर ही अटकी हुई थी. मैंने मौके का फायदा उठाते हुए कहा-पलंग तो छोटा है पर आ जाओ,यहीं मेरे साथ सो जाओ और मैं चादर हटा कर एक तरफ हो गया.

मैंने दीदी  को मेरे साथ चिपक कर सोने का लालच दिया था. उसने कहा-तू तौलिया लपेट ले ,मैं आती हूँ तेरे पास,उसकी चूत  भी लंड लेने के लिए बेचैन हो चुकी थी. उसने पास में पड़ा तौलिया मेरी तरफ उछाल दिया और मेरे बगल में आकर लेट गई. मैंने दीदी से लाईट बंद करने को कहा पर उसने कहा नहीं भैया मुझे डर लगता है,लग रहा था उसे मेरे मन की बात पता हो गई हो.

मेरा लंड कडक कर लोहा जैसा सख्त हो गया था,मेरे लिए कण्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. मैंने करवट बदलते हुए अपने हाथों से लंड को सहलाते हुए दबा दिया, की तभी दीदी पीछे से मुझे पकड़ कर चिपक गई,उसकी नंगी चूचियां मेरे पीठ को सहलाने लगी,उसका कड़ा निप्पल मेरे पीठ में गड़ता हुए महसूस हो रहा था . मेरी दीदी भी मेरी तरह ही जिस्म के आग में जल रही थी,मैं करवट बदलते हुए उसकी ओर घूम गया.

मेरी दीदी मेरी ओर अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से देख रही थी.. didi ki jawani

उसकी आँखों में प्यार और वासना भरा हुआ था. मुझे लग रहा था अब उसे मेरा मोटा लंड चाहिए था. वो मुझसे चिपकी जा रही थी,मेरा लंड भी उस पर मर-मिटने को तैयार था. दीदी ने बेचैन होते हुए कहा- आज दिन में मेरी बात का बुरा माँन गए थे क्या. मैंने कहा -नहीं दीदी-तू तो मेरी अपनी है तेरी किसी बात या चीज का क्या बुरा मानना. मैंने अपना मोटा लंड उसकी टांगों के बिच में डाल दिया,मेरे लंड के पास ही उसकी गीली चूत थी.

अब हमदोनो घर मे सेक्स के लिए तैयार थे. उसने  हाथों को मेरे  पर लपेटते हुए कहा-तू तो मेरा सोना भाई है, मेरे से शरमाया मत कर और वो मेरे लंड को अपनी टांगों में दबा कर उसका मोटाई नापने लगी. वो अपनी नायटी का फीता खोलकर बिलकुल नंगी हो चुकी थी. मेरा लंड फड़क रहा था,उसने अपनी गीली चूत  मेरे लंड से चिपका दिया.

मैं उसको चोदने के लिए मचला जा रहा था, मैंने उसे कस कर जकड लिया और लंड को छेड़ में घुसाने की कोशिश करने लगा. उसने अपनी वासना भरी हुई आवाज़ में कहा-भाई क्या कर रहे हो, मेरे नीचे कुछ चुभ रहा है. उसकी आँखें नशे से भरपुर थी,उसकी गीली चूत का पानी मेरे लंड को चिकना कर रहा था. मैंने सिसकी भरते हुए कहा-बस मज़ा आ रहा है और उसके चूत के होठों को अपने लंड से छेड़ने लगा. वो कसकती हुई आवाज़ में बोली-देखो भाई चोदना मत मुझे,पर लंड को चूत  में घुसाना चाह रही थी . उसकी इन्कार में इकरार ने मुझे पागल बना रहा था.

फिर वो बोली-तेरे साथ ऐसे ही सोने में मज़ा आ रहा है पर चुदने की तड़प उसके चेहरे पर साफ नज़र आ रही थी. मैं उसकी छेद के आसपास अपने लंड को रगड़ता ही रहा की अचानक लंड को रास्ता मिल गया और वो मेरी दीदी की रसभरी चूत में घुस गया. वो मुझे वासना भरी आवाज़ में रोक रही थी बोल रही थी रोक लो अपने लंड को नहीं तो मैं चुद जाउंगी पर उसका चूत लंड लेने के लिए मुंह फाड़ रहा था. मैंने कहा-नहीं दीदी तुम नहीं चुदोगी पर उसने अपने गीली चूत का दबाब लंड पर बढ़ते हुए मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दिया.

मेरा लंड उसकी चूत में घुस चूका था.. didi ki jawani

पर वो अब भी बोल रही थी-भाई देखो तुम्हारा लंड मेरी गीली चूत में घुसा जा रहा है,रोक लो इसको नहीं तो मैं चुद जाउंगी. वो मुझे अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से देख रही थी,मेरे लिए बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था . मैंने जोर लगाया और पूरा का पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में पेल दिया और बोला-देखो न दीदी ,ये तो मान ही नहीं रहा है ,कितना मज़ा आ रहा है इसको.

दीदी सिसकियाँ लेते हुए बोली -अपनी दीदी को चोदेगा,बस अब मत करो,देखो मेरी गीली चूत की हालत बिगड़ गई है,तुमने तो फाड़ ही दिया इसे और चोट से मेरे लंड को मसल भी रही थी. मैंने कहा-दीदी तेरी गीली चूत बहुत रसीली है ,देखो न कैसे मुंह फाड़ के लंड को निगल जाना चाहती है और उसे कस कर अपनी बाँहों में दबा लिया.

ऐसे मत बोलो-उसने कहा और अपनी गीली चूत को उछाल कर लंड को एडजस्ट कर लिया फिर उसने अपनी टाँगें फैला दी. मैं उसके उपर आ गया और अपने लंड से मस्ती में उसके साथ घर मे सेक्स करने लगा.