चुदाई करते हुए पकड़े गये

उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था मेरा ऐसा करना | फिर मैं उसके सामने आ गया और टॉप के ऊपर से ही जोर जोर से उसके दूध को मसलने लगा और वो अहहहः आआऊँ ऊनंह ऊनंह ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहहाआअ अहाआअ हहहाआअ अहहहा ऊउंह ऊम्म्म्ह ऊउम्म्म उऊंन्न अहहहाआअ आआहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह आहाआ हहाआअ करने लगी थी..

ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म

जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया…

भाभी ने बुझाई हवस ही आग

भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर…

चूत मरवाने के लिए चली गई

मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है…

दोस्त की माँ को चोदने का प्लान बनाया

मैं पूरी तैयारी में था मेरा लंड खड़ा था. सेक्स बडाने के लिए सेक्सी किताब पड़ रहा था, उतने में आंटी आई, बोली क्या पड़ रहे हो, तो मैं जोश में बोला कि आज अपनी सुहागरात है ना इसलिए सेक्सी किताबे पड़ रहा हूँ..

मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे

उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा…

समाज सेवा के साथ चूत सेवा

उसके बाद फिर से हम थोड़ी देर के लिए चुप हो गए. लेकिन दोनों ही समझ चुके थे कि हम एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हैं. इंतजार सिर्फ इस बात का है की पहल कौन करता है. मेरे तन बदन में गुदगुदी सी हो रही थी.

रेशमा की काली चूत

थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया…

वेट्रेस के साथ गैंगबैंग

हेतल अपने घुटनों और कोहनियों के बल उठ खड़ी हुई, पहले एक फिर दो उँगलियाँ पूजा की चूत में घुसाते हुए, पूजा की योनि पर अपनी जीभ से फड़फड़ाती रहीं। हेतल की कोमल कोमल उँगलियाँ उसके अंदर इतनी अच्छी…

कश्मीर का सफर

मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी.. पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा