मेरी प्यासी चुत को पहली बार कोई लंड मिला

मुकेश ने फटाफट अपने कपड़े उतार दिये और मेरे भी। अब हम दोनों एकदम नंगे थे और एक-दूसरे के शरीर की तारीफ़ कर रहे थे। उसने मुझे पेड़ के सहारे से बिठाया और अपने आप को मेरे ऊपर गिरा लिया।

अब उसके हाथ मेरे चूचों को दबा रहे थे और उसका मुँह मेरे खड़े हुए निप्पल का रस चूस रहा था। वो इन सब में इतना माहिर था कि मेरी चूत से पानी आने लगा था, मेरे होठ पानी के लिए सूख रहे थे।

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मैंने मुकेश से पानी माँगा तो उसने अपना हथियार बाहर निकाला, सच में क्या लंड था बड़ा-मोटा सा ! उसने खड़े होकर अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया और मेरे मुँह को चोदने लगा। उसका लंड मेरे मुँह में फस गया और मैं उसे किसी लॉलीपोप की तरह चूस रही थी।

अचानक, मुझे अपने गले में कुछ गर्म-गर्म सा महसूस हुआ, मुकेश हँसते हुए बोला- तुम्हें प्यास लगी थी न, इसलिए पानी (सुसु) पिला दिया।

ख़ैर, मुझे अब मज़ा आने लगा था तो मैंने मुकेश को कुछ नहीं बोला। अब मुकेश ने अपने होंठों मेरी चूत पर रख दिया और बच्चों की तरह चाटने लगा।

मेरे मुह से सी-सी-अह-ओह करके आवाज़ें निकलने लगी और मैं बेचैनी से बिलबिला उठी।

मुकेश कुत्तों की तरह मेरी चूत को चाट रहा था- आआअ…….ऊऊऊ। meri chut ki pyas

तभी मुझे अपने अंदर से कुछ आता हुआ महसूस हुआ और धार के साथ मेरा पेशाब मुकेश के मुंह में निकल गया।

मुकेश बहुत हिम्मती था और मेरा पूरा का पूरा पेशाब पी गया और बेशरमों की तरह बोला- मज़ा आ गया।

अब मुझसे और नहीं सहा जा रहा था, मैंने मुकेश को बोला- अब बस मेरी चूत को अपने प्यारे लंड के दर्शन करवा दो।

फिर मुकेश ने मुझे इस तरह से बिठाया कि मेरी चूत सामने आ जाये। उस भी मालूम था कि मेरी चूत अभी जवान नहीं हुई है।

उसने अपने बहुत सारे थूक से मेरी चूत और लंड को गीला किया और अपना लंड मेरी चूत पर रख कर जोर धक्का मारा। मैंने सुना था कि पहली चुदाई में लंड कभी भी पहली बार में अन्दर नहीं जाता।

मुझे भी यही लग रहा था लेकिन मुकेश ने ये सब ध्यान में ही रखकर मुझे बिठाया था, उसके एक धक्के में ही उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अन्दर घुस गया। ऐसा लगा जैसे पूरे तन बदन में आग लग गई हो, मुझसे दर्द सहा नहीं जा रहा था अब ज़रा सा भी।

मैं तो दर्द के मारे जोर से चिल्ला उठी- आआ आ… मर गई… ममम्म… meri chut ki pyas

लेकिन मुकेश तो मुझे पागल सांड की तरह लगातार चोदे जा रहा था। आप यह कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैl

वो जोर-जोर अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रहा था और हर धक्के के साथ उसका लंड और अंदर घुसता जा रहा था !क्या लंड था ! थोड़ी देर में मैं झड़ चुकी थी, मुझे आज इतना मज़ा आया कि मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती।

मुकेश ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और हस्तमैथुन करने लगा और झड़ने के समय अपना लंड मेरे मुँह पर लाकर सारा वीर्य मेरे चेहरे पर गिरा दिया। उसके बाद मुकेश अपना लंड हाथ से पकड़ कर मेरे मुँह पर गिरे हुए वीर्य को मेरे चेहरे पर मलने लगा।

थोड़ी देर बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह में डाला और जोर जोर से धक्के देने लगा। मुझसे ठीक से सांस लेते नहीं बन रहा था पर साथ ही साथ मज़ा भी बहुत आ रहा था।

अब मुकेश तो सब कुछ करके कपड़े पहन कर खड़ा हो गया लेकिन मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी, मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था इसलिए मैंने मुकेश को मेरी मदद करने को कहा। मुकेश ने मेरे कहने पर कपड़े पहनने में मेरी मदद की और साथ ही साथ मुझे सहलाता भी रहा, इससे मुझे काफी राहत मिली और मुझे आराम से हॉस्टल छोड़ के गया।

इस सांड ने आज मेरी खूब सेवा की। आज मुझे यकीन हुआ कि सच में मर्द क्या होते हैं, असली मज़ा क्या होता है और असली सांड किसे कहते हैं। उस दिन उसने मुझे कई बार चोदा। meri chut ki pyas

मैंने सोचा अगर रोज़ मुझे लंड का स्वाद मिले को कितना मज़ा आयेगा और यही सोचकर मैं खूब खुश थी।

शाम को जब मेरी दोस्त वापस आई तो मैंने उसे सब कुछ बताया तो वो खुश होते हुए बोली- अब मेरी दोस्त जवान हो गई।

यह तो बस एक शुरुआत भर थी, अभी तो कितने बड़े बड़े सांडों से मुझे मिलना था जिसका मुझे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था। ये कहानी पढ़कर आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में लिखे l