एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 3

उसे अपनी टाँगों के बीच एक बहुत अच्छा एहसास हो रहा था, उसने इस बार फिर जोर से धक्का दिया, उसका लंड उसकी गांड की दरार में कुहनी मार रहा था, आरती थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो गई..

लागा चूत में दाग

मैंने उससे कहा खड़े खड़े अपने घुटनों तक झुको और वो झुकने लगी | मैं उसके पीछे ही खड़ा था और जब वो झुकी तो उसका पजामा नीचे हो गया और उसकी गांड की नाली दिखने लगी. मैं तो यही सोच के मचल पड़ा की इसने पैंटी नहीं पहनी ज्यादा कपड़े नहीं उतारने पड़ेंगे…

ससुराल वालों की खातिरदारी

दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया…

बटेर की चुदाई

कुछ देर लंड चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके दोनों निप्पलस को दबा रहा था | वो मेरे लंड को आगे पीछे करते हुए चूस रही थी..

दम लगा के चोद भोसड़ी के

उसने मेरी पैंट से मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाला तो वह बहुत ही अच्छे से उसे चूस रही थी। उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को समा लिया था वह इतनी तेजी से उसे चूस रही थी कि मेरा पानी भी गिरने लगा। अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था…