जीजू के साथ लंबा हनीमून मनाया

दोस्तों मेरा नाम आयशा है और मै लखनऊ मे कालेज मे पढती हू। मेरी हाईट 5′ 4″ , रंग बिलकुल गोरा है। मेरा फिगर भी बहुत सेक्सी है। मै शुरू से ही अपने फिगर पर बहुत वर्क आउट किया करती थी खासकर अपनी चूची और चूतड का मै बहुत ध्यान रखती थी। हर दिन मै 1 घण्टा स्पेशल वक् आउट अपनी चूची और चूतड के लिए करती हू। इसलिए मेरी चूची 34 और चूतड 36 के बिल्कुल गोलमटोल और हद से ज्यादा टाईट है। Is Antarvasna kahani me padhiye kaise maine apni sexy chut ko jija ko saupa aur unke saath honeymoon sex kiya poore hafte!

जिस जिम मे मै वर्क आउट के लिए जाती हू उसका ट्रेनर तो मेरा ऐसा दीवाना है कि हमेशा किसी न किसी बहाने बस मेरी चूची दबाने और चूतडो को छूने की कोशिश में मेरे ही आगे पीछे घूमता रहता है। कभी कभी तो मुझे कुछ सीखाने कोशिश मे मेरी गांड से चिपक के खड़ा हो जाता है और मै भी उसका पूरा मजा लेती लेकिन मैनै कभी भी उसको उससे आगे बढने का मौका नहीं दिया।

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यही हालत जिम के काफी लोगों की थी और मुझे और मेरी गांड को देख कर पता नही कितने लोग मेरे नाम की मुठ मारते थे। उनके खड़े हुये लडं देखकर मेरी चूत मे भी पानी आ जाता और मै हास्टल जाकर शावर के नीचे खडी होकर घंटो अपनी चूत को रगडती और अपनी गरमी शान्त करती। वैसे तो मेरे कालेज मे भी काफी ब्वॉयफ्रेंड रह चुके हैं और जब मेरी सेक्स की आग ज्यादा बढ जाती है तो मैं बिना चुदे रह नहीं पाती।

इस तरह से मेरी लाईफ मजे से चल रही थी। मेरे आगे पीछे हमेशा लडके मंडराते रहते जो मेरी चूचियो की एक झलक पाने के लिए मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार रहते। जब मैं अपने गोलमटोल चूतड मटकाते हुए चलती तो पता नहीं कितनो का लंड उनकी चड्डी में ही टपक जाता होगा।

अब मैं अपनी आज की कहानी पर आती हूं। मेरी बहन की शादी करीब 8 महीने पहले दिल्ली में हुई थी। मेरे जीजू काफी हैंडसम थे। शादी वाले दिन से ही वो मेरे पीछे पड़े हुए थे। वो अक्सर किसी न किसी बहाने से मुझे छूते रहते थे। एक बार जब शादी के बाद वो दीदी की विदाई के लिए आये थे तो जाते समय गले मिलने के बहाने उन्होंने मुझे इतनी तेज दबाया कि मेरी चूचिया पूरी उनकी छाती से दब गयी।

कयी बार वो आते जाते मेरे चूतडो पर भी हाथ फिरा चुके थे। मज़ाक मज़ाक मे कयी बार कह चुके थे कि आयशा तू मेरी आधी घरवाली तो है पूरी कब बनेगी। मै भी उनको छेडते हुऐ कह देती के हिम्मत है तो घर ले चलो अपने, कहो तो दीदी से बात करू। बस इसी बात पर वो चुप हो जाते और में जीजू को झुककर अपनी चूची दिखा दिखाकर ओर भी उन्हें तडपाती। एक दिन की बात है मै दीदी से फोन पर बात कर रही थी लेकिन दीदी सही से बात ही नहीं कर पा रही थी मैंने दीदी से पूछा क्या हुआ तबीअत तो ठीक है तो वो बोली पूरा बदन दुख रहा है।

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मैने पूछा क्यों तो दीदी ने कुछ नहीं बताया तो मैंने कहा कि मैं जीजू को फोन कर देती हूँ वो आपको डाक्टर को दिखा देगें। तभी दीदी एकदम से बोली के इनको फोन मत करना, मैने पूछा क्यों तो दीदी बोली बस तुझसे कह दिया न फोन मत करना नहीं तो ये अभी घर आ जायेंगे। मै बोली तब तो और भी अच्छा है ना। आयशा तू समझती नहीं है ये वो वाला दरद नहीं है। लेकिन मैं तो उनके पीछे ही पड गई कि आपको बताना ही पड़ेगा कि आपको कैसा दरद है। तब दीदी ने बताया कि जीजू ने कल पूरी रात सोने नहीं दिया और तीन बार मेरी चुदाई करी। ओह तो ये बात है, कल हमारे जीजू ने आपको खूब प्यार किया, और आपने भी तो पूरे मजे लिए होगें न दीदी। अब इतने मजे लिए है तो दरद तो होगा ही।

हां मजे तो खूब लिए लेकिन इनका झेलना हर किसी के बस की बात नहीं है। बिस्तर पर ये बिल्कुल घोड़े है घोड़े। थकते ही नहीं।

सच दीदी, और बताओ न जीजू कैसे प्यार करते है।

धत् तू बडी बेशर्म हो गयी है आजकल।

प्लीज दीदी बताओ न…. आपको कब ज्यादा मजा आता है और कब ज्यादा दुखता है।

अब तू चुपकर और मुझे इनके हथियार की याद मत दिला। नहीं तो इनको अभी बुलाना पडेगा।

अच्छा अभी तो पूरा शरीर दुख रहा था और अब देखो कैसे तडप उठी।

वो तो अलग वजह से दुख रहा है.

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अब मै जिद पे अड गयी कि मुझे दरद की वजह बताओ।

तब दीदी ने बताया कि एक तो इनका हथियार बहुत ही ज्यादा मोटा है और कभी कभी ये सेक्स की हवस में पीछे से भी चढ जाते है। और फिर जब ये पीछे चढकर चूतडो पर धक्कों की बोछार करते हैं तो आधे घंटे से पहले नहीं उतरते। वो झेलना बहुत भारी होता है। में सिसकती रहती हू लेकिन ये बहोत कस कस के धक्के मारते हैं। मुझे अपने नीचे पूरा दबोच कर जब तक ये अपना लावा मेरी गांड के छेद में भर नही देते तब तक नहीं उतरते। उसके बाद मै पूरी रात इनका गरम गरम वीयृ अपनी गांड में डालकर ही सोती हूं उसी से दरद में आराम आता है।

दीदी की बातें सुनकर अब मैं भी पूरी तरह गरम हो उठी थी। मैने दीदी से कहा कि ठीक है अब आराम करो ओर रात को जीजु के आने पर फिर से उनसे लिपट जाना आपको आराम मिल जाएगा। लेकिन अब मेरी चूत में पूरी आग लग चुकी थी। मै तुरंत बाथरूम में घुसी शावर आन किया ओर अपनी चूत को रगडने लगी। मेरी आँखों के सामने बस जीजु का लडं ही छाया हुआ था। मै ओर तेज तेज अपनी चूत को रगडने लगी। उपर शावर का गरम पानी मेरे बदन में ओर आग लगा रहा था।

में ने एक हाथ से अपनी गोरी गोरी दूध जैसी चूची को कस के एठनां चालू किया ओर दूसरे हाथ से अपनी चूत को तेजी से रगडा।मेरा पूरा बदन मेरी अपनी ही आग में जल रहा था।मेरा पूरा शरीर एकदम से अकडने लगा था। मैने तेजी से अपनी चूत के अन्दर अपनी दो उंगलियो को अन्दर बाहर करना शुरू किया ओर अपनी चूची को अपने निप्पल को कस के ऐठने लगी। तभी मेरा पूरा शरीर ऐठने लगा ओर मुझे ऐसा लगा कि मेरी चूत से आग निकलने लगी। ओर फिर मै वही शावर के नीचे ढेर हो गयी।

करीब आधे घंटे बाद में बाहर निकली लेकिन अब मेरै दिमाग मे जीजू का लडं बस गया था। अब मैं बस उनसे जल्दी ही चुदना चाहती थी। इसी बीच में एक दो बार मैने जीजू से बात भी की ओर उनको छेडा भी कि अब अपनी साली को भूल गये, पहले तो बहोत हिम्मत दिखाई अब क्या हुआ। अब जीजू भी खुलकर बोलने लगे कि साली जी वो तो वक्त बताएगा कि किसकी हिम्मत टूटती है। और लगता है जैसे किस्मत भी मेरा साथ दे रही थी।

अचानक से दीदी को आफिस के काम से 15 दिनों के लिए मुम्बई जाना पड़ा। और तुरंत ही जीजू का फोन मुझ पर आ गया। मैं आ रहा हूँ साली जी अब तुम अपनी सारी हिम्मत तैयार रखो। ओर अपने कालेज हास्टल से पूरे हफ्ते की छुट्टी ले लो। जीजू ने बताया कि वो दिल्ली से लखनऊ के लिए निकल चुके हैं। शाम तक पहुँच जाएगें ओर फिर रात वाली र्टेन से ही मुझको लेके वापस दिल्ली लौट जाएगें। ओर फिर शुरू होगा मेरा 6 दिन का हनीमून।

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मैने फटाफट अपने कालेज से 6 दिन की छुट्टी ली, हास्टल आकर अपना बैग पैक किया ओर तैयार होने लगी। मैं नै अच्छे से अपने पूरे बदन को वैक्स करके चिकना कर लिया। अपने चूची पर , चूत पर, चूतडो परअच्छे से क्रीम रगडी ताकि वो अच्छे से चमकने लगे। शाम के 6बज गये थे जीजू किसी भी वक्त आ सकते थे। मेंने एक सेक्सी सी जीन्स और टाप डाला हुआ था। तभी मेरे फोन की घण्टी बजी वो जीजु ही थे।