सविता भाभी की गुलाबी चूत

नमस्कार दोस्तों। सविता भाभी की चूत चुदाई की सेक्सी कहानियाँ पढ़ने के लिए धन्यवाद। ये चोदाई कहानी दो भाग में है। सब भागों को जरूर पढना। मेरा लंगोटिया यार बहुत सालो बाद मुझसे मिला। उसकी शादी हुई ही थी। सविता भाभी से मैं पहली बार मिल रहा था। कातिल बदन था उनका। बहुत ही ‘प्यारी’ है मेरी गोरी भाभी। Savita bhabhi ki chut chudai ki desi porn kahani.

मेरा नाम योगेश है। मैं और रजत बचपन के दोस्त हैं। बचपन में हम लोग पास-पास ही रहते थे, हम साथ-साथ खेलते और हम पढ़ते भी साथ थे। हमेशा हमलोग पढ़ाई में आगे रहते थे।

हम सब दोस्त बचपन में मस्ती करते हुए चुनिआ से चुनिआ मिलाते थे और बड़े होने पर हम अपने लंड की लंबाई और मोटाई नापने लगे। मेरा लंड सबसे लम्बा और मोटा था। रजत के लंड की लंबाई छ: इंच और मेरे लंड की लंबाई आठ इंच थी।

हम इन मस्ती के साथ बड़े हुए। हम दोनों ने बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद एक ही इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद हम दोनों को अलग-अलग कम्पनी में नौकरी लग गयी।

यह 1995 की बात है! मैंने दिल्ली की एक एम.एन.सी में जॉयन किया और रजत ने मुम्बई में। रजत ने बाद में अपना खुद का बिज़नेस शुरू किया। उसे खूब सफ़लता मिली और अब वोह लाखों-करोड़ों में खेलने लगा था। उसने एक अलिशान फ़्लैट जूहू में खरीद लिया था।

उसके पास इम्पॉर्टेड कार, नौकर इत्यादि सब कुछ था। उसकी देखा देखी मैंने भी दिल्ली में अपना बिज़नेस शुरू किया और भगवान की कृपा से मेरा भी बिज़नेस ज़ोरों से चल पड़ा।

धीरे-धीरे मेरे पास भी आधुनिक जीवन की आवश्यक हर चीज़ हो गयी। हम अपने-अपने काम में काफ़ी मशगूल हो गये और हम एक दूसरे से नहीं मिल पाये लेकिन फोन और पत्रों के ज़रिये हमारा संबंध हमेशा बना रहा। एक दिन रजत का फोन आया कि वो सविता नाम की लड़की से शादी कर रहा है। उसने बताया कि सविता बेहद खूबसूरत है। रजत ने मुझे शादी पर आने का निमंत्रण दिया।

लेकिन बिज़नेस के सिलसिले में मैं उस समय विदेश जा रहा था। मैंने अपनी मजबूरी बतायी और वादा किया कि विदेश से लौटने के बाद मैं उन लोगों के पास मिलने जरूर आऊँगा। दिन बीतते गये। मैं अपने काम में मशगूल होता गया और रजत के पास जाने का मौका नहीं मिला।

लेकिन हम एक दूसरे के साथ सम्पर्क में रहे। रजत अक्सर मुझे अपने घर बुलाता रहा। एक दिन रजत का फोन आया और शिकायत करने लगा कि उसके बार-बार बुलाने पर भी मैं क्यों नहीं आ रहा हूँ। सौभाग्य से मैं एक हफ़्ते के बाद कुछ दिनों के लिए खाली रहने वालाथा। मैंने उससे कहा कि मैं अगले हफ़्ते में कुछ दिनों के लिए आ रहा हूँ।

मैं मुम्बई पहुँचा और वहाँ एयरपोर्ट पे रजत और सविता मुझे लेने आये हुए थे। रजत ने अपनी बीवी से परिचय कराया। रजत की बीवी, सविता भाभी, वाकय में बेहद खूबसूरत औरत थीं। उनकी लंबाई करीब पाँच फुट चार इंच थी और उनके फिगर के तो क्या कहने।

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उनकी चूचियाँ काफी बड़ी बड़ी (छत्तीस इंच) थी, उनकी कमर तो बहुत ही पतली सी (छब्बीस इंच) थी और उनके चूत्तड़ बहुत भरे-भरे हुए थे। मेरे अंदाज़ में सविता भाभी कि गाँड कम से कम अढ़तीस इंच थी।

वो हँसती थी तो उनके गाल पर डिम्पल पड़ रहे थे जिससे कि वो बहुत सैक्सी लग रही थीं। मैंने उनसे कहा कि, “सविता भाभी आप बहुत ही खूबसूरत हैं।”

अपनी तारीफ़ सुन कर सविता भाभी बहुत ही खुश हो गयीं। उस दिन हम लोग इधर-उधर दो-चार जगह घूमे और एक अच्छे से होटल में खाना खाया। दूसरे दिन भी हम लोग मुम्बई घूमने निकले और बाहर डीनर ले कर घर वापस आये।

उस दिन रजत ने व्हिस्की की बोतल खोली और कहने लगा कि आज हम बहुत दिनों के बाद एक साथ बैठ कर साथ-साथ पियेंगे। रजत ने सविता भाभी से ग्लास, सोडा और कुछ खाने के लिए लाने को कहा।

मैंने सविता भाभी से कहा, “भाभी आप को भी हमारा साथ देना होगा। अपने लिए भी एक ग्लास लाइयेगा।” रजत ने भी हाँ में हाँ मिलाई। सविता भाभी तीन ग्लास, सोडा और भुने हुए काजू ले आयीं। हम तीन लोगों का पीने का दौर शुरू हुआ।

धीरे-धीरे हम सब पर व्हिस्की का नशा छाने लगा। कुछ पुरानी बात खुल गयी और फिर एक के बाद एक पुरानी बातें खुलती गयी। बात पुराने दिनों की मस्ती की आयी तो रजत ने कहा, “सविता तुम्हें एक बात बताते हैं, हमारे सभी दोस्तों में योगेश का लंड सबसे बड़ा और मोटा है।”

फिर रजत बात आगे बढ़ाते हुए वो सुब कुछ कहने लगा जो हम बचपन में करते थे। सविता भाभी ने पूछा, “क्या तुम लोगों ने एक दूसरे की गाँड मारी है, क्योंकि मैंने किताबों में पढ़ा है कि अक्सर होस्टल में रहने वाले लड़के एक दूसरे की गाँड मारते हैं।”

रजत ने कहा, “ऐसा कुछ भी नहीं है,किताब वाले अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए इस तरह की उल्टी-सीधी बात छाप देते हैं।” रजत कहने लगा, “हम जिगरी दोस्त हैं… होमो सेक्ज़ुअल थोड़ा ना हैं! वैसे भी मैंने ज़िंदगी में अब तक सिर्फ़ तुम्हारी ही गाँड मारी है।”

रजत की बात सुन कर मैंने सविता भाभी से पूछा, “भाभी आपको कैसा लगा जब रजत ने आपकी गाँड मारी?” savita bhabhi

सविता भाभी ने पहले आनाकानी की फिर मुस्कुरा के बोली, “पहले तो बेहद दर्द हुआ था, बाद में मज़ा आने लगा और अब तो माशाल्लाह बेहद मज़ा आता है।”

फिर मैं उनकी होस्टल की लाईफ के बारे में पूछने लगा। उस पर वो बोलीं, “हम खास सहेलियाँ आपस में काफी मज़े किया करती थीं। हम एक दूसरे की चूंची मसलतीं और चुसतीं, एक दूसरे की चूत में अँगुली करतीं और अपनी जीभ से एक दूसरे की चूत चाटा करती थीं।

कभी-कभी हम एक दूसरे की चूत की घुँडी मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसतीं और कभी-कभी हम एक दूसरे से आपस में चूत रगड़ा करती थें। इसमे हम लोगों को बेहद मज़ा आता था।”

सविता भाभी फिर शराब के झोँके में बोलने लगीं, “हमारे होस्टल में कुछ लड़कियाँ ऐसी भी थीं जो कि पैसे और मस्ती के लिए रात-रात भर होस्टल से बाहर रहतीं और जब वो सुबह आतीं तो साफ मालूम पड़ता था कि वो रात भर सोयी नहीं हैं और खूब रगड़-रगड़ कर उनकी चूत की चुदाई हुई है।”

मैंने फिर सविता भाभी से पूछा, “आप लोगों को कैसे पता लगता था कि वो लड़कियाँ रात भर अपनी चूत चुदा कर आयी हैं?”

सविता भाभी बोलीं, “अरे इसमे कौन सी बड़ी बात है? जब वो लड़कियाँ आती थीं तो उनकी चाल कुछ अटपटी होती थी। उनके चेहरे पर दाँत के निशान पड़े होते थे और उनकी कमर कुछ झुकी रहती थी।”

मैंने फिर पूछा, “क्या कमर झुकने का मतलब चुदाई से है?”

उन्होंने कहा, “और नहीं तो क्या? जब कोई लड़की या औरत रात भर अपनी टाँगों को उठाये अपनी चूत में लंड पिलवाती है तो उसके बाद दो-तीन घंटों तक उनकी टाँगें सीधी नहीं हो पाती और वो झुक कर चलती हैं। लड़कियाँ चुदाई के बाद अपनी टाँगों को फैला कर ही चलती हैं।”

“क्यों,”

“अरे इसलिये कि लड़कियों की चूत पैर फैला कर ही चुदती है और चुदाई के बाद उनकी चूतसे निकल कर मर्द का पानी उनकी जाँघों पर बहता रहता है, जो कि काफी चिप-चिपा होता है और इसलिये लड़कियाँ चुदाई के बाद अपनी टाँगें फैला कर चलती हैं।”

सविता भाभी से मैंने फिर पूछा, “क्यों भाभी आपने कभी इन लड़कियों से उनकी चुदाई के बारे में पूछा था?”

सविता भाभी बोलीं, “हाँ उन लड़कियों में से एक मेरे बगल वाले कमरे में रहती थी। एक दिन मैने उससे पूछा कि रात भर कहाँ थी।

पहले तो उसने आनाकानी की मगर बाद में बोली कि रात भर वो और उसका बॉय फ़्रैंड, दोनों एक ऑर्गी-पार्टी में गये हुए थे।

उस पार्टी में और भी लड़के और लड़कियाँ थी। रात को करीब बारह बजे उन सब ने ड्रिंक करने के बाद खाना खाया और एक बड़े से हाल में आ कर बैठ गये। कमरे में हल्की सी रोशनी थी और धीमे-धीमे म्युज़िक बज रहा था।

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फिर एक लड़का सब से बोला कि अब काफी रात हो गयी है और हम लोगों को पार्टी की आगे की कारवाही शुरू कर देनी चाहिए। इस पर सब ने हामी भरी और सब अपने अपने कपड़े उतारने लगे।

लड़कियाँ सिर्फ़ ब्रा और पैंटी और लड़के सिर्फ़ अपने अंडरवियर पहने हुए थे। फिर सब लड़कों ने अपनी-अपनी गाड़ी की चाबी निकाल कर बीच की मेज पर रख दी और लाईट ऑफ कर दी गयी। अब लड़कियों ने उठ कर अन्धेरे में एक-एक चाबी उठा ली और उसके बाद लाईट ऑन कर दी गयी।

जिस लड़की के पास जिस लड़के की चाबी थी वो लड़का उस लड़की को अपनी बाहों में उठा कर डाँस करने लगा। वो सब डाँस तो क्या, एक दूसरे के बाकी कपड़े उतार कर लिपट रहे थे।

लड़के उन लड़कियों की चूंची मसल रहे थे और कभी-कभी झुक कर लड़कियों की चूंची मुँह में भर कर चूस रहे थे। कुछ लड़कियाँ भी कभी-कभी झुक कर लड़कों के लंड चूस रही थी। फिर इसके बाद सबने एक-एक करके उसी कमरे में, जहाँ जगह मिली, चुदाई शुरू की।

चुदाई का दौर खतम होते ही लड़के अपनी-अपनी पार्टनर बदल कर फिर चुदाई करने लगे। यह पार्टनर बदल-बदल कर चुदाई का दौर रात भर चलता रहा।”

यह XXX कहानी सुन कर मैं और रजत गरम हो गये और थोड़ी देर के बाद हम लोग अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले गये।

अगले दिन रजत और सविता भाभी मुझे जहाँगीर आर्ट गैलरी, तारापुर एक्वेरियम, चौपाटी बीच, महालक्षमी और कई जगह ले गये और फिर लंच करने हम लोग घर वापस आ गये। करीब दोपहर दो बजे सिंगापुर से रजत के लिए फोन आया कि उसका वहाँ पहुँचना बहुत जरूरी है।

उसका कोई टैंडर पास हो रहा है और वहाँ पर उसका रहना जरूरी है। वो मेरे कारण थोड़ा सोच में पड़ गया कि उसने इतनी ज़िद्द कर के मुझे मुम्बई बुलाया और खुद ही को सिंगापुर जाना पड़ रहा है। मैंने उसे समझाया और जाने के लिए कहा।

रात के आठ बजे की फ़्लाइट से वो सिंगापुर के लिए निकल गया। मैं और सविता भाभी रजत को एयरपोर्ट छोड़ने गये थे और लौटते हुए हमने एक बहुत अच्छे होटल में डीनर लिया।

घर लौटने के बाद मैं अपने आप को काफ़ी अकेला महसूस कर रहा था और मैं सविता भाभी से बातें करने लगा और बोला, “मैं रजत के बगैर क्या करूँगा.. मैं कल दिल्ली चला जाऊँगा।”

इस पर सविता भाभी बोलीं, “नहीं, इतनी जल्दी मत जाओ, रजत को बुरा लगेगा और मुझे भी कुछ अच्छा नहीं लगेगा और रजत नहीं है तो क्या हुआ…. मैं तो हूँ आपके साथ।”

मैं रात को व्हिस्की पी रहा था और हम दोनों बातें कर रहे थे। मैंने सविता भाभी से भी ड्रिंक लेने को कहा और मेरा कहना मानते हुए सविता भाभी ने भी अपने लिए ड्रिंक बनाया। सविता भाभी बहुत ही सैक्सी लग रही थीं।

उन्होंने मैरून रंग का सलवार सूट पहना हुआ था और उनके लो-कट कमीज़ में से उनकी बड़ी-बड़ी दूधिया चूचियाँ बाहर झाँक रही थीं. उनके गले में मोतियों का हार था और उन्होंने बहुत प्यारा मेक-अप लगा रखा था।

उनके होठों पर सलवार-कमीज़ से मैचिंग मैरून लिपस्टिक लगी थी और उनके हाथ और पैरों के नाखूनों पे भी मैरून पॉलिश लगी थी। उनके गोरे-गोरे पैर काले रंग की हाई हील सैंडलों में बहुत सैक्सी लग रहे थे।

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हम लोग काफी देर तक बैठ कर व्हिस्की पीते रहे। हम काफी ज्यादा व्हिस्की पी चुके थे। सविता भाभी कुछ बहकी बहकी बातें कर रही थीं। थोड़ी देर के बाद सविता भाभी बोलीं, “तुम बैठो, मैं अभी अपने कपड़े बदल कर आती हूँ।”

मैं बोला, “भाभी आप इनही कपड़ों में बहुत सुंदर लग रही हैं… बाद में बदल लिजियेगा।”

सविता भाभी बोलीं, “फिक्र मत करो… कपड़े बदलने के बाद और भी खूबसूरत दिखुँगी”और सविता भाभी उठ खड़ी हुईं। वोह नशे में झूम रही थीं और लड़खड़ातीहुए अपने बेडरूम में चली गयी।

मैं पीछे से हाई हील में मटकती उनकी गाँड देखता रहा। वो जब अपने कपड़े बदल कर वापस डगमगाती हुई आयी तो उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। उन्होंने एक गुलाबी रंग की झीनी पारदर्शी नाईटी पहन रखी थी और उसके नीचे कुछ भी नहीं पहन रखा था।

उनकी नाईटी के अंदर से उनकी गोल-गोल चूचियाँ और उनके निप्पल साफ-साफ झलक रहे थे और यहाँ तक कि उनकी गोरी-गोरी चूत भी हल्की-हल्की सी दिखाई दे रही थे।

मैंने उनसे कहा, “भाभी आप मेरे सामने ऐसे कपड़ों में मत आया करो क्योंकि मुझे अपने आप पर काबू पाना बहुत मुश्किल होता है। मेरा लंड खड़ा हो जाता है।”

सविता भाभी मेरी बात सुन कर हँस पड़ीं और मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी और अपने लिए एक और पैग बना कर ड्रिंक सिप करने लगीं।

मैंने उनकी चूंची कि तरफ देखते हुए कहा, “भाभी, जब आपकी चूंची इतनी खूबसूरत है तो आपकी चूत तो और भी खूबसूरत होगी।”

इसपर सविता भाभी हँस दीं और बोली, “तुम अपना लंड मुझे दिखाओ तो मैं तुम्हें अपनी चूत दिखा दूँगी।”

फिर हँस कर अपना ड्रिंक सिप करते हुए बोलीं, “देखूँ तुम्हारा लंड वाकय खड़ा हुआ है या यूँ ही कह रहे हो।”

मैंने भाभी की बात सुन कर झट से अपनी जींस खोल कर अंडरवियर भी उतार दिया और मैं सविता भाभी के सामने अपना आठ इंच का लौड़ा दिखा-दिखा कर अपने हाथ से हिलाने लगा। मेरा आठ इंच का लंड फनफना कर खड़ा हो गया था।

सविता भाभी मेरे खड़े लंड को देखती हुई बोली, “वाकय तुम्हारा लंड बहुत लम्बा और मोटा भी है। उस लड़की को बेइंतेहा मज़ा आयेगा जो तुमसे चुदवायेगी।”

इसपर मैं कमर हिला कर अपना लंड उनकी तरफ़ बढ़ाते हुए बोला, “आप ही चुदवा कर देख लो कि कितना मज़ा आता है।”

मेरी बात सुन कर सविता भाभी बोली, “अगर रजत को पता चल गया तो बेहद बुरा होगा।”

मैंने कहा, “जब हम किसी को नहीं बतायेंगे तो किसीको कैसे पता चलेगा?”

यह सुन कर सविता भाभी मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुराने लगी और व्हिस्की का एक बड़ा सा घूँट गटक कर अपने होठों पर अपनी जीभ फेरने लगीं।

मुझे मालूम हो चुका था कि सविता भाभी मुझसे अपनी चूत चुदवाना चाहती हैं, लेकिन पहलमेरी तरफ से चाहती हैं। मैंने तब आगे बढ़ कर उनकी चूंचियों पर अपना हाथ रख दिया और उन्हें धीरे-धीरे सहलाने लगा।

सविता भाभी कुछ नहीं बोलीं,बस मुस्कुराती रहीं।

तब मैंने उनकी नाईटी उतार दी और मेरे जिगरी दोस्त रजत की बीवी, सविता भाभी, मेरे सामने अपने जवानी का जलवा दिखाते हुए बिल्कुल नंगी खड़ी थीं।

उनके गले में मोतियों का हार और पैरों में काले हाई हील के सैंडल उनकी जवानी को और भी मादक बना रहे थे। मैं उनकी गोल-गोल चूंची देख कर हैरान हो गया। उनकी चूंची बिल्कुल तनी हुई थी।

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उनके निप्पलों का घेरा करीब एक इंच का था और निप्पल भी देखने में फुले हुए मुनक्का लग रहे थे। उनकी मोटी चूत का तो क्या कहना।

उनकी चूत बिल्कुल चिकनी और साफ-सुथरी दिख रही थी।

मैंने सविता भाभी से पूछा, “भाभी आपकी चूत इतनी चिकनी है और उसपे एक भी बाल नहीं है? क्या आप खुद ही साफ करती हैं”

इसपर वो बोली, “अरे नहीं, मुझसे अपनी झाँटें ठीक से साफ नहीं होतीं और खासतौर से गाँड के बाल तो बिल्कुल नहीं। यह सब तो मैं ब्यूटी पार्लर में करवाती हूँ!”

मैंने फिर धीरे से उनको अपनी बाहों में ले लिया और उनकी चूचियों पर अपनी पकड़ मजबूत करके उनको अपने दोनों हाथों में लेकर मसलने लगा। मैंने सविता भाभी को अपनी बाहों में भर कर कसके जकड़ लिया।

सविता भाभी भी मुझको अपने दोनों हाथों से पकड़े हुई थें। मैं उनके दोनों होंठ अपने होंठों के बीच ले कर चूसने लगा। सविता भाभी भी मेरी बाहों में नंगी खड़ी-खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़ कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी चूंची मसलवा रही थी।

सविता भाभी की चुदाई की कहानी जारी है सविता भाभी XXX चुदाई में।