हाय दोस्तो, मेरा नाम रागिनी वर्मा है.. मैं 26 साल की हूँ और आज मेरा फिगर 32-30-34 का है.. बहुत से लड़के मुझ पर आज भी मरते हैं.. उस वक्त मेरा गोरा बदन.. 28-24-28 का मोहक फिगर.. उम्र 20 की थी, मेरा पूरा बदन भरा-पूरा था। इस कामुक खुले में चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे दोस्त ने मुझे अपने मोटे लंड से चोदा। उसके मोटे लंड ने मेरी कुंवारी चूत को फाड़ दिया और उसने अपना वीर्य उसमें उतार दिया। Dost ne meri chut ki khule me chudai kar daali.
रोहित मेरा बचपन का दोस्त है एक दिन मुझे उसका कॉल आया कि कहीं घूमने चलते हैं।मैंने पहले मना कर दिया.. लेकिन फिर मैं मान गई और मम्मी की ‘हाँ’ भी हो गई। सो हम दोनों ने 2 दिन के लिए आगरा जाने का प्लान बनाया।
मैंने भी अपने 2-3 ड्रेस रख लिए। अगले दिन रोहित बाइक लेकर आया.. तो मम्मी ने कहा- बाइक से नहीं.. कार से जाना है।
रोहित ने हमारी कार निकाल ली और हम दोनों चल दिए।
मैंने शर्ट और टॉप डाला हुआ था.. और रोहित ने जीन्स टी-शर्ट पहनी थी।
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मैं तो किसी और ‘मूड’ में थी.. रोहित मुझे बहुत अजीब तरीके से देख रहा था।
मैंने बोला- क्या हुआ?
वो बोला- तू बहुत क्यूट लग रही है..उसने मेरी किस्सी ले ली।
उसके बाद वो एक दुकान पर रुका.. कोल्डड्रिंक्स और कुछ सामान लेकर आया। सब सामान उसने पीछे की सीट पर रख दिया और एक छोटी सी डिबिया मुझे दी।
मैंने कहा- इसमें क्या है?
वो बोला- देख ले.. तेरे लिए ही लाया हूँ। मैंने उसको खोल कर देखा.. तो उसमें कन्डोम के 2 पैक थे।
इस कामुक खुले में चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे दोस्त ने मुझे अपने मोटे लंड से चोदा। उसके मोटे लंड ने मेरी कुंवारी चूत को फाड़ दिया और उसने अपना वीर्य उसमें उतार दिया
मैंने उससे बोला- रोहित यार ये सब क्या है..
Dost ne meri chut ki khule me chudai kar daali.
मैं यह कह कर हंसने लगी।
हम चलते रहे.. उसने मुझे बहुत कुछ बताया कि कब से वो मुझे चाहता है और उसने कैसे स्कूल वाली सारी तैयारी की थी..
वो बहुत स्मार्ट निकला.. मैं ये सब नहीं जानती थी।
चलते हुए मैंने रोहित को बोला- यार वॉशरूम जाने की लग रही है।
वो बोला- यहाँ सब खुला है.. कहीं भी कर लो।
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मैंने मना कर दिया.. लेकिन बहुत जोरों से आई थी.. क्या करती.. रुकना पड़ा।
मैं एक टीले नुमा पहाड़ी देख कर उधर गाड़ी को रुकवा कर बाहर आई और टीले की आड़ में थोड़ा ऊपर को गई।
मैंने देखा कि वहाँ कोई नहीं था.. सो मैंने सूसू कर ली..
ऐसा खुले में करना बहुत अजीब सा था.. लेकिन क्या करती..
अब जो होने वाला था.. उसका मुझे बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था।
मैं जैसे ही उठी.. रोहित मेरे ठीक पीछे खड़ा हुआ था। यार उस वक्त तो मैं एकदम से बहुत डर गई। सोचा पता नहीं कौन है..
लेकिन जब देखा कि रोहित है तो मैं सम्भल गई।
वो बोला- रागिनी तेरी पैन्टी बहुत अच्छी है।
मैंने बहुत पतली डोरी वाली पैन्टी डाली हुई थी।
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उसने मेरे सामने अपनी पैंट उतार दी और अपना लण्ड बाहर निकाल कर सूसू करने लगा।
करने के बाद बोला- यार, तू रुक मैं आता हूँ।
उसके हाथ में पानी की बोतल और टिश्यू पेपर का बॉक्स था।
मैं समझी नहीं कि वो करना क्या चाहता है।
वो सीधा मेरे पास आया और बोला रागिनी एक बार हो जाए।
मैंने बोला- पागल है.. यहाँ खुले में?
बोला- कोई नहीं आएगा यार.. जल्दी कर.. मेरा लण्ड बहुत टाइट हो रहा है.. मुझे पता है तू स्कर्ट क्यों डाल कर आई है.. चल अब जल्दी से चूस ले मेरी जान!
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अब मैं क्या करती.. उसने अपना लण्ड और मेरी चूत पानी से साफ़ की और कूद पड़े।
वो पैर चौड़े करके पेड़ से टिक कर खड़ा हो गया और मुझे नीचे बिठा कर अपना लण्ड मेरे मुँह के आगे कर दिया।
मैंने लण्ड को सिर्फ चुम्मा किया था.. उसने अन्दर लेने को कहा। अब तक लण्ड को चूसने का ये पहला अवसर था.. सो मैंने मना कर दिया.. लेकिन वो नहीं माना और वो मेरे मुँह में अपना मूसल डालने लगा।
बहुत मुझे उल्टी आने लगी.. तो वो रुक गया.. फिर मैंने उसको हाथ से हिलाना चालू किया।
तभी उसने कन्डोम निकाला और लण्ड पर लगाने के लिए मुझे दिया।
मैंने कहा- रोहित यहाँ कोई देख लेगा। लेकिन वो नहीं माना।
मैंने लण्ड पर कन्डोम चढ़ा दिया।
अब रोहित बोला- देख रागिनी तेरा पसन्दीदा खुश्बू वाला कन्डोम है.. अब चूस ले।
मैंने अब उसके खड़े लौड़े को बड़े आराम से मुँह में ले लिया। मुझे अब कोई दिक्कत नहीं थी, मैंने लण्ड को चूस-चूस कर और मोटा कर दिया।
अब वो बोला- रागिनी तू पेड़ को पकड़ कर घोड़ी बन जा.. मैं तेरे पीछे से आता हूँ।
मैं मान गई.. और पेड़ को पकड़ कर थोड़ा झुक कर खड़ी हो गई।
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उसने मेरी स्कर्ट को ऊपर किया.. मेरी पैन्टी को नीचे किया और बोला- रागिनी तू नाटक कर रही थी साली… तेरी चूत तो बिल्कुल गीली हुई पड़ी है।
मैंने कहा- अब बात मत कर रोहित.. जल्दी कर..
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तो उसने पीछे से अपना लण्ड मेरी चूत पर रखा और अन्दर डालने लगा।
मुझे थोड़ा दर्द हुआ.. लेकिन थोड़ी देर में उसका आधे से ज्यादा लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ घुस चुका था।
उसने मेरी टी-शर्ट ऊपर की और मेरी ब्रा उतार दी। मुझे लगा आज अगर किसी ने मुझे इस हालत में देख लिया तो गजब हो जाएगा। मैं डर रही थी.. लेकिन रोहित को तो बस चुदाई दिख रही थी।
रोहित ने अपना लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाला और पूरी रफ़्तार से एक झटके में अपना पूरा मूसल मेरी चूत में डाल दिया।
उस समय मेरी आँखें भी बाहर आ गई थीं।
वो तेज़-तेज़ चुदाई कर रहा था, कुछ ही मिनट की चुदाई में मैं दो बार झड़ चुकी थी।
अब रोहित अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था.. और 5 मिनट बाद उसने मेरी चूत में अपना पानी छोड़ दिया।
फिर उसने अपना लण्ड निकाला.. वो बोला- आज तू पूरी तरह से खुल गई है।
वो मुझे किस करने लगा.. मैं भी उसकी बांहों में सिमट गई।
फिर हम दोनों ने अपने कपड़े सही किए और कार में आकर थोड़ा आराम किया।