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मेरे पेनिस का अभी टॉपा ही घुसा था कि वो चिललाने लगी। मैं वहीं रुक गया। और उसके बूब्स दबाने लगा । वो मुझे पेनिस बाहर निकलने को बोलने लगी। लेकिन मैंने पेनिस नही निकाला। और उसे समझने लगा बस जानू अब नही होगा दर्द । और उसे किस करने लगा।

5 मिनट में वो बिल्कुल शांत हो गयी। मैंने उससे पूछा अब करू वो उसने आँखों से मुझे स्वीकृति दे दी।

मुझे पता था अगर मैंने और अंदर डाला तो ये फिर चील्ला देगी। इसलिए मैंने उतने ही पेनिस से अंदर बाहर करने लगा। तो उसको भी अच्छा लगने लगा। और वो फिर गरम हो गयी और सिसकारियां लेने लगी। मैने सोचा अब सही समय है पूरा लंड डालने का।

तो मैंने उसको किस करना स्टार्ट कर दिया और पेनिस को पूरा पिछे खीँच के एक ज़ोर का झटका मारा। वो ज़ोर से चिललाना चाहती थी लेकिन मैंने अपने होठो से उसके होंठ बन्द कर रखे थे इसलिए चिल्ला न सकी।

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उनकी आंखों में आंसू आ रहे थे। और उसके चूत की झिल्ली फट गयी थी। और उसकी चूत से खून निकलने लगा।

मेरा अभी आधा लंड ही अंदर घुसा था । मैंने 5 मिनट वैट किया जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं फिर से अपने आधे लंड से ही उसको चोदने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी। ओर सिसकारी लेने लगी।

आ.. आह…. सिद्धार्थ बहुत मजा आ रहा है और ज़ोर से करो आह..आ. औय…आ… आज तुमने मुझे कली से फूल बना दिया सिद्धार्थ आह.आ…सी..सी..ओह.. आ… ज़ोर से करो और ज़ोर से..

उसकी सिसकारी सुन कर मेरे अंदर और जोश आ गया । मैने अपने लंड को पीछे खींचा और एक और ज़ोर का झटका मारा और वो ज़ोर से चिल्ला दी। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। उसकी आँखों मे फिर से आँसू थे।

वो बोली आज तो तूने मुझे मार डाला। मेरी चुत फाड़ दी। निकाल इसे मेरी चूत से जल्दी। लेकिन मैंने उसकी बातों पर ध्यान नही दिया और उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। वो चिल्ला रही थी। लेकिन कुछ ही पल में उसका दर्द गायब हो गया और चिल्लाने की जगह वो ओर ज़ोर से सिसकारी लेने लगी।

आह.. सिद्धार्थ और ज़ोर से करो….. बहुत अच्छा लग रहा है.. आ…ओह….आह..आ..आह…आ…आया..

परी ने मुझे कस के पकड लिया और उसका शरीर अकड़ने लगा। मुझे पता चल गया कि वो झड़ने वाली हैं। मैने अपने धक्के ओर तेज कर दिये। पूरे कमरे में चप चप ओर हमारी सिसकारी की आवाज ही गूँज रही थी। और उसका पानी निकाल गया। परी बिल्कुल बेसुध पड़ी रही और मैं उसे चोदे जा रहा था।

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मैंने उसके बूब्स दबाने लगा। वो फिर से गरम होने लगी और मेरा साथ देने लगी। फिर मैं एकदम रुक गया। परी कुछ समझी नहीं। फिर मैंने उसको उठाया और उसे घोडी बना दिया। मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना पेनिस डाल दिया और फिर से जबरस्त चुदाई शुरू हुई।

परी लगातार सिसकारी ले रही थी आह..ओह… सिद्धार्थ फक मी हार्डर… आह.. फक मी.. ओर जोर से..आह…

परी की सिसकारियों से मुझमे ओर जोश आ रहा था और मैं पूरी ताकत से उसकी चुदाई किये जा रहा था। फिर मेरा पानी निकलने को हुआ और मैंने पूरी ज़ोर से तेज़ी के साथ धक्के लगाने लगा कुछ ही पलों में मेरा पानी निकाल गया और वो भी मेरे साथ ही झाड़ गयीं।

5 मिनट तक हम यू ही एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे फिर मैं साइड में लेट गया।

हम दोंनो की सांसे अभी तक तेज चल रही थी। मैंने परी से पुछा केसा लगा पहला सैक्स

परी- शुरू में तो बहुत दर्द हुआ, ऐसा लगा जैसे जान ही निकल जाएगी आज, लेकिन बाद में बहुत मजा आया।

मैंने उसको ज़ोर से गले लगाया। फिर मैं वाशरूम गया।

वापिस आया तो परी उठने की कोशिश कर रही थी लेकिन दर्द की वजह से उठ भी नही पा रही थी। फिर मैंने उसको उठाया और वाशरूम ले गया। और उसकी चूत की सफाई में उसकी मदद की।

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फिर हम दोनों दोबारा लेट गये। मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। तो मैं फिर से परी के बूब्स दबाने लगा। वो बोली क्या बात है जनाब अभी तक मन नही भरा क्या।

मैं बोला तू हैं ही इतनी हॉट तुझसे तो कभी नही भरेगा दिल। फिर वो हल्के से मुस्कुराई। मैने उसके होठो पर होंठ रख दिये। फिर हमारी चुदाई का दूसरा राउंड शुरु हुआ।

और ये राउंड 15 मिनट तक चला। फिर हमने अपने कपड़े पहने और एक दूसरे को ज़ोर से गले लगाया और वापिस अपने घर की तरफ निकल पड़े।

तो दोस्तो ये थी मेरी ओर परी की पहली चुदाई की सच्ची कहानी। आशा करता हूं कि आपको पसंद आई होगी। इसके बाद भी हमारी बहुत बार सेक्स किया और हमारी बात शादी तक चली गयी। लेकिन वो कहानी आपको फिर कभी सुनाऊंगा। अपनी प्रतिक्रिया मुझे जरूर दीजिएगा। ताकी मैं अगली कहानी लिखने के लिए प्रेरित हो सकु। मेरा ई-मेल आईडी हैं:- desiboyk27 [at] gmail.com