अजनबी से मुलाकात, दोस्ती, प्यार और चुदाई।

फिर मैंने उसको बोला मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, अपनी जान से भी ज्यादा।

वो बोली सिद्धार्थ मैं तुम्हे पाके धन्य हो गयी। मैं बोला बस बात ही करोगी या प्यार भी करोगी।

वो फिर शर्माते हुए बोली, सब कुछ तुम्हारा ही हैं, तुम जैसे चाहो जितना चाहो प्यार करो। मैं तुम्हे नही रोकूंगी।

फिर मैंने उसके माथे पर किस किया। उसके गोरे गालो पर किस किया। फिर उसके होठो पर अपने होठ रख दिये। वो भी मेरा साथ देने लगी और हम दोनों खड़े खड़े 10 मिनट तक एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे।

फिर मैंने टीशर्ट के ऊपर से ही अपना हाथ उसके चुचो पर रख दिया और धीरे धीरे दबाने लगा। वो जैसे पागल सी होने लगी और तेज तेज सांसे लेने लगी।

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मैंने उसको अपनी गोद मे उठा लिया और उनको प्यार से बिस्तर पर लिटा दिया। दोस्तो मुझे उस वक़्त ऐसी फीलिंग आ रही थी जैसे आज मेरी सुहागरात हो।

फिर मैंने उसको फिर से किस करना स्टार्ट किया और साथ मे मैं उसके बूब्स को दबा रहा था। फिर मैंने जसकी टीशर्ट निकल दी। क्या बताऊँ दोस्तो अंदर का नज़ारा देख कर तो मैं हिल गया। क्या बूब्स थे उसके । उसने लाल ब्रा पहन रखी थी। फिर मैंने उसकी जीन्स भी निकल दी। उसने लाल रंग की ही पैंटी पहन रखी थी।

वो मेरे सामने रेड ब्रा पैंटी में थीं। और एक दम किसी मोडल की तरह लग रही थीं।

परी बोली जान तुमने मेरे कपड़े तो निकल दिए अपने भी निकालो। मैं बोला तुम खुद ही निकल दो ।

फिर परी ने मेरी टीशर्ट ओर पैंट निकली।और मैने अपनी बनियान भी निकल दी। और सिर्फ अंडरवियर में आ गया।

फिर मैंने उसकी ब्रा निकली। और ब्रा निकलते ही मेरे मुंह से वाओ निकला। वो बोली क्या हुआ। मैं बोला तुम्हारे बूब्स कितने ब्यूटीफुल हैं।

अपनी तारीफ सुन कर वो शर्मा गयी। मै उन रसीले आमो का रस निचोड़ने लगा। मैने उसके एक बूब्स को मुँह में लिया और दुसरे को दबाने लगा।

परी तेज तेज सांसे लेने लगी और मेरे सिर को अपने बूब्स में दबा दिया। मैं बारी बारी दोंनो बूब्स को दबा रहा था, चूस रहा था। परी की सिसकारियां निकलने लगी आह……आ…..ओ…आ…. ओर ज़ोर से दबाओ इनको।उसकी सिसकारियां सुनके मुझे ओर जोश आ रहा था।

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बूब्स से नीचे होते हुए मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि में कुरेदना स्टार्ट किया। मेरी जीभ का स्पर्श पाते ही वो वो बिना जल मछली की तरह तड़प उठी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारी ले रही थी।

फिर मैं एक हाथ पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर ले गया और मसलने लगा।

परी को जैसे करंट लग गया। वो ज़ोर से कस्मकसाई लेकिन मेरा हाथ नही हटाया।

फिर मैंने उसकी पैंटी निकल दी उसकी चूत पर एक भी बाल नही था ऐसा लग रहा था जैसे आज ही उसने अपनी चूत के बाल साफ किये हैं। फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाई और उसकी चूत चाटने लगा।

उसने ज़ोर से सिसकारी ली आ…. सिद्धार्थ रुको, मुझे कुछ हो रहा है लेकिन मैं नही रुका। फिर वो ओर ज़ोर से सिसकारी लेने लगी, अह…आ….आह….आ…..ओह…. उइ……सीसी…… और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।

5 मिनट में ही उसका शरीर अकड़ गया और उसने पानी छोड़ दिया। मैने उसका पानी चाट गया। फिर मैं उठा और उसको देखने लगा। मैने उससे पूछा कैसा लगा मेरी जान।

परी बोली- बहुत मजा आया

फिर मैंने अपना अंडरवियर निकल दिया और वो मेरे लंड को देख के डर गयी।

मैं बोला इसको प्यार करो।

परी बोली- इतना बड़ा कैसे जाएगा मेरी चूत में। फट जाएगी मेरी चूत।

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मैं बोला कुछ नही होगा। मैं आराम से करूँगा। फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया।

परी उसको धीरे धीरे सहलाने लगी। मेरा लंड बिल्कुल टाइट हो गया था।

ऐसा लग रहा था जैसे अभी फट जाएगा। फिर मैंने उसको लंड मुँह में लेने कक बोला लेकिन उसने मना कर दिया।

मैं बोला यार जसे मैंने तेरी चूत चाटी थी तो तुझे मजा आया न। तो अगफ तू मेरा लण्ड चुसेगी तो मुझे भी मजा आएगा। तो चाहती हैं कि मैं ऐसे ही बिना मजे के रहु।

तो वो मान गई।

परी ने मेरे पेनिस के टोपे को मुंह मे लिया और थोड़ा सा चूसा।

उसने एक मिनट ही मेरा पेनिस चूसा फिर उसने मेरा पेनिस बाहर निकल लिया।

मैं बोला क्या हुआ करो न

परी- नहीं मुझसे नहीं होगा। मुझे वॉमिटिंग जैसा फील हो रहा है।

मैंने ज्यादा जबरदस्ती नहीँ की। मैंने उसे पानी पिलाया और फिर से किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा।

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5 मिनट में ही वो फिर से गरम हो गयी। मैंने तकिये के नीचे से कंडोम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया।

फिर मैंने उसकी आँखों में देखा और अपने पेनिस को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो सिसकारियां लेने लगि। जब वो पूरी वासना में हो गयी तब मैंने अपने पेनिस को उसकी चूत में हल्का सा डाला।