हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने एक किरायेदार की बीवी को चोदा और उनके मस्त चूचे मसले। यह घटना मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई है। दोस्तों मेरी उम्र 26 साल है और में मुंबई में रहता हूँ और में एक अच्छा दिखने वाला मजबूत शरीर वाला लड़का हूँ। में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ। मैंने अब तक बहुत सारी कहानियों के मज़े लिए है और उन्हें पढ़कर एक दिन मैंने अपनी यह घटना लिखने का सोचा। kiraydar ki biwi ki chudai ki mastram kahani.
लेकिन में थोड़ा सा डरता था और एक दिन मैंने हिम्मत करके इसको आप तक पहुंचा दिया, इसमें मैंने एक उस प्यासी तरसती हुई औरत की चुदाई के मज़े लिए जिसको इसकी बहुत जरूरत थी और मैंने उसकी उस जरुर को पूरा किया और अब आप सुनिए कि मैंने ऐसा क्या किया.
दोस्तों यह तब की बात है, जब हमने एक बार एक नई नई शादी होकर आये एक जोड़े को अपना मकान किराए पर दे दिया और देखते ही देखते हमारा पूरा परिवार और उन दोनों में बहुत अच्छा व्यहवार बन गया और में भी उनके साथ बैठने उनसे बातें हंसी मजाक करने लगा था.
दोस्तों यह उसके हमारे यहाँ पर रहने के करीब 11 महीने के बाद की बात है, जब एक दिन मैंने दीपक जो कि मेरा किरायेदार था
मैंने उससे पूछा कि क्या बात है आपकी और भाभी की तरफ़ से अभी तक हमे कोई भी खुश खबरी नहीं मिली है? तो उसने मेरी उस बात को सुनकर तुरंत अपना मुहं नीचे लटका लिया और उसकी वो हरकत देखकर मुझे बहुत अजीब लगा और में मन ही मन में सोचने लगा कि मैंने उसको ऐसा क्या कह दिया है, जो वो इतना उदास हो गया?
फिर वो मुझसे कहने लगा कि देख, क्योंकि तू मेरे भाई जैसा है और तुझसे मैंने अब तक अपनी कोई भी बात कभी नहीं छुपाई है, इसलिए में तेरे साथ यह भी करना चाहता हूँ कि यार तेरी भाभी और मुझमें अच्छे सम्बंध नहीं है.
मैंने चकित होकर उसकी बात को सुनकर उससे पूछा कि ऐसा क्यों है? तब उसने मुझे बताया कि मेरी कमाई बहुत कम है और में अपने घर की हर दिन की ज़रूरतें पूरी नहीं कर पा रहा हूँ.
फिर मैंने उससे कहा कि इसमें भाभी को बुरा मानने या रूठने की क्या ज़रूरत है, क्योंकि तुम तो बहुत मेहनती लड़के हो और कभी भी मेहनत से पीछे भी नहीं हटते हो और मुझे उम्मीद है कि तुम एक दिन बहुत अच्छा पैसा कमा लोगे और तब वो मेरी बात को सुनकर एकदम चुप हो गया. फिर में तुरंत समझ गया कि उसके मन में कुछ और बात भी है.
तब मैंने उससे कहा कि भैया आपने मुझे अभी अपना भाई कहा है और अब आप मुझसे ही वो बात छुपा रहे है. तब उसने कहा कि नहीं अजय ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा तुम सोच रहे हो, लेकिन हाँ कुछ बातें अगर पर्दे में ही रहे तो अच्छी होती है.
अब मैंने उसको समझाया कि अगर आप किसी को अपनी समस्या नहीं बताओगे तो वो हल कैसे होगी? मेरे इतने कहने में वो रोने लगा और मुझसे बोला कि भाई एक औरत को अपने मर्द से सिर्फ़ दो चीज़े चाहिए होती है, एक पैसा और दूसरा प्यार, लेकिन में उसको अपनी तरफ से यह दोनों ही ठीक तरह से नहीं दे पा रहा हूँ.
अब मैंने उससे पूछा कि क्यों आप तो इतने सुंदर गठीले शरीर वाले है तो फिर भी ऐसा क्यों? तब उसने कहा कि एक सुंदर दमदार शरीर होने से क्या होता है? तुम मुझे बताओ कि जब तुम अपनी घरवाली को अपनी तरफ से पूरी तरह से संतुष्ट ही नहीं कर पाओगे, तब तो वो तुमसे दूर भागेगी ही ना.
मैंने उससे कहा कि आप कम से कम मुझे बातें तो पूरी तरह खुलकर सही से बताए कि वो ऐसी क्या बात है? दोस्तों तब उसने जो मुझे बताया में तो उसको सुनकर एकदम चकित रह गया और उसको सुनकर मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि अब उसने मुझसे कहा कि हमारी शादी को पूरे 11 महीने हो गये है, लेकिन में इतने दिनों में एक बार भी तुम्हारी भाभी संजना के साथ वैसे शारीरिक संबंध नहीं बना पाया हूँ, जिसकी वजह से वो मुझसे खुश हो जाए.
दोस्तों अब में उसकी वो बात सुनकर बहुत हैरान हो गया और अंदर ही अंदर से मुझे उसके ऊपर बहुत गुस्सा भी आया, क्योंकि आख़िर जिस मर्द की इतनी नमकीन हॉट सेक्सी औरत हो, जो कि उम्र में सिर्फ़ 23 साल की हो और उसका रंग गोरा हो, आम की तरह जिसके बड़े बड़े लटकते हुए बूब्स हो, जो कि हर वक्त ब्रा से बाहर आकर साँस लेने को तड़पते हो, सच में मुझे उसके साथ यह काम देखकर बहुत बुरा लगा.
अब मैंने उससे साफ साफ पूछ लिया, क्या भाभी आपको उनकी चूत मारने से रोकती या मना करती है, उनको क्या कोई और लड़का पसंद है? तभी उसने कहा कि नहीं यार वो तो अब बहुत तड़प रही है कि कोई ना कोई उसकी चढ़ती हुई उस मस्त जवानी का पूरा मज़ा लूटे और उसको एक मर्द की तरह जमकर चोद दे और एक दमदार मर्द का पूरा प्यार उसको मिले और वो उस मर्द के बच्चे पैदा करे, वो तो असल में बहुत से बच्चे पैदा करना चाहती है, लेकिन उसकी किस्मत में मेरे जैसा नामर्द आ गया है, इसलिए उसके वो सारे सपने उसको अधूरे रहते हुए दिखाई दे रहे है, जिसकी वजह से वो अब बहुत परेशान सी रहने लगी है.
दोस्तों अब मुझे उसकी वो सभी बातें सुनकर मन ही मन में खुशी होने लगी थी और में सोचकर बहुत खुश था कि अब तो लगता है कि घर के इस भेदी को ही इस लंका पर अपनी चढ़ाई करनी ही पड़ेगी और फिर मैंने उसको आख़िरकार पूछा कि अगर भाभी आपको चूत मरवाने से मना नहीं करती है तो आप उसकी चूत को मारते क्यों नहीं हो, क्यों आप उनको अपनी चुदाई से खुश करके बच्चे पैदा नहीं करते?
तब वो मेरी उस बात को सुनकर उदास होकर रोने लगा और वो अब मुझसे कहने लगा, क्योंकि उसका लंड कमजोर है और बचपन में लगी एक चोट की वजह से वो खड़ा होने पर इतना सख़्त नहीं होता है कि किसी औरत की टाईट चूत को खोलते हुए वो उसमें पूरा अंदर चला जाए और यही वो वजह है. में आज तक संजना की टाईट चूत में अपना लंड नहीं डाल सका और वो अब तक मेरी चुदाई से माँ नहीं बनी, लेकिन अब मुझे डर इस बात का लगता है कि संजना किसी और मर्द के बहकावे में आकर किसी मर्द से संभोग ना कर बैठे, क्योंकि यह उम्र कुछ ऐसी ही होती है, जिसमें हर एक इंसान अपनी आग को शांत करने प्यास को बुझाने के लिए बहक जाता है.
मैंने उसको अपनी तरफ से समझाकर शांत किया. मैंने उसको हिम्मत देते हुए उससे कहा कि इस दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका हल ना हो, इसलिए अब आप थोड़ी हिम्मत रखे, में आपकी इस समस्या को दूर करने में आपकी पूरी पूरी मदद करूँगा और में आज ही किसी अच्छे डॉक्टर से आपकी इस समस्या के बारे में बात करूंगा और मुझे पूरा विश्वास है कि आप दोबारा ठीक हो जाएगें और उससे यह बात कहकर में अपने ऑफिस चला गया.
लेकिन दोस्तों अब उसकी वो बातें सुनकर मेरा मन अपने काम में कहाँ टिकने वाला था और अब तो में संजना भाभी के साथ उनकी मस्त जमकर चुदाई के सपने देखने लगा था, क्योंकि अब तक मेरे घर में इतना प्यासा बिना चुदा मस्त माल इतने दिनों रह रहा था और मुझे यह सब पता ही नहीं था. अब मैंने उसकी चुदाई के मौके देखने शुरू कर दिए थे, क्योंकि मैंने मन ही मन उसकी चुदाई करके उसकी चूत को शांत करके मज़े देने की बात अपने मन में पूरी तरह से ठान ली थी.
दोस्तों अब जब भी दीपक भैया उनके काम पर चले जाते, तब में कोई भी बहाना बनाकर भाभी से हंसी मजाक और बातचीत किया करता था और उस वजह से भाभी भी मुझसे धीरे धीरे घुल मिल गयी थी और उनको भी मेरे साथ अपना समय बिताना बहुत अच्छा लगता था.
एक दिन मेरी अच्छी किस्मत ने मेरा पूरा साथ दिया और मैंने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया, क्योंकि दोस्तों उस दिन हम दोनों घर में अकेले थे. वो मई का महीना था और भाभी अपने कपड़े धो रही थी और में पानी की टंकी को ठीक करने के बहाने से ऊपर छत पर चला गया. तब मैंने नीचे झांककर देखा कि भाभी उस समय अपने कपड़े धो रही थी और वो पूरी पसीने से भरी हुई थी.
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उनका वो सफेद रंग का सूट उस समय पूरा पसीने से लथपथ था और उस सूट के अंदर ब्रा उन्होंने पहनी नहीं थी. दोस्तों में देखकर अपने पूरे होश खो बैठा, क्योंकि मैंने ऐसा नज़ारा अपनी पूरी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा था. भाभी के बूब्स एकदम टाईट और उस पर खड़े हुए निप्पल थे और भाभी का निप्पल कम से कम एक इंच मोटा होगा, जिसको देखकर में बड़ा चकित हो गया था.
अब मैंने भाभी को कहा कि टंकी के ऊपर पड़ी इस मोटी सीमेंट की सील को उठाने में आप भी मेरी मदद करो और भाभी मेरे कहते ही झट से उठकर आ गई और गर्मी की वजह से मुझे भी बहुत पसीना आ गया और सीमेंट की उस सिल को उठाकर जैसे ही हम दोनों ने उसको ज़मीन पर नीचे रखा. तभी अचानक से भाभी फिसल गयी और गिर गयी. फिर मैंने जल्दी से उस सीमेंट की सिल को एक तरफ किया और मैंने भाभी की गरम भरी हुई जाँघ पर अपने हाथ रखते हुए उनसे पूछा क्यों भाभी आप ठीक तो है ना?
वो कहने लगी कि नहीं अजय तुम मुझे उठाओ और मेरे बेडरूम में ले चलो, मेरे बहुत ज़ोर से चोट लगी है. अब में बहुत खुश हो गया, क्योंकि अब में उसके पूरे शरीर को बहुत आराम से हाथ लगा सकता था. उस समय भाभी पूरी पसीने से लथपथ थी और उनकी उस भीनी भीनी खुशबू ने मुझे बिल्कुल पागल बना दिया और उनके पसीने की वो खुशबू प्याज़ जैसी थी.
मैंने उन्हें अपनी बाहों का सहारा देकर उठाया. उनका पूरा बदन मुझसे छू रहा था और फिर मैंने उनको कमरे में बेड के ऊपर लेटा दिया. दोस्तों असल में ज्यादा वजन उठाने की वजह से उनकी पीठ पर थोड़ा सा ज़ोर पड़ गया था. मैंने उस अच्छे मौके का पूरा फायदा उठाने की बात अपने मन में सोची और मैंने भाभी का सर अपनी गोदी में रखकर उन्हें आराम करने को कहा.
तभी भाभी ने अचानक से मेरा चेहरा नीचे खींचा और उन्होंने मुझे ज़ोर से किस करना शुरू कर दिया, में तो एकदम पागल हो गया था, क्योंकि मैंने जो उनसे चाहा था, वो मुझे मिल गया था और अब मैंने भी सही मौका देखकर भाभी को चूमना शुरू कर दिया और उसके पसीने की खुशबू ने मुझे पूरी तरह से मदहोश कर दिया था और इस चुंम्मा चाटी के बीच मेरा पसीना और भाभी का पसीना आपस में मिल गये थे.
अब भाभी मुझसे कहने लगी कि अजय में शुरू से ही तुम्हारे सपने देख रही हूँ, क्योंकि तुम एक असली मर्द हो, इसलिए आज तुम मुझे बिल्कुल भी निराश ना करना, आज तुम मुझे एक असली मर्द के प्यार का वो एहसास दे दो, जिसके लिए में अब तक तरस रही हूँ, प्लीज आज तुम मुझे अपनी तरफ से खुश कर दो.
दोस्तों अब उसके मुहं से इतनी बातें कहने की देर थी कि में अपनी सभी हदे पार कर गया और मैंने उसके माथे पर चूमा और तुरंत सही मौका देखकर उसकी सलवार कमीज़ को उसी समय उतार दिया और कपड़ो से उन दोनों बूब्स को छुड़ा दिया और जैसे ही वो दोनों मोटे मोटे बूब्स उन कपड़ो की क़ैद से बाहर निकले.
तो मैंने उनको ज़ोर से दबा दिया, जिसकी वजह से भाभी आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ करने लगी, उनके बूब्स पर बहुत सारा पसीना आया हुआ था, लेकिन में वो सारा पसीना अपनी जीभ से चाट गया और अब में उनके निप्पल को दबाने लगा भाभी आह्ह्ह्हह अईईईईइ ऊऊऊओ करने लगी.
फिर मैंने देखा कि भाभी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. तभी उसी समय भाभी मुझसे बोली कि में आज एक असली दमदार मर्द का यह शरीर पाकर धन्य हो गयी, इसलिए आज से में बस तुम्हारी पत्नी बनकर ही रहूंगी और तुम चाहो तो में तुम्हारे बच्चे भी जरुर पैदा करूँगी.
अब में उसकी वो बातें सुनकर एकदम खुश हो गया और अब उसकी इतनी बात सुनकर मैंने उससे कहा कि संजना तुम बिल्कुल भी चिंता ना करो, तुम्हारी इस मस्त जवानी को में ऐसे ही खाली जाने नहीं दूँगा, तुम्हें एक मर्द का प्यार में जरुर दूँगा, जिसको पाकर तुम कभी किसी और मर्द के पास कभी जाओगी ही नहीं और वैसे भी तुमने आज मुझे अपना पति मान लिया है.
अब में भी तुम्हे अपनी पत्नी मानता हूँ और तुम्हारी हर प्यास को बुझाना तुम्हारी हर एक इच्छा को पूरा करना मेरा एक फ़र्ज़ है, तुमको जितने बच्चे चाहिए वो सब मेरी ही चुदाई से तुम्हें पैदा होंगे.
अब संजना मेरी बातें सुनकर बहुत खुश हो गयी और वो मुझसे पूछने लगी कि आपको हमारा पहला बच्चा लड़का चाहिए या लड़की? तब मैंने उससे कहा कि मेरा यह मोटा लंबा लंड सिर्फ़ लड़के ही पैदा करेगा और तुम भी हमारे पहले लड़के का मन बना लो.
फिर मेरे मुहं से इतना सुनते ही संजना बोली कि हाँ मेरे पति देव आप जैसा मर्द किसी औरत को चोदे और वो औरत बेटा ना पैदा करे, ऐसा हो ही नहीं सकता.
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इतना कहते ही मैंने उसके हाथ बेड पर उसके सर के पीछे कर दिए और उसकी बगल जो कि बालों और पसीने से भरी हुई थी. फिर मैंने उनकी मदमस्त खुशबू को सूँघा और सच कहूँ तो दोस्तों मुझे मज़ा आ गया, हम दोनों पसीने से लथपथ थे और एक दूसरे के शरीर की खुशबू को सूंघ रहे थे.
फिर में इतने में पूरा नंगा हो गया और अपनी पसीने और बालों से भरी छाती को मैंने उसके नरम और गरम बूब्स पर रख दिया, जिससे उसके बूब्स मेरी छाती के नीचे दब गये और उसके होंठो को अपने होंठों के साथ जोड़ते हुए उसकी सारी गुलाबी कलर की लिपस्टिक को में धीरे धीरे चाट गया.
मैंने अपना तना हुआ मोटा लंड बाहर निकाला तो वो देखकर एकदम से घबरा गयी और बोली कि उफ़ नहीं आज तो मेरा नया पति मेरी चूत को चोदकर फाड़ देगा और मुझे लगता है कि एक बच्चा तो मुझे आज ही पैदा करना पड़ेगा नहीं तो यह तुम्हारा लंबा मोटा लंड मुझे आज मार ही देगा, सच में अजय तुम्हारा यह 6 इंच का लंड एक असली मर्दानगी की पहचान है, अगर तुम मुझे पहले मिले होते तो अब तक में तुम्हारे लिए एक बेटा भी पैदा कर चुकी होती और मेरे इन दोनों बूब्स में आज तुम्हारे बेटे का दूध भरा होता.
दोस्तों अब में उसकी वो बातें सुनकर हंस पड़ा और अब में उसकी गीली, कामुक, वर्जिन चूत पर अपना लंड रखकर धक्का मारने लगा. दोस्तों मैंने तब महसूस किया कि उसकी चूत एकदम टाईट थी.
में बहुत हैरान हो गया और मन ही मन सोचने लगा कि वो पैशाब कैसे करती होगी और मैंने एक दो बार अपने लंड को धक्के देकर अंदर किया, लेकिन वो नहीं खुली. तभी मेरे दिमाग में एक बहुत अच्छा विचार आ गया और मैंने उसके बूब्स को उसका ध्यान बटाने के लिए ज़ोर ज़ोर से दबाने शुरू कर दिए और उसके दोनों निप्पल पर एक साथ चुमटी भरी.
उसके मुहं से ज़ोर की चीख निकल गई और उसी समय मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर का धक्का मार दिया और मैंने अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया. संजना को बहुत दर्द हुआ और उसकी आँखों से पानी बाहर निकल आया और वो ज़ोर से तड़पती हुई रोने लगी और दर्द से मचलने लगी थी, उसको वो दर्द लेना कुछ ज्यादा भारी पड़ गया था, क्योंकि उसकी पहली चुदाई में मेरा मोटा लंड उसको आज जबरदस्ती चीरता हुआ आधा अंदर जा पहुंचा था.
देहाती माँ की ग्रुप में चुदाई की कहानी – तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत
तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरे लंड पर कुछ गीला गीला लग रहा है और नीचे अपना हाथ ले जाकर उस जगह पर लगाने के बाद मैंने देखा कि वो खून था, जिसका मतलब अब साफ था कि उसकी चूत अब मेरी चुदाई से फट चुकी थी, इसलिए में अब धीरे धीरे अपने पूरे लंड को उसकी चूत के अंदर डालने में पूरी तरह से कामयाब रहा और फिर उसके बाद उसकी चूत और मेरे लंड ने आपस में बहुत देर तक मज़े लेकर जमकर आपस में रगड़ खाई.
दोस्तों में सच कहूँ तो उसकी इतनी टाईट चूत को रगड़ना किसी लंड के लिए भी आसान काम नहीं था और करीब 15 मिनट तक हम दोनों सम्भोग के मज़े लेते रहे, जिसमें उसने मेरा पूरा साथ दिया और फिर मैंने आखरी में धक्के देते हुए अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया. उसके चेहरे पर एक ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी और पसीने से लथपथ होकर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ही पड़े रहे.
मैंने उसके पसीने को दोबारा सूंघना शुरू किया, उसकी मुझे एकदम मस्त खुशबू आ रही थी और कुछ देर बाद वो अपने एक एक बूब्स को मेरी बालों और पसीने से भरी छाती पर रखकर मेरी बाहों में सो गयी. मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.
दोस्तों उस दिन मैंने उसकी तीन बार बहुत जमकर चुदाई की.
उसकी चूत पर रगड़ आ गयी थी और उस वजह से उसको अब ठीक तरह से चलने में बहुत मुश्किल हो रही थी, लेकिन कुछ भी रहा हो, वो मेरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट बहुत खुश थी, उसको आज इतने दिनों के बाद मेरी वजह से वो सब मिल चुका था, जिसकी उसको बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी.
वो यह प्यार अपने पति से पाना चाहती थी, लेकिन उस परेशानी की वजह से वो आज मेरे साथ वो मज़े ले रही थी और मैंने उसको अपनी तरफ से कभी भी ऐसा मौका नहीं दिया. वो कुछ कमी महसूस करे.
में उसके कहने पर अब हर बार कोई अच्छा मौका देखकर तन और मन से उसकी सेवा में लगा रहा.