चूत में लवड़ा डाल कर हिला दिया

नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग | दोस्तों मैं आप लोगो के जीवन की मंगल कामना की दुवा करता हूँ जिससे की आप लोग रोज सेक्सी कहानियों पर अपना पूरा ध्यान दें | दोस्तों मेरा नाम राहुल मिश्र है और मैं बिहार का रहने वाला हूँ | मेरी फॅमिली एक छोटी फॅमिली है जिसमे मेरे मम्मी-पापा और एक छोटा भाई रहता है | chut me lavda

दोस्तों मैं आप लोगो के लिए रोज एक नयी कहानी लिखता हूँ | mami ki chut me lavda

जिसे पढके आप लोग या तो मुठ मारते होगे या फिर जिसके पास चूत का प्रबंध है वो अपनी चूत की चुदाई करता होगा |

दोस्तों मैं आज आप लोगो को एक नयी कहानी बताऊंगा जो की मेरे ही जीवन पर आधारित है | इस कहानी में मैंने अपनी मामी जी की चूत को चोदा है और अपने लंड का माल उन्ही की चूत में छोड़ दिया है |

तो आइये दोस्तों मैं अपनी ज्यादा बकवास न करते हुए सीधा आप लोगो को कहानी की और ले चलता हूँ |

तो मेरे प्रिय भाइयों और बहनों ये बात उस समय की है.. chut me lavda

जब मैं अपनी पढाई अपने ही शहर में करता था | मैंने हाई स्कूल तक की पढाई अपने ही घर से नजदीकी स्कूल से की थी | मेरा स्कूल मेरे घर से लगभग 4-5 किलोमीटर की दूरी पर था | मैं अपने स्कूल अपनी स्कूटी से जाया करता था | एक मेरा दोस्त था सत्यम वो मेरे ही घर के पास में रहता था | वो भी मेरे ही साथ मेरी ही क्लास में पढता था | हम लोग अपने स्कूल अपने घर से एक ही साथ में निकलते थे |

मैंने अपने छोटे भाई को अपने साथ ले जाता था और वो अपनी छोटी बहन को अपने साथ स्कूटी पर बैठाल कर ले जाता था | हम लोगो की घर से लगा कर स्कूल तक में बहुत अच्छी दोस्ती थी | एक दिन मैं और मेरा दोस्त तैयार होकर अपने-अपने घर से स्कूल के लिए निकले | हम लोग बाहर स्कूटी लेके खड़े थे और अपने-अपने भाई और बहनों का वेट कर रहे थे वो अभी तक तैयार नही हो पाए थे |

हम लोग बाहर खड़े होकर बात कर रहे थे | sexy mami ki chut me lavda

तभी मेरे दोस्त सत्यम ने कहा की भाई आज स्कूल जाने का तो मन नही है | आज साला मैथ का टीचर हमारी कांपियां चेक करेगा और काम पूरा नही है | मैंने भी अपना दिमाक लगाया और कहा की भाई बात तो ठीक है पर किया क्या जाये | मेरे दोस्त ने अपना दिमाक लगाया की आज हम लोग स्कूल से बंक मारते हैं और भूल भुलैया चलते हैं | मैने उसे हाँ कर दी , हम लोग अपने भाई-बहन को बैठाल कर स्कूल ले गये और स्कूल के बाहर ही छोड़ दिया और भूल भुलैया चले गये |

हमारे कॉलेज से लगभग 12-13 किलोमीटर की दूरी पर भूल भुलैया थी जो की पुराने ज़माने में वहां के राजा विक्रम जीत सिंह ने बनवाई थी | हम लोग वहां पहुंचे अपनी-अपनी स्कूटी खड़ी की और वहां टहलने लगे | वहां हम लोगो के जैसे बहुत लड़के आते जाते थे | भूल भुलैया एक प्रकार से बक्चोद लडको का अड्डा बन गया था | वहां लड़के लडकियो को भी ले के आते थे और उनकी वहीँ भूल भुलैया में चुदाई करते थे |

एक प्रकार से भूल भुलैया में सब काम होते थे नशे से लगाकर चुदाई तक | chut me lavda

हम लोग वहां दुसरी बार गये हुए थे | हम लोग थोडा टहले और वहां एक अच्छी सी जगह पर बैठ कर वहां के नज़ारे ले रहे थे | हम लोगो को वहां अपने स्कूल की टाइमिंग तक रुकना था | इसलिए हम लोग अपने खाने-पीने का सामान अपने साथ में ले गये थे | वहां हम लोग बैठ कर कोल्डड्रिंक और चिप्स खा-पी रहे थे | तभी मेरी नज़र मेरी ही साइड में बैठे एक लड़के और लड़की पर पड़ी |

वो लोग आपस में चिपक कर बैठे हुए थे और बाते कर रहे थे | bur me lund

हम ओग अपने बैठकर खा रहे थे और उनकी बातो को सुनकर एन्जॉय कर रहे थे | थोड़ी देर तक उन लोगो ने बाते की और फिर लड़का लड़की को लेके पास के गन्ने के खेत में ले गया | हम लोग अपना खाना पीना खत्म किया और वहीँ बाहर बैठकर यह देख रहे थे की वो अन्दर क्या करने गये हैं |

थोड़ी देर तक हम लोग बाहर बैठे रहे और फिर अंदर गन्ने से जोर-जोर से लड़की की आह्ह आह्ह आह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्हा हाहा हाहाह हाह आह्ह आह्ह अहह आह्ह आह्ह्ह हहहः उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह उन्ह उन्ह उन्ह की सिस्कारियां निकल रही थी | हम लोग बाहर बैठकर मौज ले रहे थे | थोड़ी देर के बाद वो बाहर निकले |

लड़की के बाल उलझे हुए थे और लड़के के घुटनों ने मिटटी लगी हुई थी | desi boor

हम लोग थोड देर तक बैठे और फिर अब हम लोगो के स्कूल में छुट्टी होने वाली थी और हम लोगो को अपने-अपने भाई-बहन को भी लेना था | हम लोग वहां से चल दिए और अपने स्कूल के बाहर खड़े हो गये | हम लोगो ने अपने-अपने भाई–बहन को लिया और घर चले आये | और जब रात हुयी तब मैं और मेरा दोस्त छत्त पर आये और साथ में मिलकर मुठ मारा | मेरा दोस्त बहुत जल्दी झड गया था और मैं लगभग 10 मिनट तक अपने लंड को हिलाया था तब कहीं जाके झडा था |

Banglachati golpo padhiye indiansexstories par.

धीरे-धीरे हम लोगो के एग्जाम हुए और पापा ने मेरा एडमिशन मेरा मामा जी के वहां करवा दिया था और मैं वहीँ रहता था | मामा जी घर पर रहते नही थी वो पुलिस में थे और मामी जी और उनकी एक छोटी लड़की घर पर अकेली रहती थी | इसलिए पापा-मम्मी ने मेरा एडमिशन मामा जी के वहां करवा दिया था | मुझे मेरे मामा जी के वहां रुकते-रुकते 6-7 महीने हो गये थे |

मैं सुबह अपने कॉलेज अपने मामा जी की लड़की को साथ में लेके जाता था | chut me lavda

और शाम को उसको अपने साथ ही लेके आ जाता था | दोस्तों जो मेरी मामी जी थी वो बहुत ही मस्त और सेक्सी थी | उनकी मेरे मामा जी के साथ नयी-नयी शादी हुयी थी | एक दिन मैं और मामी जी घर से बाहर घूमने के लिए गये | हम लोगो ने पहले तो मूवी देखि और फिर बाद में एक अच्छे से रेस्टोरेंट में खाना खाया और घर पे चले आये | मैं अपने कमरे में आराम से लेता हुआ था | तभी मुझे मेरी मामी जी ने आवाज लगे |

मैं उठकर उनके कमरे में गया तो देखा वो थी नहीं बाथरूम से आवाज आ रही थी | मैंने सोंचा की वो सायद अंदर होंगी और मैं मामी जी के कमरे में बैठकर मामी का वेट करने लगा | मैं मामी के बेड पर लेटा हुआ था और तभी मेरी नज़र बेड के साइड में टेबल पर रखी एक बुक पर गया | मैंने वो बुक उठाई और खोल के तो देखा वो सेक्सी कहानियों की थी | जो की मामी जी पढ़ती थी , मामी जी अभी आयी नही ही थी |

मैं उसे खोल के पढने लगा | chut me lavda

थोड़ी देर तक मैंने उस बुक को पढ़ा और जब मैं पढ़ते-पढ़ते गरम हो गया तब मैंने अपना हाँथ अपने पैन्ट के अन्दर डाल कर अपने लंड को सहला रहा था | मैं अपने लंड को सहलाने में इतना मगन हो गया था की कब मेरी मामी जी बाथरूम से आ गयी मुझे पता ही नही चला | वो मुझे खड़े होके देखे जा रही थी और मैं अपने लंड को सहलाने में बिजी था | थोड़ी देर तक मामी जी खड़ी रही और जब उनसे भी नही बर्दास्त हुआ तब वो आके मेरे पास बेड पर बैठ गयी और मेरे पैन्ट को खोलने लगी |

मामी जी ने जैसे ही मेरी पेंट को हाँथ लगाया मैं एकदम चौंक कर बैठ गया और अपना हाँथ अपनी पेंट से निकाला | मामी जी भी गरम थी और मैं भी गरम हो गया था | मेरा लंड एकदम फूला के तना हुआ था | मैं थोडा घबराया और बेड पर ही बैठा रहा | मामी जी ने मूझसे कहा की इतना शरमा क्यों रहे हो , मैं समझ सकती हूँ तुम्हारी फीलिंग को और फिर अपना हाँथ मेरी पेंट में डाल कर मेरे लंड को सहलाने लगी |

मैं चुप-चाप बेड पर बैठा था | chudas mami ki chudai

थोड़ी देर तक मामी ने मेरे लंड को पेंट के अन्दर सहलाया और फिर मेरी पेंट को खोल कर मेरा लंड अपने मुह में रख कर चूसने लगी | वो इतने अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी की मेरे मूह से आह आह आह आह आहा आह आह्ह आहा आह्ह अहह आह्ह अह्ह्ह औंह उन्ह उन्ह ऊंह उन्ह ओह्ह ओह्ह की सिस्कारिया निकल रही थी | फिर उसके बाद मामी ने मी और अपने सारे कपडे उतार दिए और जाके मामी जी बेड पर लेट गयी |

मैं भी अब अपनी शर्म कम कर चूका था और पूरी तरह से मामी के सामने खुल चूका था | मैंने मामी की दोनों पैरों को फैला दिया और अपना लंड मामी की चूत में डाल कर उनके ऊपर लेट गया | मैं मामी की चूत में धक्के देते-देते मामी जी के बूब्स को अपने मुह में रख कर पी रहा था और मामी जी भी अपने मुह से आह आह आह आः आह आः आह आहा आहा आह आः आह आः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह आह इह्ह इह्ह इह्ह की सिस्कारिया निकाल रही थी |

थोड़ी देर तक मैंने मामी जी की चूत में धक्के दिए और फिर जब मैं झड़ने वाला था तब मूझे इतना मजा आ रहा था की मैंने अपना लंड मामी जी की चूत में हिला कर अपने लंड का माल छोड़ दिया था |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी इस तरह से मैंने अपनी मामी जी की चूत को चोदा और अपना लंड उनकी चूत में हिला कर अपने लंड का माल उनकी चूत में छोड़ दिया |