मैंने दिनेश से कहा – ठीक है भाई.. मैं तुम्हारी कंपनी में नौकरी के लिए अप्लाई कर देता हूँ। रिज्यूमे तुझे फॉरवर्ड करता हूं. देख ले..
दिनेश – ठीक है. भेज बायोडाटा. मैं देख लूंगा. कुछ दिनों बाद मुझे मुंबई से इंटरव्यू का कॉल आया और राउंड के बाद मेरा सिलेक्शन भी हो गया..
सब कुछ इतना फास्ट हुआ कि कुछ मालूम ही नहीं पड़ा.. इंटरव्यू, सिलेक्शन सब फटाफट हो गया.. शायद मुंबई सच में मुझे बुला रही थी..
खैर, मैं मुंबई चला गया.. वहा पहले थोड़ा एडजस्ट होने में टाइम लगा ..बाद में सब नॉर्मल हो गया..सब कुछ अच्छा चल रहा था..मुंबई में मेरे अब और कुछ दोस्त बन चुके थे और दिनेश तो पहले से ही था वही… आप ये बहन की सहेली सोनाक्षी की फुद्दी मारी सेक्स कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं।
दिनेश के घर. भी आना जाना लगा रहता था मेरा.. दिनेश के मम्मी पापा से मिला. वो मिलकर बहुत खुश हुए. घर पे माँ और प्रिया से भी बातें होती थीं। प्रिया का कॉलेज पूरा हो चुका था और वो आगे कुछ करने की सोच रही थी.. मेरी लाइफ पूरी तरफ से सेटल हो चुकी थी। मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी मुंबई रास आ जाएगी मुझे..
सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए मैंने मुंबई में अपना एक फ्लैट भी खरीद लिया.. माँ और प्रिया तो बोली.. घर ले के लिए है मैं मुंबई में, आ जाओ.. वो दोनो बहुत खुश हुए..
मेरे अंकल हमेशा कहते थे, बेटा, ठीक किया तुमने मुंबई आ कर। अच्छी जॉब मिल गई और सेटल भी हो गए तुम..
एक दिन, प्रिया मुझसे कहने लगी – भैया, अब आप शादी कर लो…
मैं – हम्म.. फिलहाल तो शादी का मूड नहीं है मेरी प्रिया.. थोड़े समय के बाद सोचूंगा… पहले तेरी शादी करवा लूं.. फिर शायद अपनी भी कर लूंगा…
प्रिया – क्या भैया.. अभी नहीं.. मैं तो अभी छोटी हूं..
मैं – तुम छोटी नहीं हो अब.. कॉलेज पूरा हो चुका है.. तुम्हारे लिए अब लड़का देखा पड़ेगा…
वो उदास हो गई.. और कहने लगी – तुम्हें और मम्मी को छोड़ कर मैं कहीं नहीं जाऊँगी..
मैं – अरे.. उदास मत हो.. मैं तो मजाक कर रहा था..
उसका मूड ठीक हुआ और वो अपने काम में लग गई.. कुछ दिनों तक मम्मी और प्रिया मेरे साथ मुंबई में रहे और फिर वापस गांव चले गए.. वहा भी तो हमारा घर था.. वो भी देखना था… मैं अकेला हो गया…
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.. फिर एक दिन प्रिया का कॉल आया..
प्रिया – भैया, सोनाक्षी भी मुंबई में है.. क्या आप उससे एक बार मिल लोगे?
मैं – मिल लूंगा.. कोई बात नहीं.. मुझे उसका नंबर भेज दे..
प्रिया ने उसका मोबाइल नंबर भेजा.. मैंने उसको फोन किया और पूछा…
मैं – सोनाक्षी.. कैसी हो?
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सोनाक्षी – अरे हर्षित भैया.. मैं ठीक हूं.. आप बताओ..
मैं – मैं भी ठीक हूं.. मुंबई कब आई तुम? किसी काम से आई हो या बस वेकेशन मनाने?..
सोनाक्षी – वेकेशन कहा भैया… मैं यहां किसी काम से आई हूं..
उसने बताया कि वो एक कंपनी में जॉब कर रही थी और उसी सिलसिले में मुंबई आई थी.. मैंने कहा अच्छा किया.. मुंबई मस्त शहर है.. टाइम मील तो मिलो.. वो राजी हो गई…
अगले दिन हमने एक जगह तय करो और शाम को वहाँ मिलो.. मेरा भी ऑफिस खत्म हो गया था और वो भी फ्री थी अब..
कुछ देर बातें करने के बाद उसने कहा – कहीं डिनर करें क्या? मुझे यहाँ के बारे में ज़्यादा पता नहीं.. आप ले चलो…
मैंने पूछा – सिर्फ़ खाना ही खाना है या मुंबई का रसपान भी करोगी?
मैं मस्त मूड में था.. काफी दिनों बाद किसी लड़की की कंपनी मिली थी.. और मुंबई में पार्टी मूड हमेशा ही बना रहता है..
सोनाक्षी – रसपान?
मैं – अरे, रसपान मतलब शराब… लोगी थोड़ा?..
सोनाक्षी – क्यों नहीं? ..
हम एक रेस्टोबार में खाने चले गए.. वहा लेडीज-जेंट्स सब अपने आप में रह कर खा-पी रहे थे.. काफी लेट हो गया और सोनाक्षी ने कुछ ज्यादा ही पी लिया.. या ये समझिए.. उसको ज्यादा चढ़ गई…
उस रात, सोनाक्षी के नशे ने, मेरी रातें रंगीन बना दी.. कैसे? पढ़िए आगे..
Bahan ki saheli ko chudai ke liye ready kar raha tha main..
अब सोनाक्षी को संभालना मुश्किल था रेस्टोबार में.. वो नशे में मुझसे लिपट रही थी.. मुझे अपने बाहों में लेने की कोशिश कर रही थी..
मैं उसको अपने कमरे पर ले आया.. आप ये बहन की सहेली सोनाक्षी की फुद्दी मारी सेक्स कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं।
वो मुझे चूम रही थी.. कह रही थी – आप तो मुझे टाइम ही नहीं देते.. मैं कब से आपकी बाहों में आना चाहती थी..
मैं – मैं भी तुमको पाना चाहता था सोनाक्षी..
ये बात झूठ नहीं थी.. मुझे सोनाक्षी बहुत अच्छी लगती थी.. पर क्योंकि वो प्रिया की दोस्त थी, इसलिए मैंने ज्यादा अप्रोच नहीं किया था..
हम बेडरूम में आ गए.. एक दूसरे को चूमते चाटते.. मैं उसके बदन को मसलता.. और मेरे बदन को रगड़ता… ऐसे ही हम बेड पर ले गए..
उसने मुझे नीचे गिरा दिया और मेरा पैंट निकाल दिया .. अंडरवियर पर से ही मेरे लंड को किस करने लगी…
सोनाक्षी – आज नहीं बचेगा ये.. बहुत टाइम से लेना था मुझको…
मैं बस स्माइल करते हुए सोनाक्षी को मेरे लंड से खेलते देख रहा था.. उसने मेरा अंडरवियर निकाल दिया.. मैंने टी-शर्ट निकाल दिया.. अब मैं पूरा नंगा था..
मेरे लंड को देखकर वो खुश हो गई.. खुश क्यों ना हो.. 8 इंच का जो था.. और मोटा भी बहुत था… किसी भी औरत की चूत फाड़ दे ऐसा फौलादी लंड था मेरा…
सोनाक्षी – आज मैं इसका सारा माल पी लूंगी..
और वो लंड मुँह में ले कर चूसने लगी.. मैं तो जैसे सात्वे आसमान पे था.. वाह! क्या लग रहा था… उम्म्म… उम्म्म्म… ओह्ह… आह्ह….
ऐसी ख़ुशी पहले कभी नहीं मिली थी मुझे.. उसके मुँह की गर्मी मुझे अपने लंड पर लग रही थी.. वो जीब से मेरे लण्ड के टोपे को चाट रही थी.. और चाट रही थी.. मुठ मार रही थी..
ऐसा उसने 10 मिनट तक किया… फिर मैं बोला – सोनाक्षी.. मेरा माल गिरने वाला है…
झट उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और सारा माल पी लिया.. कुछ बूंदें उसके होठों पर गिर गईं.. उसने जीभ से सब चाट लिया.. एक नंबर की रंडी लग रही थी…
फिर मैंने उसको नंगा कर दिया.. उसको कपड़ो से एक मस्त भीनी-भीनी से खुशबू आ रही थी.. मैने उनको गाने लगा..
सोनाक्षी – क्या सिर्फ कपडे ही सूंघते रहोगे? मेरी चुत को तुम्हारी जीभ का इंतज़ार है..