नमस्कार मंडली! क्या आपने कभी अपनी बहन की किसी सहेली को छोड़ा है? मुझे चांस मिला अपनी बहन के दोस्त को चोदने का.. और मैंने उसके साथ जमकर सेक्स किया.. खूब जोरदार चुदाई की मैंने उसकी.. बहन के सहेली की चूत की चुदाई के बाद मैं दीवाना बन गया। क्या मस्त चूत थी उसकी.. वाह! वहीं मैं आज आपको बताने जा रहा हूँ… hot and sexy bahan ki saheli ki fuddi maari aur usko choda akele mein.
कहानी शुरू करते हैं.. मेरा नाम हर्षित है और मैं एक कंपनी में जॉब करता हूं. घर में मेरी एक बहन है, उसका नाम प्रिय है। मेरे पापा का देहांत हो गया है और मेरी सैलरी से घर चलता है.. मेरी मां घर संभालती है..
एक दिन, जब मैं ऑफिस से घर आया तो मम्मी ने मुझे पानी दिया.. मैंने मोजे निकाले, पानी पिया और सोफे पर बैठ गया..
माँ – बेटा.. चाय पिएगा?
मैं – हाँ माँ.. थोड़ा बना दो..
माँ मेरे लिए चाय बनाने के लिए चली गई। आप ये बहन की सहेली सोनाक्षी की फुद्दी मारी सेक्स कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं। मैं फोन में टाइम पास करने लग गया.. तभी मेरी बहन प्रिया वहां आ गई…
प्रिया – भैया, मुझे आपकी एक मदद चाहिए..
मैं – क्या हुआ प्रिया? सब ठीक है ना?..
प्रिया – भैया, मुझे कल मेरी सहेली सोनाक्षी के घर जाना है.. क्या क्या आप मुझे उसके घर ड्रॉप कर दोगे? मैं – ठीक है प्रिया.. कल सुबह तुमको सोनाक्षी के यहाँ ड्रॉप कर दिया.. उसके बाद मैं ऑफिस चला जाऊँगा..
वो खुश हो गई..
मैं – क्या कोई ज़रूरी काम है वहाँ तुमको?..
प्रिया – अरे नहीं भैया, ऐसे ही मिलना था उसको मुझसे..
मम्मी चाय बनाकर लाई…
मैंने चाय पी प्रिया से पूछा – प्रिया, तुम्हारे आगे का क्या प्लान है? प्रिया – भैया, अभी तो कुछ सोचा नहीं.. क्या करना है, कॉलेज खत्म होने के बाद सोचूंगी.. अभी मुझे इसका टेंशन नहीं लेना है..
मैं – ओके बाबा.. ठीक है.. कॉलेज लाइफ एन्जॉय करो..
वो हंस के अंदर कमरे में चली गई…
अगले दिन हम तैयार हुए और निकल पड़े। हम लोग सोनाक्षी के घर के बाहर पहुंचे तो मैंने देखा कि सोनाक्षी बाहर ही खड़ी हमारा इंतजार कर रही थी..
हम पाहुच गए.. प्रिया उतरी और सोनाक्षी के गले लग गई.. हो गया हग किया..
सोनाक्षी मेरी तरफ देख के बोली – भैया, अंदर चलिए..
मैं – नहीं सोनाक्षी, अभी मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है .. बाद में कभी…
और मैं वहां से ऑफिस के लिए निकल गया…
ऑफिस के बाद मैंने प्रिया को कॉल करके बोल दिया के अगर कोई जरूरी हो तो फोन करना.. प्रिया ने ठीक कहा.. पर उसका कोई फोन नहीं आया मुझे.. उल्टा मुझे ही फ़ोन करना पड़ा…
मैं – प्रिया, तुम तो मुझे भूल ही गई सोनाक्षी को पाकर.. फ़ोन ही नहीं किया..
प्रिया – अरे भैया, मैं अभी तो सोनाक्षी के घर पर ही हूँ.. बस कुछ देर बाद फ्री हो जाऊँगी..
मैं – ठीक है.. मैं ऑफिस से निकल रहा हूँ.. तुमको पिकअप कर लूँगा..
प्रिया – ठीक है भैया ..
और मैं प्रिया को लेने चला गया.. मैं जब वहा पहुचा, तो मैंने उसको फ़ोन किया.. तो प्रिया कहने लगी..
प्रिया – बस थोड़ी देर और.. प्लीज.. थोड़ी और देर लगेगी.. आप अंदर ही आ जयिये ना…
मैंने बाइक साइड में खड़ी की और सोनाक्षी के घर के अंदर चला गया..जब मैं अंदर गया तो देखा कि सोनाक्षी के मॉम डैड भी वहीं थे..मैं उन्हें नहीं जानता था..पहली बात ही उनको मिल रहा था.. तो सोनाक्षी ने मेरा परिचय अपने मॉम-डैड से करवाया.. परिचय के बाद सोनाक्षी के मां-पापा मुझसे बातें करने लगे..
मॉम-बेटा.. कहां जॉब करते हो?
मैं – आंटी, मैं एक एमएनसी में जॉब करता हूं। वहा प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर हूं..
आप ये बहन की सहेली सोनाक्षी की फुद्दी मारी सेक्स कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं। हम लोग आपस में बातें कर रहे थे.. वो दोनो अपनी बातें बता रहे थे.. मैं अपनी.. के प्रिये आ गई और बोली..
प्रिया – अच्छा अंकल, आंटी.. अब हम चलते हैं..
मैं भी उनको अलविदा बोलकर बाहर आ गया और हम वहां से निकल गए..
घर पहुंचते ही मां की कहा – बहुत देर कर दी तुम लोगों ने.. मैं कितनी टेंशन में थी…
मैं – अरे मां.. ये प्रिया ने सोनाक्षी के लिए लेट किया घर पे.. दोनो जब मिलती है तो चिपक जाती है.. छोड़ती ही नहीं एक दूसरे को.. देर तो होनी ही थी तब…
माँ – चलो.. कोई बात नहीं.. अब तुम दोनों फ्रेश हो जाओ.. खाना खाते हो…
मैं – मम्मी, मेरी अभी खाना खाने की बिल्कुल इच्छा नहीं है..
मम्मी – क्यों? खा लो खाना.. फिर आराम कर लेना…
मम्मी कहने वाली थी… खैर, हम लोगों ने साथ बैठकर खाना खाया.. उसके बाद मैं अपने कमरे में चला गया और मम्मी टीवी देखने लगी..
मैं अपने कमरे में बिस्तर पर लेट गया और फेसबुक पर अपने पुराने दोस्तों से चैट करने लगा.. अचानक अपने एक पुराने दोस्त, दिनेश, की प्रोफाइल देखी..
मैंने सोचा मैसेज डालता हूँ.. देख साले को याद भी है या नहीं.. मेरे मैसेज भेजते ही तुरन्त उसका रिप्लाई आ गया…
मैं – क्यों भाई.. कहाँ है आजकल?
दिनेश- बस, यहीं मुंबई में.. नौकरी कर रहा हूँ..
मैं – कब से यार?
दिनेश – बहुत टाइम हो गया भाई.. अब यहीं सेटल हो चुका हूं। मुख्य – महान! नंबर दे दे अपना.. कभी आना हुआ मुंबई में तो मिलूंगा तुझसे..
उसने नंबर भेजा.. मैंने उसको कॉल किया.. काफी देर बात हुई.. उसने कहा के उसको मुझसे बात करनी थी पर टाइम नहीं मिल रहा था..
हम दोनो अपने पुराने दिनों की बातें करने लगे.. वो दोस्तों के बारे में पूछने लगे.. मेरे जॉब के बारे में पूछा और मैने उससे… जब मैने अपनी कंपनी के बारे में बताया तो वो बोला..
दिनेश – भाई , तेरा मुंबई में अच्छा स्कोप है.. मेरी कंपनी अगर तेरे लिए बात करूँ तो तुझे अच्छी सैलरी मिलेगी..
मैं – सैलरी तो यहाँ भी ठीक ही है..
दिनेश – तू मुंबई आके तो आजा.. मुंबई का मज़ा ही अलग है. . कोशिश कर…
मैं भी मुंबई के बारे में सोचता था.. क्योंकि मेरे अंकल वहीं रहते थे.. जब भी अनलोगो के घर हम जाते थे बचपन में, मुझे लगता था कि ये लोग क्या मस्त लाइफ जी रहे हैं।