बारिश और मेरी चुत चुदाई

रमेश :- दीदी क्या आपसे एक बात कहूँ?

में :- हाँ क्यों नहीं……….. बोलो ना!

रमेश :- आप बहुत सुंदर हो!

उसकी आवाज़ आज मुझे कुछ अलग सी लग रही थी!

रमेश :- वो आज आपको बिना कपड़ो के देखा तो मुझे पता चला कि आप कितनी सुंदर हो?

में :- अपनी बकवास बंद कर नहीं तो में एक थप्पड़ लगाऊँगी और चुपचाप खाना खा!

फिर वो कुछ नहीं बोला और हम खाना खाकर टीवी देखने लगे करीब आधे घंटे बाद मैं उससे चेनल चेंज करने को कहा……….. क्योंकि मुझे सीरियल देखना था……….. लेकिन उसने साफ साफ मना कर दिया और वो टीवी देखने लगा रिमोट उसके पास में था! तो मैं झटके से रिमोट उठा लिया और चेनल चेंज कर दिया और रिमोट सोफे पर रखकर उस पर बैठ गयी!

रमेश :- रिमोट मुझे देती है या नहीं!

में :- नहीं दूँगी!

रमेश :- प्लीज़ दो ना मुझे टीवी पर कुछ देखना है!

में :- में नहीं दे रही और तुम्हें जो करना है कर लो!

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कुछ देर वो चुप बैठा फिर अचानक उसने अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रख दिया और मुझे अपनी ओर खींच लिया में बहुत हैरान थी और में एक झटके में उसकी गोद में आ गई थी! फिर उसने रिमोट ले लिया………..

लेकिन मुझे नहीं छोड़ा में अब भी उसकी गोद में ही थी और में उससे छूटने की कोशिश कर रही थी……….. उसने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ रखा था!

में :- रमेश यह क्या कर रहे हो?

रमेश :- अभी आपने ही तो कहा था ना जो करना है करो लो!

में :- बेशरम आने दो पापा को में तुम्हारी……….. मैं उसकी नाक पर ज़ोर से मारा तो उसने मुझे छोड़ दिया और में जैसे तैसे सोफे से उठी और दुपट्टा लेकर वहाँ से जाने लगी! तभी उसने मुझे पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर सोफे पर पटक दिया! मेरी तो चीख निकल गई और उसने बिना समय गवाएं मेरे मुहं पर रुमाल बाँध दिया और फिर मेरे दुपट्टे से मेरे हाथ बाँध दिए! अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और वो पूरी तरह से पागल हो गया था! में उससे छुटने की पूरी कोशिश कर रही थी और में अपने पैर से उसे दूर कर रही थी! फिर मेरा एक पैर उसके कामदेव (लंड) पर जाकर लगा तो वो दर्द के मारे वहीं पर बैठ गया और मुझे मौका मिला……….. में सोफे से उठी……….. लेकिन उसने मुझे पकड़ लिया और फिर सोफे पर पटक दिया!

रमेश :- साली तू बहुत लात चलाती है रुक जा!

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में रमेश के मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान थी और मुझे अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था! फिर उसने मेरे दोनों पैरों को पकड़कर फैला दिया और वो खुद मेरे ऊपर लेट गया एक हाथ से उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे करने लगा और दूसरे हाथ से वो मेरे चूचियो को मसलने लगा! उसने मेरी सलवार को नीचे किया और अपनी पेंट और अंडरवियर को नीचे करके अपना कामदेव (लंड) बाहर निकाला लिया! फिर वो मेरीचड्डीमें अपना एक हाथ डालकर मेरी बुर को सहलाने लगा और में उससे छूटने की कोशिश कर रही थी! मेरा सर सोफे से नीचे लटक रहा था और में पूरी ताक़त लगाने के बावजूद भी हिल नहीं पा रही थी! उसने मेरीचड्डीको साईड से हटाकर कामदेव (लंड) का टोपा मेरी बुर में रख दिया………..

में लाचारी से उसकी ओर देख रही थी! फिर उसने एक ज़ोर का झटका मारा और उसका आधा कामदेव (लंड) मेरी बुर में घुस गया……….. मेरी तो जान ही निकल गयी! फिर दूसरा झटका दिया और पूरा का पूरा कामदेव (लंड) अंदर! अब में दर्द से मरी जा रही थी और मेरी दोनों आँखों से गरम गरम आंसू निकल रहे थे और वो कामदेव (लंड) को ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर कर रहा था और अब मैं विरोध करना बंद कर दिया! वो भी मुझे चोदने का मज़ा लेने लगा………..

मैं अपनी दोनों आखें बंद कर ली……….. लेकिन आंसू नहीं रुके……….. इतना दर्द मुझे कभी नहीं हुआ!

फिर उसने मेरा शर्ट खोलना चाहा……….. लेकिन मेरे दोनों हाथ बंधे होने के कारण वो सिर्फ़ कंधे तक ही मेरा शर्ट खोल पाया! वो मेरी गर्दन, कंधे, गाल और पीठ पर किस करता रहा! में लगभग बेहोश हो चुकी थी……….. तभी वो बहुत घबरा गया और उसने मेरा मुहं खोल दिया……….. लेकिन मैं कोई हलचल नहीं की! फिर उसने पानी लाकर मेरे मुहं पर मारा तो मुझे थोड़ा होश आया और मैं उससे कहा कि प्लीज़ मुझे खोल दो तुम्हें जो करना है कर लो………..

लेकिन धीरे धीरे! वो बहुत खुश हो गया और मुझे किस करने लगा! फिर उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और उसका कामदेव (लंड) 6 इंच का बिल्कुल तना हुआ था और उस पर मेरी बुर का खून लगा हुआ था! तो उसने रुमाल से खून को साफ किया और कामदेव (लंड) को मेरे होठों पर रख दिया! मैं मुहं हटा लिया……….. लेकिन उसने दोनों हाथ से मेरे मुहं को पकड़ लिया और कहा कि प्लीज़ ले लो ना……….. नहीं तो मुझे फिर से ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी! अब मेरे पास कोई और रास्ता भी नहीं था……….. मैं होंठ को हल्के से खोला और उसके कामदेव (लंड) के टोपे को मुहं में लिया और फिर में उसके कामदेव (लंड) को धीरे धीरे चूसने लगी और उसे धीरे धीरे सहलाने लगी!

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फिर दो तीन बार ऐसा करने के बाद उसने मेरे मुहं में पूरा कामदेव (लंड) घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा……….. उसे तो मानो जन्नत ही मिल गयी हो और तीन मिनट के बाद उसने मुझे सोफे से उठाया और मेरे हाथ खोल दिए और मेरे कपड़े खोलने लगा और देखते ही देखते में बिल्कुल नंगी हो गई! और उसने मेरी बुर के खून को साफ किया! फिर वो सोफे पर बैठ गया और मुझे अपनी गोद में बैठने को बोला……….. लेकिन में वहीं पर खड़ी रही! तो उसने मेरा हाथ खींचकर मुझे अपनी गोद में बैठा लिया और फिर उसने मुझे किस करना चाहा……….. लेकिन मैं दूसरी ओर अपना मुहं मोड़ लिया! फिर वो मेरे चूचियो को चूसने और सहलाने लगा! मेरे मुँह से आहें निकलने लगी! वो कभी चूचियो पर किस करता……….. कभी कमर को सहलाता तो कभी मेरी गांड को सहलाता और में कहे जा रही थी अह्ह्ह प्लीज़ रमेश आआहहा आ प्लीज़ नहीं ऐसा मत करो! फिर उसने मौका देखकर अपना कामदेव (लंड) मेरी बुर में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा……….. लेकिन इस बार मुझे दर्द थोड़ा कम हुआ!

फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद उसने एकदम से अपनी स्पीड बढ़ा दी और मेरी कमर को पकड़ कर धक्के देने लगा! फिर कुछ देर बाद वो बहुत थक गया था और शायद उसका वीर्य निकल चुका था और वो अपनी दोनों आंखे बंद करके बस मेरी कमर को सहला रहा था! मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी और मैं उसकी ओर देखा और फिर मैं उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और में खुद अपनी बुर के झटके उसके कामदेव (लंड) पर मारने लगी! तभी वो तो बहुत चकित रह गया और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और हम एक दूसरे को किस करने लगे! फिर पूरी रात हमने सेक्स किया !!