चूत मिलती तो तन बदन खिल ऊठता

मैंने अमन से कहा क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी अमन कहने लगा हां भैया मैंने आपके फ्लाइट की टिकट बुक करवा दी। मैंने अमन से कहा चलो ठीक है मैं तो इसी चिंता में था कि क्या तुमने मेरी फ्लाइट की टिकट बुक करवाई होगी या नहीं क्योंकि कुछ दिनों से तुम काफी बिजी चल रहे थे और मैं भी काफी बिजी था और मुझे तुमसे बात करने तक का समय नहीं मिल पाया। naukrani ki mast chut

अमन मुझे कहने लगा कि हां भैया मैंने आपकी टिकट बुक करवा दी है मैं आपको शाम को मिलता हूं। अमन अपने ऑफिस में ही था और मैं भी अपने ऑफिस में था मैं अमन से फोन पर बात कर रहा था शाम के वक्त जब मैं घर लौटा तो अमन से मैंने पूछा तुम्हारा काम कैसा चल रहा है। अमन मुझे कहने लगा भैया आपको तो पता ही है कि हमारे ऑफिस में हमारे बॉस का कितना ज्यादा प्रेशर रहता है काम के लिए वह बड़े ही सीरियस रहते हैं और जब भी उनसे कुछ कहो तो वह गुस्सा हो जाया करते हैं।

मैंने अमन को कहा अमन ऐसा तो मेरे साथ भी होता है और यह अक्सर होता ही रहता है अमन मुझे कहने लगा कि भैया आप कहां जा रहे हैं तो मैंने अमन को कहा मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं। अमन कहने लगा भैया क्या आप अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहा हूं अपने दोस्तों से मिले हुए काफी समय भी तो हो गया है।

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कॉलेज में हमारे साथ पढ़ने वाले मेरे दोस्त सुशील ने यह प्रोग्राम बनाया था वह चाहता था कि हम लोग सब मिले और काफी सालों बाद सब लोगों की मुलाकात होने वाली थी। मेरे लिए तो उससे भी अच्छा मौका तब था जब मैं फ्लाइट में था फ्लाइट में मेरे बिल्कुल सामने एक लड़की बैठी हुई थी मैं बार-बार उसकी तरफ देख रहा था और वह अपने कान में हेडफोन लगाए हुई थी।

अहमदाबाद से चंडीगढ़ जाते वक्त मैं अपने दिमाग में सोच रहा था कि जब इतने समय बाद अपने दोस्तों से मिलूंगा तो कितनी खुशी होगी और वह लोग भी कितने खुश होंगे। मैं बार-बार अपनी बगल वाली सीट पर बैठी हुई लड़की को देखे जा रहा था मुझसे वह कहने लगी कि क्या आप चंडीगढ़ जा रहे हैं तो मैंने उसे कहा हां मैं चंडीगढ़ जा रहा हूं।

उसने भी बड़े अच्छे तरीके से मुझसे बात करनी शुरू की और जब उसने मुझ से हाथ मिला कर अपना नाम बताया तो मैं उसकी तरफ देखता रहा उसने मुझे कहा मेरा नाम सुजाता है। मैं सुजाता की तरफ देखता ही रहा क्योंकि मैं भी अपने मन में यह सोचने लगा की काश सुजाता मेरे जीवन में आ जाती लेकिन ऐसा संभव होना इतना आसान भी कहा था। पहली मुलाकात में हम दोनों की इतनी बातें होने लगी कि सुजाता मुझसे मेरे बारे में पूछने लगी।

मैंने उसे अपने बारे में बताया और कहा कि मेरे पिताजी अहमदाबाद में स्कूल में टीचर हैं और मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए चंडीगढ़ जा रहा हूं तो सुजाता ने मुझे कहा कि चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे हो। उसने मुझसे पूछा कि तुम अपने दोस्तों से कितने समय बाद मिलोगे तो मैंने उसे कहा कि मैं अपने दोस्तों से करीब 5 साल बाद मिलूंगा इन 5 सालों में काफी कुछ बदल चुका है। सुजाता से मेरी बात काफी समय तक हुई जब हम लोग चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंच गए तो वहां से  मैं अपने दोस्त के घर पहुंचा सुशील को मैं इतने समय बाद मिल रहा था सुशील ने मुझे गले लगाते हुए कहा की तुमसे इतने समय बाद मुलाकात हो रही है मैं बहुत खुश हूं।

मैंने सुशील को कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही तो संभव हो पाया है यदि तुम सब लोगों को मिलने के लिए एक साथ नहीं बुलाते तो शायद यह संभव हो ही नहीं पाता। सुशील मुझे कहने लगा यार मैंने भी सोचा कि तुम लोगों से मुलाकात हो जाएगी और सब लोग अपने काम में इतना बिजी हो चुके हैं कि किसी के पास भी समय नहीं है तुम तो जानते ही हो कि हमारा कॉलेज खत्म हुआ और उसके बाद से तो एक दूसरे से मुलाकात ही नहीं हो पाई।

मैंने सुशील को कहा हां यार तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो.. naukrani ki mast chut

शुशील ने मुझे कहा तुम थोड़ी देर आराम कर लो मैंने उसे कहा नहीं मैं ठीक हूं। मैंने शुशील से कहा कि मैं अपने मामा से मिल आता हूं अभी कोई जरूरी काम तो नहीं है ना तो सुशील मुझे कहने लगा कि नहीं तुम अपने मामा जी से मिल आओ।

मेरे मामा जी की वजह से मैं चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा था उन्होंने मुझे अपने साथ रखा और उनके साथ रहकर मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की मेरे मामाजी के कोई भी बच्चे नहीं है इसलिए वह मुझे मानते है। मैं जब अपने मामा जी से मिलने के लिए उनके घर पर गया तो मामा जी उस दिन घर पर ही थे मामा जी मुझसे मिलकर खुश हुए और कहने लगे कि इतने सालों बाद तुम हमसे मिलने आ रहे हो।

मैंने मामा जी से कहा.. naukrani ki mast chut

मामा जी जब से जॉब लगी है उसके बाद से तो अपने लिए समय ही नहीं मिल पाता और मैं काफी समय से सोच रहा था कि आप लोगों से मुलाकात करुं लेकिन आप लोगों से तो मुलाकात हो ही नहीं पाई। मेरी मामी थोड़ी देर बाद रसोई से मुझे पानी दिया मैंने मामा जी से कहा मामा जी आपका स्वास्थ्य कैसा है तो वह कहने लगे कि रोहित बेटा अब स्वास्थ्य कहां ठीक रहता है बस तबीयत ही खराब रहती है और हर दूसरे दिन डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। मैं और मामा जी साथ में बात कर रहे थे तो मामी जी मुझसे पूछने लगी कि रोहित बेटा घर में तो सब कुछ ठीक है ना मैंने मामी से कहा हां मामी जी घर में सब लोग ठीक हैं और मम्मी तो आपको बहुत याद करती हैं।

मामा जी मुझसे कहने लगे कि रोहित तुम यहां कितने दिन तक रुकने वाले हो तो मैंने मामा जी को बताया कि सुशील ने एक गेट टूगेदर पार्टी रखी है उसी के सिलसिले में मैं यहां आया हूं और हो सकता है कि तीन-चार दिन तक मैं यहां पर रुंकू। मामा जी कहने लगे कि बेटा तुम हमारे पास ही रुकना मेरे मामा जी से कहा मामा जी आज तो मैं आपके पास नहीं आ पाऊंगा क्योंकि शाम के वक्त हम लोगों की गेट टुगेदर पार्टी है कल मैं आपसे मिलने के लिए आता हूं और कल मैं आपके साथ ही रुकूंगा मामा जी कहने लगे कि ठीक है रोहित बेटा।

काफी देर तक मैं उन लोगों के साथ बैठा रहा.. naukrani ki mast chut

और मुझे भी अच्छा लगा कुछ पुराने दिनों की बात मामाजी करने लगे उसके बाद मैं सुशील के पास उसके घर पर चला गया। उसी शाम जब हम लोग गेट टु गेदर पार्टी में गए तो वहां पर बड़ा मजा आया सब पुराने दोस्तों से मिलकर बहुत खुशी हुई। सब लोगों से इतने सालों बाद मिलकर खुशी हो रही थी ऐसा लग रहा था साथ मे समय बिताते रहो। उस रात जमकर शराब पी जब रात को घर लौटे तो मुझे होश भी नहीं था अगले दिन जब मेरी आंख खुली तो मेरे सर में बड़ा दर्द हो रहा था.

मैंने सुशील को कहा मुझे पानी पिला देना? naukrani ki mast chut

सुशील ने अपने घर में काम करने वाली नौकरानी को बुलाया उसने मुझे पानी पिलाया मैं उसकी तरफ देखता रहा। मैंने उसे अपने पास बुलाया जब वह मेरे पास आई तो मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए कहा सुशील दूसरे रूम में बैठा हुआ था। मैंने उसे पैसों का ललाच दिया उसने भी मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया जब वह मेरे लंड को चूसती तो मुझे बड़ा मजा आता उसने मेरा लंड को बहुत देर तक चूसा। मैं उसे बाथरूम में ले गया वहां मैंने उसकी चूत बड़े अच्छे से मारी वह भी मेरे लंड को चूत में लेकर बड़ी खुश थी वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा मजा आया जिस प्रकार से मैंने आपके लंड को अपनी चूत मे लिया। मैंने उसे कहा मुझे भी आज बड़ा मजा आ गया रात को भी मैं तुम्हें चोदूंगा लेकिन उस रात मैं अपने मामा जी के यहां रुकने वाला था इसलिए मैंने उसे कहा जब मैं जाऊंगा तो तुम से मिल कर जाऊंगा।

जब मैं वापस अहमदाबाद लौटा तो एक दिन मेरी मुलाकात सुजाता से हो गई सुजाता से मिलकर मैं बहुत खुश था वह भी बड़ी खुश हुई। सुजाता ने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा मैं सुजाता के घर पर चला गया और सुजाता के साथ ही मैं बैठा कर उससे बात कर रहा था काफी देर तक हम लोगों की बातें होती रही। उसके बाद हमारा मिलना जुलना बढ़ने लगा हम दोनों की फोन पर भी बातें होने लगी बातें अब सेक्स की होने लगी थी। हम दोनों ही अपने आपको ना रोक सके जब मैं सुजाता के घर पर गया तो उसकी चूत मारने के लिए मैं बड़ा उतावला हो रहा था वह भी अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार थी मैंने सुजाता की जांघ पर हाथ रखा और उसे अपनी गोद में बैठा लिया मैंने उसे अपनी गोद में बैठाया तो उसने भी लंड को दबाना शुरू किया। जब उसने लंड को अपने मुंह में ले लिया तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था मैं उत्तेजित हो रहा था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।

मैंने काफी देर तक उसकी चूत चाटी जब सुजाता की चूत पूरी तरीके से गीली हो गई तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर प्रवेश करवा दिया मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी मैंने उसके दोनों पैरों को खोल लिया था उसे बड़ी तेज गति से में धक्के मार रहा था। मुझे उसे धक्के मारने में बड़ा आनंद आता मैं काफी देर तक सुजाता की चूत के मजे लेता रहा सुजाता अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी वह मुझे कहने लगी आज तुम्हारे साथ अपनी चूत मरवा कर मजा आ रहा है मेरा लंड सुजाता की चूत के अंदर बाहर होता।

मेरे अंडकोष उसकी चूत से टकराते.. naukrani ki mast chut

मैं उसके होठों को चूमता उसके स्तनों का रसपान करता मुझे बड़ा मजा आता मै बहुत देर तक उसको चोदता रहा। उसकी टाइट चूत के मजे में ज्यादा देर तक ले ना सका मेरा वीर्य पतन हो गया मेरा वीर्य पतन होते ही मैंने सुजाता को गले लगा लिया। उसके बाद यह सिलसिला चलने लगा सुजाता को भी बड़ा मजा आया उसने उसके बाद मुझे अपने कुछ पुराने प्रेमियो के बारे में भी बताया किस प्रकार से उसने उनके साथ सेक्स किया था।