मेरा नाम ख़ुशी है। हमलोग दो बहने हैं और मेरा कोई सागा भाई नहीं है। मेरी कहानी का सिलसिला २०२० में शुरू हुआ। मैं तब ११ वीं कक्षा में थी.. मेरा कोई अपना भाई नहीं है … मेरी मौसी का लड़का जो मेरे से ५ साल बड़ा था वो २-३ साल से अक्सर मेरे घर आता जाता था.. वो हम दोनों बहनों से बहुत प्यार करता था, हमलोग भी उसे सागा भाई जैसा ही ट्रीट करते थे.. वो जब भी आता हमारे साथ ही सोता.. xxx bhai bahan ki chudai
हमलोग काफी नोकझोंक, झगड़ा भी करते थे. २०२० में वो २-३ दिन के लिए आया था पर लॉकडाउन हो जाने की वजह से अपने घर वापस नहीं जा सकते..शुरू के 1-2 दिन तो नॉर्मल ही बीत गए किस्सा शुरू हुआ तीसरे दिन..हम दोनो ने रात को शॉट्स और टीशर्ट पहन कर नाइट बल्ब जला कर सोते थे, उस रात को अचानक मेरी नींद खुली तो मैंने अपने बूब्स के ऊपर कुछ हलचल महसुओं की..
मैंने महसूह किया कि भैया के हाथ मेरे बूब्स के ऊपर है,पहले तो मैंने सोचा की नींद में गलती से रख दिया होगा..मैंने इग्नोर करके फिर सोने की कोशिश करने लगी 1-2 मिनट बाद मुझे होश आया कि भैया जागे हुए हैं और सायद मेरे बूब्स को जान बुझा के मसल रहे हैं..
तो मैं वैसे ही चुप चाप पढ़ी रही बिना हिले दुले..उसने धीरे-धीरे अपने हाथ की टी-शर्ट के अंदर डालने की कोशिश की तो मैं थोड़ा डर गई और उसके उलटे तरफ मुंह कर गई.. थोड़ी देर तो कोई हरकत नहीं हुई मैंने सोचा भैया डर के सो गए कि मैं कहीं जाग न जाऊं..
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फिर से मैंने जैसे ही सोने के लिए आंखे बंद की कि भैया ने टी-शर्ट के ऊपर से मुझे पकड़ लिया और अब उसके हाथ मेरे दोनों बूब्स के ऊपर थे.
अब मेरी सांसे फुलने लगी पर उसे कहने लगा कि मैं गहरी नींद में हूं तो उसने साहस करके मेरे पेट पर अपना हाथ रखा..मुँह की वजह से मेरी टी-शर्ट पेट से थोड़ा ऊपर उठ चुका था..फिर मैंने कोई हरकत नहीं की कि उसने धीरे से हाथ को मेरी टी-शर्ट के अंदर डाला..
मैं रात को अंदर कुछ नहीं पहनती हूं तो उसे आसानी से मेरे बूब्स फील करने मिल गए..उसने धीरे-धीरे अपने हाथों से मेरे दोनों बूब्स पकड़ लिए…और उन्हें मसलने लगा…और मेरे और थोड़ा करीब अपने लिंग के (जो अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था) मेरे चूतड़ को ऊपर रगड़ने लगा(शॉट के ऊपर से ही) मुझे अच्छा तो लग रहा था पर मैंने सोचा बहन जाग जाएगी और देखेगी तो क्या सोचेगी वो तो अभी बच्ची है (तब वो 14 साल की थी) उसमें बुरा असर पड़ेगा।
तो मैं थोड़ा हिलने लगी भैया झटके से अपना हाथ निकाल लिया और उल्टी तरफ मुड़ गया…
फिर मैं सो गई…
सुबह उठी तो मेरे दिमाग में कल रात की चीजें चल रही थी भैया और बहन दोनो तब तक सो रहे थे..
मैं उठ गई पूरा दिन नॉर्मल बिते भैया और नॉर्मल बिहेव कर रहा था पर मुझसे आंख मिलाने से थोड़ा झिझक रहा था फिर रात हुई कुछ समय के लिए तो मुझे लगा भैया के बगल में सोना ठीक नहीं रहेगा तो मैं बहन के बगल में से गई।
पर आज मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं करवाट बदलने लगी..
पता नहीं कब नींद लग गई.. देर रात अचानक खाट करके बिस्तर से आवाज हुई तो मेरी नींद टूट गई.. मैंने भैया की तरफ देखा तो मैं शॉक्ड हो गई..
मेरा हरामखोर भैया जैसे हम अपना सागा मानते थे वो मेरी छोटी बहन के साथ मेरी वाली हरकत कर रहा था..बहन की टीशर्ट के अंदर हाथ डालकर उसके बूब्स दबा रहा था…वो कमीना वो नहीं रुका उसने शॉट्स के अंदर हाथ डालकर बहन की योनि को रगड़ने लगा…
फिर मुझसे नहीं रहा मैं उठके बैठ गई..बहन तब गहरी नींद में थी.. मैंने उठे गुस्से से कहा भैया उठो और वो मेरे साथ… वो चुप चाप लेटा रहा…
मैंने फिर गुस्से से पर धीरे-धीरे उसे कहा सीन क्रिएट मत करो उठके चलो मेरे साथ..
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अब वो उठा तो मैं उसे बाहर बरामदे में ले गई और उससे पूछी ये क्या कर रहे थे तुम..पहले तो वो सारी बातें इनकार करने लगा फिर मैंने कहा भैया वो छोटी बच्ची है उसे छोड़ दो..वो 2-3 मिनट चुप रहने के बाद बोला फिर तुम दो..मैं अवाक थी..
मैंने ऐसी अन्तर्वासना सेक्स कहानियां तो पढ़ी थी पर हमेशा इसे लोगों की फंतासी ही समझती थी मैंने कवि सपनों में भी नहीं सोचा था कि ये सब अनाचार वाली चीजें मेरे साथ व कवि हो सकती है..
मेरे दिमाग में ये सब विचार चल ही रही थी कि भैया को लगा मैं चुप हूं मतलब कहता हूं उसके इस बेहूदे प्रपोजल को स्वीकार कर रही हूं तो उसने और एक पांच मिनट बर्बाद किए बिना मेरे बूब्स को मेरी टीशर्ट के ऊपर से ही पकड़कर मसलना शुरू कर दिया…
मैंने गुस्से से उसकी तरफ देखा तब उसे शक हुआ कि मैं तैयार नहीं हूं तो उसने अपने सारे रिश्ते और सारी हदें पार कर दी कहां देखूं या तो मुझे मजे लेने दे या मैं निशा(बहन) के साथ करूंगी..उसके चेहरे पर एक शैतान वाली मुस्कान थी और वो बिना पलक झपकते मेरी और मुँह करके खड़ा था..
मन तो किया कि इसे जोर का तमाशा लगाऊँ पर मैं उसकी बातें सुनकर पूरी तरह डर गई थी फिर उसने अगले कुछ दिन मुझे पूरी तरह निचोड़ दिया मैंने उसके हाथ की कठपुतली बन गई..
कवि वो कहता है आज तुम फ्रॉक पहन कर पेंटी मत पहनना कवि टीवी देखते देखते मेरी चूतड़ पर अपने हाथ घुमाता कवि अचानक बूब्स दबा देता और हर रात मेरे साथ सेक्स करता…उसने मेरी चूतड़ को वी नहीं छोड़ा..जाते जाते उसने कहा कि अब लॉकडाउन खुल चुका है सिनेमा हॉल खुलेंगे तो हम मूवी देखने चलेंगे फिर वहां मजा करेंगे.
भगवान का शुक्र है उसमें काफी टाइम लग गया वो अब वी मुझे फोन करके अपने शहर (कोलकाता) बुलाते हैं घूमने के लिए पापा को भी मनाने की कोशिश करता रहता है..
पापा काम की वजह से टालते रहते हैं.. xxx bhai se chudi
अगर कभी पापा मान गए तो पता नहीं क्या होगा?