अब जो मैं अपडेट देने जा रहा हूँ उससे पढ़कर बहुत से लोगों को बुरा लग सकता है लेकिन मैं पहले ही उनसे माफ़ी माँग लेता हूँ. दिवाली कहतम हुए अब एक महीने से ज़्यादा हो चुका था लेकिन गोकुलधाम में खुशियों का मौहोल कभी था तो एक नया त्यौहार नज़दीक आ रहा था रक्षाबंधन जिसका इंतज़ार हर बहन को होता है और देखते हैं कि रक्षाबंधन की तैयारी गोकुलधाम में कैसे चल रही थी. tmkoc sex kahani ke agle ank ke saath hazir hai hum.
सारी सोसाइटी की लेडीज़ ने अंजली भाभी के घर राखी राखीबंधन के बारे में चर्चा करने के लिए मुलाकात की
अंजली-अरे माधवी भाभी आपका भाई तो मेरे पास ही रहता है है लेकिन मेरा भाई तो बैंगलोर में रहता है
माधवी-नहीं ऐसा नहीं है अंजलि भाभी मेरा भाई भी मुग से बहुत ओर रहता है पिछले 3 साल से मैंने उसे राखी नहीं बांधी है
रोशन- हा रे बावा मैंने भी नहीं
बबीता – वेसे एक बात तो माननी पड़ेगी कि दया भाभी इस मामले में बहुत ही लकी है उनका भाई सुंदर भाई हर साल अहमदाबाद से यहाँ मुंबई खास दया भाभी से राखी बांधने के लिए आता है
दया – हा बबीता जी
अंजलि-लेकिन क्या कर सकते हैं जैसा अपना नसीब चलो अपने भाइयों को राखी पोस्ट करके आते हैं. आप ये तारक मेहता सेक्स स्टोरी, जेठालाल बबिता चुदाई कहानी और कामुक कहानियां हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं।
Kamuk story – पापा और उनकी परियां
दया से अपनी बहनों का दुख नहीं देखा जाता या वह फेल करती है कि इस बार रक्षा बंधन उसकी बहनों का सबसे अच्छा रक्षाबंधन होगा. दया भाभी अपने घर जाकर बापू जी को सब बता देती है.
बापू जी – हा बहू एक बहन के लिए सबसे ज्यादा उसका भाई जरूरी होता है या कम से कम रक्षा बंधन पर तो उन्हें अपनी बहनों से राखी बांधने के लिए उनके पास आना ही चाहिए
दया – लेकिन क्या कर सकते हैं
बापू जी – तु चिंता मत करो बहू मैं कुछ सोचता हूँ
फिर बापू जी टीवी देख रहे थे और न्यूज़ पाई उन्होंने सामूहिक रक्षाबंधन की न्यूज़ देखी और उन्हें आइडिया आ गया कि क्यों ना इस बार सब गोकुलधाम में सामूहिक रक्षाबंधन बनाए. चचा जी तुरन्त भिंडी मास्टर(भिड़े) के घर जाते हैं.
चंपक चचा – ऐ भिंडी मास्टर
माधवी – क्या हुआ चाचा जी?
चंपक चाचा – भिंडी मास्टर है
माधवी – हा मै उन्हें अभी बुला कर लाती हूँ
(माधवी ने एक हल्के नीले रंग की साड़ी पहन राखी थी या हमेशा की तरह स्लीवलेस ब्लाउज उसकी बगल में पसीना था या चेहरे पर भी जिसकी वाघा से उसकी सुंदरता पै चार चांद लग गए थे)
माधवी – आहू चंपक चाचा! आपस में मिलने आई है?
फिर भिड़े ड्राइंग रूम में आता है.
भिड़े-हा चंपक कैचा क्या हुआ. आप ये तारक मेहता सेक्स स्टोरी, जेठालाल बबिता चुदाई कहानी और कामुक कहानियां हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं।
चंपक -अरे भिंडी मास्टर तेरी भी कोई बहन होगी ना
भिड़े-होगी क्या चाचा जी है मेरी एक बहन
चंपक-तो तू ये बता कि अगर तेरी बहन खुद तुझे राखी ना बांध पाई तो क्या तेरे बहन खुश रह पाएगी
भिड़े-नहीं कैचा जी बिलकुल नहीं
चंपक-तो जरा गोकुलधाम की इन औरतों के बारे में सोच
भिड़े-हा चाहा जी मैं इनका दर्द समझ सकता हूँ लेकिन मैं क्या कर सकता हूँ
चंपक-मेरे पास एक आइडिया है
भिड़े-क्या
चंपक चाचा फिर भिड़े को आइडिया बताते हैं या साथ में माधवी भी सुन लेती है या माधवी भी खुशी के मारे उछलने लगती है जिसकी वाघा से उसके दूध ऊपर नीचे होने लगते हैं
भिड़े-ठीक है चंपक चाचा मैं आज रात को सोसाइटी की मीटिंग बुलाता हूँ. रात का टाइम हो गया था अब क्लब हाउस की मीटिंग के लिए पहुच जाते हैं .. और भिड़े कहते हैं
भिड़े-मै आत्मा राम तुकाराम भिड़े गोकुलधाम सोसाइटी का एकमेव समुदाय है और यह एलान करता हूँ कि कल हम सब मिल के सार्वजनिक रक्षा बंधन बनाएंगे गोकुलधाम की सारी लेडीज खुशी से पागल हो जाती हैं
लेकिन भिड़े एक बात अभी पूरी नहीं हुई थी भिड़े ने कहा कि कल हम रक्षाबंधन बनाएंगे या पतंग भी उड़ाएंगे ये सुन के सारे बच्चे खुश हो जाते हैं
भिड़े- सब बहनों से अनुरोध करता है कि कल सुबह 7 बजे सोसाइटी कंपाउंड में ऊपर उठ जाएं.
सारी लेडीज एक दूसरे से बात करती हैं या फिर वहा बैठे अपने आँगन से कहती हैं कि ठीक है लेकिन हमें अभी राखी खरीदने जाना पड़ेगा
भिड़े-आरम से जाना आप लोग या जल्दी आना (दरअसल भिड़े या सारे मर्द किसी तरह ये चाहते थे कि उनकी बीवी जल्दी घर पर जाएँ या वो उनके साथ चुदाई कर सकें)
फिर सारी गोकुलधाम की लेडीज राखी लेने के इसके लिए मार्केट जाती है
वहा पर उन्हें राखी डिस्काउंट मिल जाती है वो सबके लिए राखी ले लेती है. वापिस अते वक्त बबीता को ख्याल आता है कि रास्ते में एक रंडी खाना है जहाँ पर वो 1 घंटे के लिए चुदवा सकती है. फिर बबीता ये प्लान सब बहनों को बताती है या सारी लेडीज खुशी खुशी मन जाती है (ये बबीता की पसंदीदा रंडी कहने की एक फोटो है).
फिर बबीता या सारी लेडीज वहा रंडी कहने के गेट पर खड़े हो जाते हैं कि तभी 2 आदमी बबीता के पास आते हैं या कहते हैं (ये वो दोनो थे हो बबीता के पास आए थे)
आदमी-अरे बबीता मेरी जान कितनी दिनो बाद आई है तेरे बिना ये रंडी खाना सुना सुना लग रहा था
बबीता-शंकर (उनमें से एक आदमी का नाम शंकर था) मैं अभी अपनी बहनो के साथ आई हूँ बाद में तुमसे चुदवाऊँगी थी
आदमी-ठीक है लेकिन आयो जरूर.. आप ये तारक मेहता सेक्स स्टोरी, जेठालाल बबिता चुदाई कहानी और कामुक कहानियां हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं।
फिर वो आदमी बबीता की गांड उंगली करता है या वहाँ से चला जाता है
दया-अरे वह बबीता जी आपकी तो बहुत मांग है (हस्ते हुए)
बबीता-अरे क्या ऐप भी दया भाभी में कभी-कभी या टाइम पास करने के लिए थी, क्योंकि मेरी आदत बन गई
रोशन-अरे क्या बबीता जी अपने आदत पाली तो वो भी रंडी खाने जाने की (हस्ते हुए)
फिर सारी लेडीज हस्ते हुए गेट के अंदर चली जाती है और बबीता उनके लिए 1 घंटे का एयर कंडीशन रूम की टिकट लेती है. (बबीता उनके लिए टिकट लेने के लिए इस लाइन में लगी थी)
माधवी-कितने की टिकट है बबीता जी
बबीता-सिर्फ़ 20000 हज़ार की एक
माधवी-पहले इतनी सारी ऐसी रूम की अब तो हफ़्ते में एक बार यहाँ ज़रूर आऊँगी
सब माधवी की ये बात सुन के हंसते हैं. इससे पहले कि बबीता और सब अपने कमरे में चुदने के लिए जाती हैं. बबीता को अपनी एक पुरानी दोस्त दिखाती है उसका नाम श्वेता था.
बबीता ने तुरन्त उसे जा के होठों पर किस कर दिया! वो बबीता की कॉलेज की दोस्त थी यही वो थी जिसने बबीता को इस रंडी कहने से रूबरू करवाया था और फिर अपने अपने कमरे में जाकर खूब एन्जॉय करते हैं. घर में सारी लेडीज थक जाती हैं या घर में ही सू जाती हैं या उनके पति बस लंड हिलाते रहते हैं. 7 बजे चुके थे सब कंपाउंड में थे. सारे मर्द लाइन से लगे हुए थे कुछ इस तरह से और उनके सामने उनकी बहन.
सबसे पहले तारक -माधवी, फिर सोढ़ी -बबीता, फिर अय्यर -दया, फिर भिड़े -रोशन, फिर हाथी -अंजलि, फिर आखिरी में जेठालाल-कोमल.
फिर पंडित जी ने कहा कि जैसे ही 7:22 हो जब आप अपने भाइयों को राखी बांध दे। साड़ी लेडीज़ तैयार थी. लेकिन हमेशा की तरह गोकुलधाम में कोई भी काम सीधे तरीके से नहीं होता। (इस बार गोकुलधाम की रक्षाबंधन में कुछ ऐसा होने वाला था जो शायद ही किसी बहन ने अपने भाई के साथ किया हो)
आप ये तारक मेहता सेक्स स्टोरी, जेठालाल बबिता चुदाई कहानी और कामुक कहानियां हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं। जैसे ही 7:22 बजे, गोकुलधाम की महिलाओं ने कहा साथ में – अपना हाथ आगे बढ़ाइए..
सारे मर्द अपने हाथ आगे करते हैं और उनकी बहन उन्हें राखी बांध देती है। फिर सारी बहनें अपनी अपनी जगह बदल लेती हैं। इस तरह से हर मर्द के हाथ में 4 राखी बंधी थी फिर सारे मर्दो ने उन्हें 501 रुपये के नोट दिए। लेकिन गोकुलधाम की लेडीज वहां से हटी नहीं, उन्होंने आरती की थाली जमीं पर रख दी, और खुद घुटनों के बल बैठ गई
किसी भी मर्द को समझ में नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा था? फिर सारी लेडीज़ एक साथ अपने भाइयों की पैंट की ज़िप खोलने लगती हैं..
सारे मर्द अजीब से मुँह बनाने लगते हैं.. और पूछते हैं – इतनी जल्दी क्या चुदने की? रात को क्लब हाउस में फंक्शन है ना.. उसमें जितना चाहे लंड से खेल लेना..
अंजलि, माधवी, दया, कोमल, रोशन या बबीता किसी की नहीं सुनते हैं या अपने भाइयों के लंड बाहर निकाल देते हैं।
फिर सारे मर्द पूछते हैं – ये क्या बदतमीजी है? तो अंजलि जवाब देती है। अंजलि – ये कोई बदतमीजी नहीं है.. रक्षाबंधन का मतलब होता ही है रक्षा करने वाला बंधन.. जैसे आप सब भाई अपनी गोकुलधाम की बहनों की रक्षा करते हैं, उनकी हर जरूरत पूरी करते हैं, उनके कहने पर उनके बिना कोई सवाल पूछे उनके साथ सेक्स करते हैं..
थोड़ी देर बाद ही सही उन्हें ये बात समझ में आती है..
फिर तारक भी कहता है.
तारक – मुझे लगता है कि ये सब ठीक कह रही है। हमें इनकी बात मान लेनी चाहिए।
फिर सारे मर्द ख़ुशी-ख़ुशी हाँ कह देते हैं.. लेकिन फिर गोकुलधाम की सारी बहन कहती है – जब हमने आपके हाथ में राखी बाँधी तो आपने हमें 501 रुपये दिए। अब हमने अपने प्यारे भाई के लंड को राखी बांधी है तो हमें क्या मिलेगा?
सारे मर्द एक दूसरे को देखते हैं (इस दौरन सारी लेडीज़ अभी भी घुटनों पर ही थी)
Fucking hot tmkoc sex kahani padhte rahiye
सारे मर्दो ने एक साथ अपनी बहनों का सर पकड़ा और अपने लंड को उनके मुँह में डाल दिया..
फिर सब लेडीज़ बड़े प्यार से उनका लंड चूसने लगी.