गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना
वो अपनी चूत को सहला रही थी और मैं उसके दूध को एक एक करके चूस रहा था | मैं ऐसे कुछ देर तक उसके दोनों दूधो को चूसता रहा | फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला….
वो अपनी चूत को सहला रही थी और मैं उसके दूध को एक एक करके चूस रहा था | मैं ऐसे कुछ देर तक उसके दोनों दूधो को चूसता रहा | फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला….
मैं उसके दूध के निप्पल को मुंह में रख कर खीच खीच कर चूसने लगा तो उसकी तेज सांसे चलने लगी और वो सांसे कुछ ही देर में सिसकियों में बदल गयी | मैं उसकी तेज सांसे को सुनकर और जोश में आ गया..