माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 2
मैंने उन्हें दो से तीन मिनट तक सुना क्योंकि तब तक मेरा डिक धड़क रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया। आवेग में आकर मैं जल्दी से उठा, अपने बाएं हाथ से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया…
मैंने उन्हें दो से तीन मिनट तक सुना क्योंकि तब तक मेरा डिक धड़क रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया। आवेग में आकर मैं जल्दी से उठा, अपने बाएं हाथ से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया…
मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए…
उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई…
अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी. मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है..
রহমান মানে নতুন জামাই জামিলের হাতে একতাড়া নোট দিয়ে বললো যে রেহানা কে আপনাদের এখানে থাকতে দিন এতবড় শহরে ওকে একা রেখে যেতে ভরসা পাচ্ছি না…
मैंने नरेश से कहा कि तुम्हारे लंड ने उसे गीला और भूखा बना दिया है। मैंने उसे खड़े होने के लिए कहा और नरेश से कहा कि मेरी पत्नी का पेटीकोट उठाकर देख लो..उसने धीरे … >> पूरी कहानी पढ़ें