मेरी चुदास पड़ोसन

मैंने उससे कहा- यह प्यार करने की चीज है इससे मुँह नहीं मोड़ा करते।

फिर मैंने उसके दोनों हाथ आँखों से हटा दिए और उसको अपना लण्ड दिखाते हुए कहा- इसको लण्ड बोलते हैं और इसको ही चूत में डाल कर चुदाई करते हैं जिससे चूत और लण्ड का मिलन होता है। इस को अन्दर डालने से दोनों को बहुत मजा आता है !

तो उसने कहा- इतना बड़ा मेरी चूत में कैसे जायेगा? यहाँ तो उंगली भी ठीक से अन्दर नहीं जा रही है।

तो मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, सब कुछ हो जायेगा। पर इसको चूत में डालने से पहले चूसना पड़ता है।

मैंने अपना लण्ड पकड़ कर उसके मुँह में डाल दिया। पहले तो उसने मुँह में लेते ही निकाल दिया। मैंने उसके मुँह में फिर से अपना लण्ड डाल दिया तो इस बार वो धीरे धीरे मेरे लण्ड का सुपारा चूसने लग गई और धीरे धीरे अपना सारा लण्ड उसके मुँह में अंदर-बाहर करने लग गया।

फिर मैंने उस को बेड पर लिटाया और 69 की अवस्था में आकर उसकी चूत को उंगली और जीभ से चोदने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी और बोली- वीरू ! थोड़ा धीरे करो, मुझे दर्द हो रहा है।

मैंने कहा- दर्द तो हो रहा है पर मज़ा आ रहा है या नहीं?

वो बोली- हाँ ! मज़ा तो आ रहा है पर दर्द भी हो रहा है।

मैंने कहा- थोड़ी देर में यह दर्द खत्म हो जाएगा।

उसके मुँह से कामुक सिसकियाँ निकल रही थी। उसके मुँह से आवाजें आने लगी- सी……सी…स्…आ…अच्छा लग रहा … और चूसो और !

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उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी और उसकी चूत ने अंदर से सफ़ेद सफ़ेद सा पानी छोड़ दिया। जिसे मैंने अपने मुँह पर महसूस किया और मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और मैं उसके मुँह में झड़ गया।

उसने कहा- यह क्या है?

मैंने कहा- प्यार की निशानी है। उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया।

इसके बाद मैंने उसे सोफे पर बैठा दिया और अंदर से तेल की शीशी ले आया और उसकी चूत और अपने लण्ड पर तेल लगा लिया फिर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख लिया। इससे उसकी चूत मेरे लण्ड के करीब आ गई और मैं अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। ज़िया सिसकारियाँ भरने लगी।

फ़िर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के मुहाने पर रखा और अंदर करने लगा। जिया की चूत कुंवारी होने के कारण काफी कसी थी। मैंने जोर लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में ठेल दिया। लण्ड का सुपारा ही अंदर गया था कि जिया जोर जोर से चीखने लगी। अपने हाथ-पाँव मारने लगी और बोलने लगी- मुझे छोड़ दो ! मुझे कुछ नहीं करना।

मैंने अपने हाथों से उसका मुँह बंद कर दिया और जोर-जोर से धक्के लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा। अभी आधा ही अंदर गया था कि उसकी आँखों से आंसू आने लगे और उसका मुँह बंद था। मैंने धक्के लगाने चालू रखे। मेरे हाथ से बंद होने के कारण उसके मुँह से गूँ-गूँ की आवाजें आने लगी। मैं समझ गया कि उसको मजे आ रहे हैं, मैंने अपना हाथ उसके मुँह से हटा लिया, उसके मुँह से सी सी की आवाज आ रही थी।

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मुझे उसकी चूत से कुछ बहने का अहसास हुआ, नीचे देखा तो उसकी चूत पूरी खून से भरी हुई थी। मैंने इस पर ध्यान ना देते हुए एक और जोर का झटका दिया जिससे मेरा तीन चौथाई लण्ड उसकी चूत में समा गया। इस झटके के लिए वो तैयार नहीं थी। और इस झटके के साथ ही जिया अपना सर जोर जोर से इधर उधर पटकने लगी। अब मैं थोड़ी देर के लिए रुका और उसके मम्मे मसलने लगा। उसके होठों को चूमने लगा, अपने लण्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा। अब उसका सर पटकना कुछ कम हुआ और वो भी धीरे धीरे अपने चूतड़ उछालने लगी।

वो बोली- तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी, एक बार लगा कि मैं जिन्दा बच पाउंगी।

मैं बोला- मेरी जान ! दर्द तो एक बार हुआ होगा, लेकिन अब मज़ा आ रहा है या नहीं?

जिया ने कहा- हाँ, मज़ा तो बहुत आ रहा है, बस ऐसे ही अपने लण्ड को मेरी चूत में डालते रहो। सच में आज ज़न्नत जैसा अहसास हो रहा है।

मैंने कहा- मेरी जानू ! अभी तुमने ज़न्नत देखी ही नहीं है, आगे आगे देखो, मैं तुम्हें क्या क्या और दिखाता हूँ।

इतना कहते ही मैंने एक जोरदार धक्का लगा कर अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। जिया इस अचानक हुए हमले के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी, इस कारण उसकी जोर की चीख निकल गई और बोली- प्लीज़ ! तुम अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल लो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाऊंगी, प्लीज़ निकाल लो अपना लण्ड ! मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ।

मैं उसकी बातों पर ध्यान ना देकर उसके मम्मे चूसने लगा और अपने लण्ड को उसकी चूत धीरे धीरे आगे पीछे पेलने लगा। थोड़ी देर में उसको पूरा मज़ा आने लगा। उसकी सील टूट चुकी थी और वो अब मेरा लण्ड अपनी चूत में आराम से अंदर ले रही थी। वो अपनी गाण्ड ऊपर नीचे उछालने लगी और बोलने लगी- यस यस्स्स और जोर से चोदो वीरू , मेरी चूत फ़ाड़ दोओअओ, चोदो और जोर से चोदते जाओ, मेरी चूत को फ़ाड़ दो और मेरी चूत की प्यास को मिटा दो।

इस पर मैं उसको और जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया।

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मैंने अपनी गति बढ़ाई, फिर भी वह ज़ोर से करो ! की रट लगा रही थी।

मैंने कहा- हाँ जान और ज़ोर से करूँगा।

फिर मैंने उसके दोनों पाँव उठाए और काफी तेज़ी से लण्ड को उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा। और थोड़ी ही देर में मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। वो भी मेरे साथ ही झड़ गई, फिर हम दोनों एक साथ ले लेट गए।

फिर तो मैंने और जिया ने एक बार और सेक्स किया! उसको घोड़ी स्टाईल में खड़ा कर उसकी गांड में लण्ड घुसाने लगा। उसकी गांड भी बहुत कसी थी। मैंने पूरा दम लगा कर पूरा का पूरा लण्ड उसकी गांड में पेल दिया और धक्के मारने लगा। एक बार तो उसको दर्द हुआ फिर उसको और मज़ा आने लगा। उसके चूतड़ मुझे बहुत ही आनंद दे रहे थे। दो-तीन मिनट में ही वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी। मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और लण्ड को गांड से निकाल कर फिर से उसकी चूत में डाल दिया। कुछ ही देर में उसकी चूत से पानी निकलने लगा।

उसने कहा- खूब ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ।

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी।

वो बोली- आआआ!!! मैंऽऽऽ आआआऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ

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उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मेरा सारा लण्ड भीग गया। मैं भी बिना रुके उसे आँधी की तरह चोदता रहा। लगभग बीस मिनट तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। इस दौरान वो भी तीन बार झड़ चुकी थी। लण्ड का पूरा पानी उसकी चूत में निकल जाने के बाद मैं हट गया।

अब मुझे दर लगने लगा कि वो कहीं गर्भवती न हो जाये इसलिए मैंने उसको ई-पिल लाकर खिला दी। अब जब कभी वो अकेली होती तो हम सेक्स करते और आज तक मैं उसके साथ सेक्स कर रहा हूँ।