देवर की पिचकारी मेरी चूत में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वर्षा है और में बैंगलोर में रहती हूँ। मेरी शादी हुए 5 साल हो गये है, लेकिन पता नहीं क्यों मेरी सुहागरात से ही मुझे मेरे पति के साथ सेक्स में मज़ा नहीं आता था? उनका लंड बहुत ही छोटा है और उन्हें सेक्स की अधिक जानकारी भी नहीं है। अब जब मेरी सहेलियाँ कहती कि आज उनके पति ने उनको बहुत थका दिया है तो में बहुत उदास हो जाती थी, क्योंकि मेरे पति आज तक मुझे चरम सीमा तक नहीं ले गये थे। meri choot

मेरे एक देवर है, उसका नाम अमर है। अब पता नहीं क्यों मुझे लगने लगा था कि अमर मेरी प्यास बुझा सकता है? तो मैंने उसे पटाने का प्लान बना डाला। अब में आपको बोर ना करते हुए सीधी अपनी स्टोरी पर आती हूँ। अमर की उम्र 25 साल है और उसका बदन बहुत मस्त है, वो रोज एक्ससाईज करता है।

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अब जब भी वो छत पर एक्ससाईज़ करने जाता तो में कोई ना कोई बहाना बनाकर छत पर चली जाती और उसके बदन को निहार लेती। फिर एक दिन जब में बाहर से घर आई तो मैंने अपनी चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आ गई और सीधे मेरे कमरे में चली गई तो अमर उस टाईम सो रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद वो उठा और उसे मालूम नहीं था कि में घर में हूँ, तो कुछ आवाज़ होने से में अपने कमरे से बाहर आई और अमर के कमरे की तरफ गई तो मेरी धड़कन रुक गई। अब अमर के बाथरूम का दरवाजा खुला था और वो टॉयलेट कर रहा था। अब उसका लंड देखते ही मेरे मन में उससे चुदवाने की भूख और बढ़ गई थी।

उसका लंड काफ़ी बड़ा था और अब में अमर को पटाने के तरीके ढूँढने लगी थी। meri choot

अब में घर में सेक्सी नाइटी पहनने लगी थी और अमर को अपने बूब्स दिखाने की कोशिश करती थी।

फिर कुछ दिन के बाद मेरे पति को किसी काम से दिल्ली जाना पड़ गया, तो मैंने सोचा कि अमर को पटाने का और मज़े लेने का यही सही मौका है, अब घर में सिर्फ़ में और अमर ही थे। फिर एक दिन मैंने अमर से कहा कि चलो शॉपिंग मॉल में शॉपिंग करने चले तो मैंने अमर से कहा कि मुझे ब्रा और पेंटी लेनी है, चलो देख लेते है। फिर हम अंडरगार्मेंट्स की स्टॉल पर गये तो वहाँ मैंने अमर के सामने कुछ सेक्सी ब्रा और पेंटी ली और कुछ समान लेकर वापस घर आ गये।

अब मैंने डिनर के टाईम सेक्सी नाइटी पहन रखी थी, अब मेरे बूब्स कुछ-कुछ दिख रहे थे। meri choot

अब अमर मेरे बदन को देख रहा था, तो मुझे लगा कि अब मौका आ गया है कि फाइनल कोशिश कर ली जाए। फिर अगले दिन जब में नहाने गई तो मैंने जानबूझ कर अपने अंडरगारमेंट्स और टावल बाहर ही रख दिए। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अमर को बुलाया और कहा कि मेरे अंडर गारमेंट्स पकड़ा दे तो उसने मुझे ब्रा और पेंटी लाकर दे दी। अब उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान देखकर में समझ गई थी कि अमर अब तैयार हो जाएगा।

अब मैंने रात को अपने कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दिया था और सो रही थी तो मैंने कुछ आहट महसूस की तो में समझ गई कि अमर है और वो मुझे देखना चाहता है। फिर में सोने का बहाना बनाकर बेड पर लेती रही। अब अमर दरवाज़े पर से मुझे देख रहा था और फिर थोड़ी देर के बाद वो चला गया। फिर अगले दिन डिनर करने के बाद मैंने अमर से पूछा कि क्या बात है कल तुम्हें नींद नहीं आई क्या? तो उसने कहा कि नहीं भाभी अच्छी नींद आई। फिर मैंने कहा कि तो फिर तुम मेरे कमरे के बाहर क्या कर रहे थे? तो अमर शरमा गया। फिर मैंने कहा कि क्यों शरमा रहे हो? तुम्हें क्या चाहिए? तो वो कुछ नहीं बोला। फिर मैंने उसे एक किस किया तो वो बोल पड़ा कि भाभी प्लीज मुझे आपको चोदना है। फिर मैंने कहा कि पागल लड़के में तो इतने दिनों से इसके लिए तरस रही हूँ, चल अब देर मत कर। तो उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और पागलों की तरह किस करने लगा।

अब मेरी चूत गीली हो गई थी। meri choot

फिर उसने मेरी नाइटी उतार दी और अब में ब्रा और पेंटी में मेरे प्यारे देवर के सामने खड़ी थी। अब में तड़प रही थी कि कब अमर मुझको चोदेगा? फिर उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी नंगा हो गया, अब उसका लंड देखकर में बहुत खुश हो रही थी। फिर मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लिया, तो उसका लंड मेरे पति के लंड से डबल बड़ा और मोटा था। अब अमर मेरी चूत को बेरहमी से चाट रहा था और अब मेरे लंड का पानी निकल रहा था और अमर उसे पी रहा था और बोला कि भाभी आपका नमकीन पानी बड़ा टेस्टी है। फिर वो मेरे बूब्स को चूसने लगा तो मैंने कहा कि अमर प्लीज अब रहा नहीं जा रहा है, प्लीज अपने लंड को मेरो चूत में डालो और चोद डालो मुझे। फिर उसने मेरी चूत में अपने बड़े से लंड को डाला और हल्का सा धक्का दिया तो मुझे हल्का सा दर्द हुआ और जैसे ही उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया, तो मेरी चीख निकल गई।

अब वो ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाने लगा था और अब तो में सातवें आसमान पर थी। meri choot

अब अमर मुझे मस्त होकर चोद रहा था, अब मेरे मुँह से आवाज़े निकल रही थी ऊऊहह में मर गई रे अमर, अपनी भाभी का क्या कर डाला रे? ज़ोर से चोद, आज तेरी इस भाभी को जिंदगी का सारा मज़ा दे दे, अब इस दौरान में 3 बार झड़ गई थी। फिर मैंने कहा कि देवर जी अब मेरी इस प्यासी चूत में अपनी पिचकारी छोड़ दो और मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो, ओह ज़ोर से अमर जोर से, आआआआहहहहह और फिर उसने अपनी पिचकारी मेरे अंदर ही छोड़ दी। फिर तो ये सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा और मैंने एक सुंदर से बच्चे को जन्म दिया, जो कि मेरे देवर की निशानी है।

अब मेरे देवर की शादी हो गई है और अब मुझे सेक्स की बहुत ज़रूरत है । meri choot

धन्यवाद …