दोस्तों, ज़िन्दगी के मजे ले लो इससे पहले की ज़िंदगी तुम्हारे मजे ले ले। मेरा नाम ललित है, मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष है। मैं चंडीगढ़ की एक अच्छी कंपनी में जॉब करता हूं। मुझे वहां जॉब करते हुए 5 वर्ष हो चुके हैं। मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पुणे से पूरी की थी और उसके बाद मैं चंडीगढ़ में जॉब करने लगा। मेरे कॉलेज से मेरा प्लेसमेंट चंडीगढ़ में ही हो गया था। lund ki vasna
मेरे पिताजी विदेश में रहते हैं इसलिए मुझे ही घर का सारा काम संभालना पड़ता है। lund ki vasna
एक बार मेरी बहन रितिका की तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई। उसे लेकर मुझे डॉक्टर के पास जाना पड़ा। मैं जिस क्लीनिक में उसे डॉक्टर के पास लेकर गया वहां उन्होंने मुझे दवाई दे दी और उसी क्लीनिक में मेरी मुलाकात अंकिता के साथ हो गई। जब हमारे घर में किसी की तबीयत खराब होती तो मैं उसे उसी क्लीनिक में लेकर जाता और अंकिता भी मुझे देखकर हमेशा खुश रहती। अंकिता का नंबर भी मेरे पास आ चुका था। मैं अंकिता से फोन पर बात करने लगा। जब मैं अंकिता से फोन पर बात करता तो वह मुझसे बात कर के बहुत खुश होती। मुझे ऐसा लगता है कि जैसे वह मुझ पर फिदा है।
एक दिन मैंने उसे अपने घर बुला लिया। जब मैंने उसे अपने घर बुलाया तो मैंने उसे अपनी मम्मी से मिलवाया। मेरी मम्मी अंकिता से मिलकर बहुत खुश हुई। जैसे ही मेरी बहन रितिका ने अंकिता को देखा तो वह कहने लगी अच्छा तो भैया आप इसीलिए मुझे बार-बार उन्हीं डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं। यह बात सुनते ही मैं हंसने लगा और अंकिता के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई।
मेरी बहन मुझसे कहने लगी भैया आप तो बड़े ही छुपे रुस्तम निकले। lund ki vasna
आपने तो मुझे एक बार भी भनक नहीं लगने दी। मैंने उसे कहा नहीं बहन ऐसी कोई बात नहीं है। तुम गलत समझ रही हो। मेरी तो जैसे अंकिता के साथ अब अच्छी बनने लगी थी लेकिन ना जाने किसकी नजर हम दोनों के रिश्ते को लगी और अंकिता के परिवार वालों ने उसका रिश्ता विदेश में रहने वाले एक लड़के के साथ कर दिया। अंकिता को यह बात नहीं पता थी जब अंकिता की सगाई होने वाली थी तो मैं बहुत ज्यादा दुखी था मैंने अंकिता को फोन भी किया लेकिन वह मेरा फोन उठा नहीं रही थी। मैं अंकिता के लिए तड़प रहा था। मेरे दिल में अंकिता के लिए इतना ज्यादा प्रेम था कि मैं उसके बिना नहीं रह सकता था और उस प्रेम ने मुझे अंदर से झकझोर कर रख दिया।
मुझे लगा कि मुझे अंकिता के घर चले जाना चाहिए। lund ki vasna
मैंने उस दिन बहुत ज्यादा शराब पी ली और मैं अंकिता के घर चला गया। मैंने उस दिन इतनी ज्यादा ड्रिंक कर ली कि मुझे कुछ भी होश नहीं था और मैं जब अंकिता के घर पर गया तो मैंने वहां पर बहुत शोर शराबा करना शुरू कर दिया। जिससे की उनके परिवार वालों को भी पता चल गया। अंकिता के पिताजी मेरे पास आये और कहने लगे कि यदि तुम मुझसे पहले यह बात कहते तो मैं तुमसे अंकिता की शादी करवा देता लेकिन अब तुम्हारी असलियत मुझे पता चल चुकी है। आज के बाद यदि तुम मुझे कभी दिखाई दिये तो उसके बाद तुम समझ लो तुम्हारा क्या हश्र होगा। यह कहते हुए उन्होंने मुझे धक्का दिया तो मैं वहीं जमीन पर गिर गया। अंकिता भी अपने छत से खड़ी होकर यह सब देख रही थी। मेरे लिए तो जैसे यह बड़ी शर्म की बात हो गई और मेरा नशा भी उस वक्त फुल हो गया लेकिन मैं अंकिता के बिना नहीं रह सकता था।
Chudasi behan ne Shadi Ke Baad Pilaya Dudh
मैं अंकिता से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसके घर वाले अब उसे बाहर भी नहीं भेजते थे। मेरा उससे कांटेक्ट भी नहीं हो पा रहा था और ना ही मैं उससे मिल पा रहा था। एक दिन मैंने अपनी बहन से कहा कि मुझे अंकिता से एक बार बात करनी है यदि तुम उससे मेरी बात करवा दो तो उसके बाद मैं उससे जिंदगी भर कभी बात नहीं करूंगा। मेरी बहन कहने लगी ठीक है मैं कोशिश करती हूं कि मैं इसमें क्या कर सकती हूं। वह जब अंकिता के घर गई तो उसके घरवालों ने समझा कि वह उसकी दोस्त है। रितिका अंकिता को हमारे घर पर ले आई और जब अंकिता मुझसे मिली तो हम दोनों रूम में बैठे हुए थे।
मैंने अंकिता को गले लगा लिया और कहा कि मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल भी नहीं रह सकता। lund ki vasna
अंकिता कहने लगी कि मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकती लेकिन तुमने उस दिन बहुत ही जल्दी बाजी में यह फैसला लिया। तुम मेरे घर नहीं आते तो शायद सब कुछ ठीक हो जाता। पर अब मेरे पापा तुम से कभी भी मेरा रिश्ता नहीं करवा सकते।
मैंने अंकिता से कहा कि तुम मेरे अंदर की भावनाओं को भी तो समझो। lund ki vasna
मैं भी अंदर से तड़प रहा था और मेरी तड़प इतनी ज्यादा बढ़ गई कि मैं अपने आप को नहीं रोक पाया। उस दिन मैंने कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली और मुझे बिलकुल भी होश नहीं था। अंकिता कहने लगी तुम अपने लिए कोई और लड़की देख लो। मैं तो अब तुम्हारे जीवन में नहीं आ सकती। मैंने अंकिता से कहा तुम ऐसा मत कहो मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकता। यह कहते हुए मैंने अंकिता को अपने गले लगा लिया। जब मैंने उसे अपने गले लगाया तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरे दिल का कितना बड़ा बोझ हल्का हो गया हो और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैंने अंकिता से कहा कि तुम्हें गले लगा कर मुझे कितनी खुशी मिल रही है। यह मैं ही जानता हूं। वह भी रोने लगी और उसकी आंख से आंसू निकलने लगे। मैं समझ गया कि अंकिता मुझसे बहुत प्रेम करती है लेकिन वह मुझसे शादी नहीं कर सकती क्योंकि वह अपने परिवार के आगे बिल्कुल बेबस है। मैंने जब उसके होठों को किस किया तो उसके नरम होंठ मुझसे मिलने लगे।
उसकी आंसू की बूंद मेरे चेहरे पर गिरने लगी। मैंने उसे अपनी बाहों में ले रखा था और बड़े अच्छे से मैं उसके नरम होठों को किस कर रहा था। वह मुझसे अपने आपको दूर हटाने की कोशिश करती लेकिन मैं दोबारा से उसके होठों को किस करने लग जाता। कुछ देर ऐसा ही चलता रहा जब अंकिता पूरी तरीके से मूड में हो गई तो उसने मुझे अच्छे से किस करना शुरू कर दिया और मैंने उसके होंठो से खून भी निकाल दिया। जब उसके होठों से खून निकला तो मैंने अंकिता को कसकर पकड़ लिया और कहा मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं। वह भी अपने आपको ना रोक सकी मैंने जब उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह मेरी बाहों में आ गई और मैंने जब उसके स्तनों को अपने मुंह में लिया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई।
मैंने उसके स्तनों को इतने अच्छे से चूसता की उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा। lund ki vasna
उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकलता हुआ मुझे साफ दिखाई दे रहा था मैं जैसे ही उसकी योनि को चाटता तो मेरा मन उसकी चूत मे अपना लंड डालने का हो गया। मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो उसकी योनि से खून की धार बाहर की तरफ निकालने लगी वह मेरे लंड पर लग गई। जब उसकी योनि से खून निकल रहा था तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मैं लगातार उसे तेज गति से चोद रहा था उसे चोदने में मुझे बहुत आनंद मिल रहा था। मै जिस प्रकार से उसकी चूत मार रहा था मैं उतना ही खुश हो रहा था। जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर होता तो मुझे बहुत खुशी मिलती। मैं उसकी योनि की गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाया।
जैसे ही मेरा वीर्य पतन उसकी योनि के अंदर हुआ तो मुझे बहुत ही अच्छा महसूस होने लगा मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया। उसके बाद अंकिता ने भी मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना जारी रखा जब वह मेरे लंड को अपने मुंह मे लेती तो मेरा लंड खड़ा हो गया और उसकी योनि में जाने के लिए तैयार हो गया। जैसे ही मैंने अंकिता को अपने ऊपर लेटाया तो उसने मेरे लंड को अपनी योनि में ले लिया और अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करने लगी। मैं उत्तेजित हो जाता और हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाए। हम दोनों ने एक दूसरे के बदन का उस दिन अच्छे से मजा लिया मुझे बहुत मजा आया। उसके कुछ समय बाद उसकी शादी हो गई। शादी के बाद जब वह मुझे मिली तो वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है मैंने उसके साथ उस दिन सेक्स किया। उसका जब भी मन होता है तो वह मेरे पास आ जाती है और मैं उसके साथ संभोग करता हूं।
मुझे उसकी चूत मारना बहुत अच्छा लगता है। lund ki vasna