भाभी की लड़की की बुर का उद्घाटन किया

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप? अन्तर्वासना कहानी पर आपका स्वागत है। मेरी आज की नई चुदाई की कहानी – भाभी की लड़की की बुर का उद्घाटन किया. ये बात पिछले साल की है जब मैंने अपने नए मकान में रहना शुरू किया था। मेरे मकान के पास मेरे गांव का जो भाई लगता है, उसका परिवार भी रहता है।

उनके परिवार में भाई, भाभी, एक लड़का और 2 लड़कियां हैं। लड़का बी.टेक कर रहा है। पहले साल में है और लड़की 12+1 में और 9वीं में पढ़ती है।

Gaon wali bhabhi ki ladki ki bur ki chudai story.

भाभी की उम्र 35 साल है और लड़कियों की उम्र 18 साल और 14 साल है। बड़ी लड़की का नाम अनुष्का शर्मा या छोटी का नाम प्रियंका है।

भाई पहले आर्मी में थे, अब सिक्योरिटी की नौकरी करते हैं, तो अक्सर ड्यूटी पर रहते हैं। ड्यूटी दिन रात करनी पड़ती है। इसलिए घर पर काम ही रहता है।

भाभी जी ने घर में 2 भैंसें रखी हुई हैं। जिन का वो दूध बेचती है.

भाभी जी भी घर पर कम ही रहती हैं। वो सुबह सुबह चारा लेने के लिए खेत में जाती है। लड़का प्राइवेट कॉलेज में जाता है तो उसकी छुट्टी शाम को 5 बजे होती है।

उनके घर में कंप्यूटर भी है जो कभी-कभी मैं चला लेता था। लड़के को मूवी की सीडी भी ला कर देता था। उसमें कुछ 18+ वाली फिल्में भी थीं। बड़ी लड़की अनुष्का शर्मा जो सरकारी स्कूल में पढ़ती है, अक्सर घर में अकेली रहती है।

दोस्तो ये था भाई और भाभी के परिवार का बैकग्राउंड। मैं उनके घर पर सुबह और शाम को दूध लेन के लिए जाता हूं और कभी-कभी लस्सी भी ले आता हूं।

अनुष्का शर्मा जो अभी 18वें साल में थी, कि जवानी ने उसको सताना शुरू कर दिया था। उसको अकेले देखकर मैं उनके घर पर जाता था।

वो पहले दिन से मुझे अजीब सी नजरों से देखती थी। जब मैं दूध डालने के लिए बोलता तो चाय के लिए भी पूछ लेती थी।

शुरू-शुरू में तो मैंने मन किया पर जब मुझे पता चला कि वो चुदने के चक्कर में है तो मैं भी कह दिया करता हूं चाय तो पिला दे, तो वो चाय बना लेती थी जिसे हम दोनों पिया करते।

जब मैं चाय पीता तो वो टीवी चालू कर लिया करती थी। आप ये गांव की लड़की की बुर चुदाई की कहानी हिंदी पोर्न स्टोरिज़ डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं। चाय पिते पिते टीवी भी देख लिया करते थे हम।

एक दिन सुबह मैं उनके घर पर गया तो घर पर कोई नहीं था सिर्फ मिनाक्षी अकेली थी।

मैंने कहा मिनाक्षी दूध डाल दे, तो बोली आपको आज ताजा दूध पिलाऊंगी।

मैंने कहा कि अगर तू ताजा दूध पिलायेगी तो मैं भी शौक से पी लूंगा।

उसपर वो बोली कि आप थोड़ी देर बैठो मैं आज अकेली हूं. थोड़ी देर में डालती हूं और बोली अंकल जी आप चाय पिओगे क्या? मैं अकेली हूं हम दोनों चाय पी लेते हैं।

मैंने कहा ठीक है चाय बना लो।

मैं मन ही मन सोच रहा था आज तो ये 100% चुदेगी।

वो चाय बनाने लगी तो मैं भी रसोई में पहुंच गया। उसने चुनी नहीं ले राखी थी। सूट पहनना हुआ था और उसका बड़ा गला था। जिस से उसके मम्मे, जो बाहर को निकलने को हो रहे थे, सफ दिखायी दे रहे थे।

उसने नज़रो ही नज़र में मुझे घूरा कि मैं उसके मम्मे देख रहा हूँ।

वो बोली- अंकल घर में अकेली बोर हो जाती हूं। क्या करूं?

मैने कहा – कोई बात नहीं. मैं हूं ना. तुझे बोर नहीं होने दूंगा।

तो वो बोली – ऐसा क्या करोगे आप जो मुझे बोर नहीं होने देंगे?

तो मैं उसके पास जाकर खड़ा हो गया और उससे पूछा – तू क्या चाहती है?

तो वो बोली- अंकल जी मैं अपने भाई के कंप्यूटर पर जो फिल्म है ना, वो देखना चाहती हूं पर उसमें पासवर्ड डाल रखा है मेरे भाई ने..

मैंने कहा – पासवर्ड मुझको पता है। आजा मैं तुझे फिल्म दिखाता हूं।

मैंने कंप्यूटर चालू किया और उसको पूछा कि कौन सी फिल्म देखेगी तो वो बोली आपको जो अच्छी लगे वो दिखा दो।

मैंने कहा – यू-टर्न फिल्म अच्छी है। इसमें अच्छी लड़ाई है।

तो वो बोली ठीक है.

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हम यू-टर्न फिल्म देखने लगे. उसमें काफी सेक्स सीन है. मूवी में जब लड़के लड़की को अपना लंड चूसा रहा था और वो सेक्स भी कर रहा था तो मिनाक्षी गाल शरम से लाल हो जाती थी।

मेरा लंड वो सेक्स सीन देखकर तो 90 डिग्री पर खड़ा हो गया था। आप ये गांव की लड़की की बुर चुदाई की कहानी हिंदी पोर्न स्टोरिज़ डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं।

वो भी यही चाहती थी के कब मैं उसकी चुदाई करूँ।

हां सब देखकर मैंने उसको अपनी बाहों में ले लिया। वो शर्म से मेरे सीने से चिपक गई।

मैंने कहा – क्या हुआ

तो वो बोली- कुछ नहीं. ये क्या कर रहे हैं फिल्म में?

मैंने कहा – क्या तुम कुछ नहीं जानती?

तो वो बोली – मैंने मम्मी को देखा है। जब पापा के साथ सोई हुई थी तब पापा मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे और मम्मी पापा का लंड चूस रही थी। दोनों आह.. आह.. कर रहे थे और थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी के मुँह पर सफ़ेद पानी छोड़ दिया। फिर पापा मम्मी के ऊपर लेट गए। पर माँ कह रही थी कि तुम्हारी यही कमी है तुम कुछ कर ही नहीं पाती हो और मेरे को उंगली करके काम चलाना पड़ता है। फिर मैंने सोचा कि इसमे तो बहुत मजा आता होगा और मैंने बाथरूम में जाकर उंगली की थी कि सोची पर मेरे को दर्द हो रहा था। इसलिए मैं उंगली कर नहीं पाई।

उसके बाद वो बोली – अंकल चुत में लंड डालने पर दर्द होता होगा ना?

तो मैंने कहा – पहली बार थोड़ा सा दर्द होता है पर मजे भी बहुत आते हैं।

ऐसे बात करते करते हम दोनों आपस में चिपक गए। मैं उसके मम्मे जो मुझे बहुत आनंद दे रहे थे, उनको मसल रहा था। मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा रखा था। वो मेरे मोटे लंड को हिला रही थी।

वो बोली- अंकल जी आप मेरे मम्मो को दबा रहे हो तो मुझे बहुत मजे आ रहे हैं।

तो मैंने कहा – मेरी जान.. मजे अभी तूने के लिए कहां पर है.. असली मजा तो मैं तुम्हें अभी दूंगा।

ऐसा कह कर मैने उसका कमीज उतार दी। उसने सिर्फ कमीज ही पहनना हुआ था कसम से यारो मैं तो उसको देखता ही रह गया। क्या मम्मे थे उसके… मैंने उसके मम्मो को अपने दोनों हाथो में लिया या जोर जोर से दबाना शुरू किया।

उसकी सिस्किया निकल पड़ी. मैं भी मदहोश हो गया था।

अब मैं उसके मम्मो को चूम रहा था। उसने मेरे सर को पकड़ रखा था। फिर मैंने उसकी सलवार में हाथ डाला तो देखा कि उसकी चूत गिली हो चुकी थी।

मैंने सोचा अब इसको चोदने का सही वक्त आ गया है।

मैने कहा – तू अपनी सलवार खोल..

तो उसने अपनी सलवार खोल की… हैं यारो! क्या दृश्य था.. उसकी चूत पर सिर्फ देखने के लिए ब्राउन बाल ही उगे थे। उसकी चूत ऐसी फुली हुई थी क्या बयां करूं यारो… मेरा दिल उसको खाने को कर रहा था।

मस्त चूत ऊपर की और फुली हुई थी और उसकी चूत का दाना काफी बड़ा था। बिल्कुल कुंवारी चूत…सिल बंद चूत थी उसकी।

मैं उसकी चूत देख कर पागल हो गया था.. ऐसी चूत मैंने जिंदगी में पहले कभी नहीं देखी थी। मैंने उसकी चूत को मसलना शुरू किया तो वो भी मुझे चूमने लगी…और वो आह.. उह.. आह.. उह.. कर रही थी।

मैंने उसको एक बार गिला और कर दिया था..

वो फिर अपनी चूत की तरफ इशारा कर के कहने लगी – अंकल जी यहां पर मेरे को खुल्ली हो रही है कुछ करो ना आप।

तो मैंने कहा – अभी करता हूं…

ऐसा कहकर मैंने उसको बिस्तर पर रख दिया। उसके गांड के नीचे एक गंदा सा कपड़ा, जो वहां पर रखा हुआ था, बिछा दिया, ताकि खून के धब्बों से चादर खराब न हो…

वो बिस्तर पर बिल्कुल नंगी थी…मैंने अपनी बनियान उतारा। आप ये गांव की लड़की की बुर चुदाई की कहानी हिंदी पोर्न स्टोरिज़ डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं।

मैने कहा – सरसों का तेल कहां पर है?

तो वो बोली- उसका क्या करोगे?

तो मैंने कहा – पहले बता तो सही। फिर तेरे को बताऊंगा कि मैं क्या करूंगा…

तो उसने हाथ से टेबल की तरफ इशारा कर के कहा – वहां…

मैंने तेल की शीशी निकाली और कुछ तेल अपने लंड पर लगाया और कुछ तेल उसकी चूत पर लगाया…।

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर रगड़ना शुरू कर दिया।

वो पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी और कह रही थी – आप और मत तड़पाओ.. कुछ करो ना।

तो मैंने अपना लंड जो उसकी चूत के दाने पर था, उसको आगे के तरफ ढकेल दिया….कसम से यारो….. उसकी चीख निकल पड़ी…..

ये तो मेरे को अनुभव था…मैंने झट से उसके मुंह पर हाथ रख कर उसकी चीख को बंद कर दिया था…वरना कसम से यारो मैं तो मरा ही जाता…।

वो बोली- अंकल जी इसको निकाल दो.. आअहह… नहीं तो मैं मर ही जाऊंगी… आआहह…

मैंने कहा – कोई बात नहीं. अब दर्द नहीं होगा…

जैसे फिर भी वो बोली- नहीं.. प्लीज़.. मैं अब चुदाई नहीं करवाना चाहती… आप इसको निकाल लो… नहीं तो मैं माँ को बता दूँगी…

मैंने कहा – कोई बात नहीं है… बस थोड़ी देर रुक जाओ.. मैं तुम्हें दर्द नहीं होने दूंगा…

इस पर वो कुछ नहीं बोली.

मैने उसकी चूत में, अभी भी लंड को जो थोड़ा सा ही घुसा हुआ था, घुसाये रखा।

2 मिनट के बाद मैंने उससे पूछा – अब दर्द हो रहा है कि नहीं?

तो वो बोली- नहीं अब दर्द नहीं हो रहा है। अब मेरी चूत में दोबारा खुजली शुरू हो गई है। अब तो आप इसे घुसा ही दो। अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता. चाहे मेरे को कितना भी दर्द क्यों ना हो…

इस पर मैंने कहा – कुछ देर और रुको।

मैंने सोचा कि अबकी बार इसकी चूत फाड़ने में कोई देर नहीं करनी है…

मैंने अपना लंड बाहर निकाला और दोबारा से उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया…

तो वो बोली- अंकल जी अब तो आप मेरी चूत फाड़ ही दो…।

मैंने देखा कि अब सही मौका है…मैंने अपना लंड, जो उस सेक्सी लड़की की बुर में घुसने को बेकरार था…उसको उस हॉट लड़की की बुर पर रखा और उसके मुँह पर अपनी हथेली रख कर, एक जोर का धक्का मारा… .

कसम से यारो!!! मेरे लंड ही जाने की उसको कितना दर्द या सुकून मिला… उसकी चूत से खून निकला…

वो बोली- आपने तो मेरी चूत को फाड़ ही दिया.. इसमें से तो खून निकल रहा है… अब क्या करेंगे… अब क्या होगा…

तो मैंने कहा – मेरी जान…पहली बार की चुदाई में ऐसी ही चूत फटती है…अब आगे से ऐसा नहीं होगा..

वो बोली- अंकल जी मेरे को बहुत दर्द हो रहा है… आप प्लीज एक बार अपना लंड बाहर निकाल लो..

मैंने कहा – अब मैं नहीं निकलूंगा… अब मैं तेरे को तेरे दर्द को शांत करके तुझको असली चुदाई का मजा देता हूं…

मैं उसकी खून से भरी चूत के अंदर अपना लंड डालना शुरू किया…आप ये गांव की लड़की की बुर चुदाई की कहानी हिंदी पोर्न स्टोरिज़ डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं। अभी तक मेरा लंड 60% ही है उसकी चूत में गया था। मैं अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था।

फिर मैंने एक जोर का धक्का लगाया और उसकी चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया।

वो एक बार फिर ऊपर को उछली। इस बार वो मजे में उछली थी। मैने अब अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी… वो अब पूरे मजे ले रही थी…

वो अपनी चूत को ऊपर नीचे कर रही थी और कह रही थी – अंकल जी ये मजे होते हैं चुदाई के। मेरी चूत आपकी हमेशा आभारी रहेगी, जो आपने इसकी चुदाई की…। अब आपका इस पर पूरा हक है। आप जब चाहें इसकी चुदाई कर सकते हैं… ये आपका गुलाम है…।

मैं भी पूरे मजे से उसकी चुदाई कर रहा था…. मेरे लंड को जन्नत मिल गई थी… मेरा लंड बार बार उसकी चूत की गहराई में आनंद ले रहा था… कसम से मेरा लंड बार बार कह रहा था क्या चूत मिल गई है ……..उसकी टाइट वर्जिन चूत ने मेरे लंड को निहाल कर दिया था…

वो भी अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रही थी… मैं उसके मम्मों को बार बार चूम रहा था..

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कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाला और उसे कहा – अब तुम उल्टी होकर झुक जाओ……उसने ऐसा ही किया………फिर मैंने उसके पीछे से चूत में अपना लंड पूरा डाला, तो उसे थोड़ा दर्द हुआ..पर अब हमसे मजे आ रहे थे…

मैं लगातर 20 मिनट से चुदाई कर रहा था……

वो बोली- अंकल जी अब पता नहीं मुझे क्या हो रहा है कि मेरी चूत में से कुछ निकलने वाला है।

तो मैंने कहा – मेरा लंड भी कुछ छोड़ने वाला है…

तो बोली कि आ – जो छोड़ रहे हो…वो मेरी चूत में ही छोड़ देना.. ताकि मेरी चूत को आराम मिले…।

फिर मेरे लंड ने उसकी चूत में ही अपना लावा चोद दिया…

हम दोनों अब थक गए…

मैं उसके ऊपर लेट गया। lund ko uski chut me हाय रख रखा था। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ रखा था…

हम 10 मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे.. एक दूसरे के साथ…

फिर मैंने कहा – अब हमें साफ सफाई कर लेनी चाहिए…

तो वो एकदम उठ खड़ी हुई या बोली – हन शायद मेरी मां आ जाए…।

फिर हम दोनों उठे और मैंने अपना लंड, जो खून से और मेरे और उसके माल से साना हुआ था, उसको एक कपड़े से साफ किया और उसने अपनी चूत, जिसकी हालत खराब हो गई थी, उसको साफ किया।

उसके बाद मैंने कपड़े पहले और उसने खून से भरे हुए कपड़े को बाहर घर के पीछे, जहां पर गंदी पड़ी हुई थी, दाल दिया और सफाई कर के नहाने चली गई।

तब तक मैं अपने घर पर चला गया।

मैं थोड़ी देर बाद आया तो फिर वो घर पर अकेली थी। उसकी माँ घर पर नहीं आई हुई थी…….

मैंने उससे पूछा – कैसे लगा?

वो बोली – कसम से तुमने मुझे और मेरी चूत को निहाल कर दिया… अब मैं आपको राजा कह कर बुलाऊंगी।

तो मैंने कहा – ऐसा मत करना नहीं तो घर वाले शक करेंगे। तू मुझसे अंकल जी ही कहेगा।

तो वो बोली – आप तो बहुत समझदार हो।

मैंने कहा – समझदार हूं तभी तो तेरे को चोद पाया।

इस पर वो हंस पड़ी और बोली – मैं आप के लिए चाय बनाती हूं।

मैंने कहा – चाय तो तेरे माँ के हाथों की ही पियूँगा। अब मैं चलता हूं.

तो वो बोली- कोई बात नहीं. आप जब चाहे तब पीना। फिर मैंने उसे गालो की एक पप्पी ली और अपने घर आ गया।

दोस्तों, ये थी मेरी लड़की की बुर की चुदाई कहानी। क्या आपको यह पसंद आया?