चाची की चुत का मैं दीवाना

फिर कुछ देर के बाद चाची बाहर आई और रूम में चली गयी। अब मैंने सोच लिया था कि आज में चाची को बोल ही दूँगा और इसलिए में डरते-डरते रूम के दूसरे दरवाजे से अंदर इस तरह गया कि उन्हें लगे कि में गलती से अंदर आ गया हूँ, में सिर्फ़ यही चाहता था कि में उन्हें दिखूं और उन्हें ऐसा लगे कि मैंने उन्हें कपड़े बदलते देख लिया है। आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदाई कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…  chachi ki chut chudai

फिर में रूम में गया और उन्हें सामने देखकर में एकदम से पलट गया और वापस रूम से बाहर आ गया और सोचने लगा कि अब क्या होगा? अब मुझे बहुत डर लग रहा था कि कहीं चाची समझ नहीं गयी हो कि में जानबूझकर रूम में आया था। फिर थोड़ी देर के बाद चाची हॉल में आई और मुझसे बातें करने लगी। अब में उनसे नजर भी नहीं मिला पा रहा था। तो तभी चाची बोली कि तुम जानबूझकर रूम में आए थे ना? तो पहले तो में कुछ नहीं बोला, लेकिन फिर हिम्मत करके मैंने हल्की आवाज में हाँ कहा। तो उस पर वो कुछ नहीं बोली और उठकर किचन में चली गयी। अब मुझमें भी हिम्मत आ गयी थी और फिर में उनके पीछे किचन में चला गया और चाची से एक गिलास पानी माँगा, तो उन्होंने पानी का गिलास मेरे हाथों में दे दिया।

फिर मैंने पानी पीते-पीते उनसे कहा कि क्या में आपसे एक बात कहूँ? तो वो बोली कि हाँ। तो तब मैंने कहा कि में आपको ब्रा और पेंटी में देखना चाहता हूँ। तो ये सुनते ही वो एकदम से मुझे गुस्से से देखने लगी और फिर अचानक से हंस पड़ी और ना करने लगी। फिर मेरी लाख कोशिशो के बाद आख़िर में वो मान ही गयी, लेकिन बोली कि बस और कुछ नहीं, तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर हम दोनों बेडरूम में चले गये। chachi ki chut chudai

तो पहले तो उन्होंने अपनी साड़ी निकाली, फिर ब्लाउज, फिर पेटीकोट। अब में उनसे 5 फुट की दूरी पर खड़ा था, में उनको सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में सपनों में ही देखता था, लेकिन रियल में देखना शायद मेरा लक मेरे साथ था। अब तो बस मन में एक ही इच्छा थी कि में उनकी चुदाई करूँ। फिर में थोड़ा उनकी तरफ बढ़ा, तो वो बोली कि नहीं। फिर तब मैंने कहा कि क्या में आपके बूब्स को हाथ लगाऊँ? तो वो हाँ बोली, तो तब में उनके पास गया। अब उनके बूब्स पर हाथ रखते ही मेरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा था। अब मेरा लंड पूरे जोश में था और अब में इस मौके को गवाना नहीं चाहता था।

फिर मैंने उन्हें ज़ोर से पकड़ लिया और उनके होंठो पर किस करने लगा, तो वो मुझे धकेलने की नाकाम कोशिश करती रही, लेकिन उनकी एक नहीं चली। फिर मैंने उन्हें पलंग पर खींचा और तुरंत अपने कपड़े उतार फेंके और उन पर चढ़ने लगा। फिर में बारी-बारी से उनके लिप्स, बूब्स और चूत को चूसने लगा, तो धीरे-धीरे वो भी मेरा साथ देने लगी।

फिर जब मुझे उनका साथ मिलने का सिग्नल मिला तो मैंने उनकी ब्रा और पेंटी निकाल फेंकी और अपने लंड को उनकी चूत पर रख दिया और फिर ज़ोर का एक धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया और उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। फिर मैंने भी अपनी गति को बढ़ा दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा, तो कुछ देर के बाद ही में झड़ गया और उनके ऊपर ही सोया रहा। sexy naukrani

फिर कुछ देर के बाद हम उठे और फिर में अपने कपड़े पहनकर बाहर आ गया। अब मुझे तो इतना आनंद आ रहा था जिसकी कल्पना भी मैंने नहीं की थी। अब तो में बार-बार उनसे सेक्स करने के लिए सोच रहा था और उस दिन के बाद से हम हर दिन सेक्स किया करते थे। फिर हमारा ये सिलसिला 5 साल तक चला। फिर धीरे-धीरे उनकी इच्छा कम होती गयी और हमारा सेक्स रिलेशन सिर्फ़ चाची और भतीजे के रीलेशन पर वापस आ गया, लेकिन में आज भी उनसे उम्मीद लगाकर हूँ कि शायद वो फिर मुझे सेक्स करने के लिए बुलाए।

वैसे में सेक्स का इतना भूखा हूँ कि में आज भी कोई लेडी को ढूंढ रहा हूँ, जो मेरे साथ सेक्स करे और मुझे वही आनंद दे, जो मुझे मेरी चाची से मिला था… sachi sex