Behan Ban Gayi Girlfriend
मेरा नाम अमित है। दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है। में कोशिश करूँगा कि मेरी इस कहानी को पूरी विस्तार से बता सकूं। में बिल्कुल गोरे रंग का व दिखने में सुन्दर लड़का हूँ। मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। मेरी फेमिली में मेरे पापा-मम्मी और एक छोटी बहिन है। अब में आपको अपनी छोटी बहिन के बारें में बताता हूँ। मेरी छोटी बहिन का नाम कंचन है। वो 21 साल की है और 12th क्लास में पढ़ रही है। वो पढ़ाई में बहुत अच्छी और एकदम शरीफ़ लड़की है। कंचन की लम्बाई 5.2 इंच है। उसका रंग गोरा और आँखे हिरन जैसी लगती है और उसके फिगर का साईज 28-24-32 है। दोस्तों कंचन दिखने में इतनी सुंदर लगती है कि उसे एक बार देखकर किसी भी बूढ़े का लंड खड़ा होकर, उसे एक बार चोदने को तैयार हो जायेगा.
तो में भी उस समय अपनी छोटी बहिन का आशिक़ था और एक बार उसे चोदना चाहता था, लेकिन ऐसा भी नहीं था कि में कंचन के बारे में शुरू से ही यह सब सोचता था। मेरे दिल में कंचन के बारे में कोई ग़लत भावनाएं नहीं थी, लेकिन मेरा मन सेक्स करने के लिए बहुत मचलता था। अब कंचन मुझे मेरी छोटी बहिन नहीं बल्कि एक हसीन परी लगने लगी थी और अब मुझे उसकी जवानी उसके बदन पर साफ साफ नज़र आने लगी थी और स्कूल ड्रेस में तो वो बहुत ही सेक्सी लगती थी। मेरा मन करता था कि उसके बूब्स का सारा रस पी जाऊँ।
दोस्तों कंचन अधिकतर घर पर फिटिंग की जिन्स, टॉप और सलवार-सूट पहनती थी और उसका सेक्सी गदराया बदन देखकर में लगभग रोज ही मुठ मारता था और उसे चोदने के बारे में सोचता रहता था। एक दिन मुझे वो मौका मिल ही गया, जब मेरी मम्मी को ऑफिस के किसी काम से 4 दिनों के लिए आउट ऑफ़ स्टेशन जाना पड़ा और पापा भी उस समय आउट ऑफ़ स्टेशन थे। उस समय कंचन के पेपर चल रहे थे। मम्मी सुबह 9 बजे घर से निकल गई। अब घर में कंचन और में दोनों अकेले थे। उस दिन कंचन ने सफेद रंग की शर्ट और जिन्स पहनी थी, जिसमे उसके बूब्स बहुत ही सेक्सी लग रहे थे। हम दोनों नाश्ता करके एक साथ पढाई करने बैठ गए, लेकिन मेरा ध्यान तो कंचन के बूब्स पर था और आज मेरे पास कंचन को चोदने का बहुत अच्छा मौका भी था। लेकिन में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता था, क्योंकि कंचन बहुत ही शरीफ़ लड़की थी। तभी कंचन का मोबाईल बजने लगा, तो कंचन ने कहा कि भैया देखना किसका फोन है और उसे कह दो कि में अभी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हूँ। मैंने कंचन का फोन उठाया तो कोई लड़का कंचन के बारे में पूछने लगा। लेकिन मेरी आवाज़ सुनकर उसने फोन काट दिया और फिर मैंने कंचन को शीशे में उतारने के लिए उससे कहा कि कंचन क्या में तुमसे एक बात पूछ सकता हूँ? लेकिन तुम मुझे सच सच बताना। तो वो बोली कि हाँ, पूछो ना भैया में आपसे कुछ भी नहीं छुपा सकती, में सब कुछ सच ही कहूंगी। मैंने पूछा कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? कंचन ने एकदम चकित होते हुए पूछा कि क्यों भैया? आप अचानक ऐसा क्यों पूछ रहे हो? तो मैंने कहा कि कंचन अभी किसी लड़के का फोन आया था और वो तुम्हारे बारे में पूछ रहा था और मेरी आवाज़ सुनकर उसने जल्दी से फोन काट दिया। तो उसने कहा कि प्लीज भैया आप मम्मी को इस बारे में मत बताना। मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं है, लेकिन.. वह बोलती बोलती एकदम चुप हो गई। तो मैंने कहा कि हाँ, हाँ बोलो ना, लेकिन क्या? तो कंचन कहने लगी कि रहने दो भैया। तो मैंने कहा कि क्या तुम्हे मुझ पर विश्वास नहीं है? तुम बोलो, में किसी से इसके बारे में कुछ भी नहीं कहूँगा। में तुमसे सिर्फ़ एक दोस्त के नाते पूछ रहा हूँ और अगर तुम्हे पसंद नहीं है, तो तुम छोड़ दो मुझे मत बताओ, लेकिन अगर मम्मी, पापा को पता चला तो बहुत बुरा होगा।
तो कंचन रोते हुए कहने लगी कि नहीं भैया ऐसा मत होने देना प्लीज, में आपको बताती हूँ। मुझे स्कूल में बहुत सारे लड़के छेड़ते रहते है और मेरी क्लास का एक लड़का मुझसे दोस्ती भी करना चाहता है। यह फोन उसी ने किया होगा। मैंने पूछा कि कंचन क्या तुम्हे कोई लड़का पसंद है? तो कंचन कहने लगी कि भैया यह सब आप क्यों पूछ रहे हो? तो मैंने कहा कि कंचन तुम मुझे अपना दोस्त समझकर बताओ और तुम मुझसे अपनी बातें वैसे ही कर सकती हो, जैसे अपनी सहेलियों के साथ करती हो। तो कंचन शरमाते हुए कहने लगी कि ठीक है भैया, लेकिन जब लड़के मुझे छेड़ते है तो मुझे बड़ा अजीब सा महससू होता है और इस समय कंचन का चेहरा धीरे धीरे शरम से एकदम लाल हो रहा था। फिर मैंने पूछा कि तुम्हे कैसा लगता है कंचन? वो बोली कि मुझे उस वक्त ऐसा लगता है कि जैसे मेरे सारे बदन में कोई आग लगी हो, मेरा सारा बदन कांपने लगता है और जब मैंने यह बात मेरी सहेलियों से पूछी तो उन्होंने मुझसे कहा कि इस उम्र में अक्सर यह सब होता है और इसका एक ही इलाज है कि तुम किसी को अपना बॉयफ्रेंड बनाकर उसके साथ बहुत मज़े करो, जैसे हम सब सहेलियां करती है।
दोस्तों कंचन के मुहं से ऐसी बातें सुनकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। तो मैंने कंचन से कहा कि तुम एक बात मुझे सच सच बताओ क्या तुम किसी लड़के के साथ एंजॉय करना चाहती हो या नहीं? तो कंचन बहुत हैरानी से मुझे देखते हुए कहने लगी कि भैया यह आप क्या कह रहे है? तो मैंने कहा कि तू मुझे अपना दोस्त ही समझकर सच सच बता, में बस तेरी मदद कर रहा हूँ। तो कंचन ने कहा कि भैया करना तो चाहती हूँ, मगर मुझे बहुत डर लगता है। तो मैंने कहा कि अगर मगर कुछ नहीं, बोलो इसके लिए मेरे पास एक बहुत अच्छा उपाय है, अगर तुम्हे पसंद हो तो में तुम्हे वो बता सकता हूँ। तो वो बहुत उत्सुकता भरे स्वर में बोलने लगी कि प्लीज भैया जल्दी से बोलिए ना वो आईडिया क्या है, बोलो ना प्लीज? तो में कहने लगा कि तुम्हे एक ऐसा लड़का चाहिए कि जिसके तुम्हारे घर में आने जाने से और तुम्हारे साथ घूमने से किसी को भी कुछ भी बुरा ना लगे और किसी को शक तक ना हो ऐसे लड़के के साथ तुम एंजाय कर सकती हो। तो वो पूछने लगी कि लेकिन ऐसा लड़का है कहाँ? तो मैंने कहा कि और कहाँ ठीक तुम्हारे सामने ही तो है वो लड़का? तो इस बात को सुनते ही वो एकदम चौंक गई और कहने लगी कि लेकिन भैया आप तो मेरे सगे भाई हो। तो में कहने लगा कि देखो कंचन तुम मेरी छोटी बहिन हो और में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और सबसे पहले तुम एक लड़की हो और में एक लड़का, जो एक दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते है और ऐसा करने में कोई समस्या भी नहीं आयेगी, क्योंकि हम दोनों पर कभी कोई शक भी नहीं करेगा और में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हारे बिना जी नहीं सकता। फिर मेरी यह सभी बातें सुनकर कंचन कुछ देर बिल्कुल खामोश रही और फिर बोली कि भैया प्यार तो में भी आपसे बहुत करती हूँ। लेकिन में आपसे कहने से डरती थी कि कहीं आप बुरा ना मान जाओ। तो में समझ गया कि यही एकदम सही मौका है अपनी इच्छा को पूरा करने का, मौका हाथ से जाए इससे पहले में उसकी कमर पर अपने हाथ डालकर सहलाने लगा और उसने अपनी दोनों आखें बंद कर ली, तो में भी अब समझ गया कि वो खुद भी राज़ी है। मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके रस भरे गुलाबी होंठो को चूसने लगा, तो उसका चेहरा शरम से एकदम लाल होने लगा और उसकी साँसे धीरे धीरे तेज होने लगी और उसका बदन कांपने लगा। दोस्तों में पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा था और अब मेरे शरीर में भी 240 वोल्ट्स का करंट दौड़ने लगा और यह सोचकर में बहुत चकित था कि में अपनी सग़ी छोटी बहिन के बदन को चूम रहा हूँ।
में कंचन को अपनी बाहों में उठाकर बेड पर ले गया और उसके होंठो को चूसते हुए उसके बूब्स को सहलाने व दबाने लगा और वो अह्ह्ह्हह ऊईईईईईइई भैया अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह करने लगी और अब में धीरे धीरे से उसकी कमीज़ के अंदर हाथ डालकर उसके बूब्स को सहलाने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर में उसके होंठो को चूसते हुए उसकी कमीज़ को उतारने लगा। लेकिन मेरे हाथ कांप रहे थे में थोड़ी ही देर में अपनी सग़ी छोटी बहिन के बूब्स को देखने और चूमने जा रहा था जो कि मेरे लिए कल तक यह एक कभी ना पूरा होने वाला सपना था, जो आज एक हक़ीकत में बदलने वाला था। वो बूब्स जिन्हें आज तक किसी और ने ना ही हाथ लगाया था और ना ही दबाए थे और मैंने कंचन की कमीज़ के सारे बटन खोल दिए। कंचन ने अंदर सफेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी, तो वो अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में थी और बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसको देखकर तो में पागल सा हो गया और उसके गले और कंधो पर पागलों की तरह किस करने लगा। वो अब एकदम बेकाबू होकर सिसकियाँ लेकर कहने लगी कि भैया में आपसे बहुत प्यार करती हूँ, आप बहुत अच्छे हो और प्लीज और करो आईईईईइइर्ररर भैया। मैंने झट से उसके मुहं पर हाथ डाला और दोनों हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा। लेकिन उसके बूब्स बहुत ही टाईट थे।
फिर में कंचन के दोनों बूब्स को नीबूं की तरह निचोड़ने लगा, लेकिन कंचन की तो जैसे जान ही निकल गयी। वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी और उसने अपना मुहं ऊपर कर लिया और फिर सेक्सी सेक्सी आवाजें निकालने लगी आह्ह्ह्हअहह भैया ऊफ्फ्फफफफफ्फ़ थोड़ा आराम से करो ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह यह सब आपके ही है और अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो में उठा और उठकर अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए। मैंने कंचन की ब्रा के निप्पल को छूते हुए बोला कि कंचन आज में इनका पूरा दूध पी जाऊंगा। तो यह बात सुनकर कंचन एकदम शरमा गई और उसने अपनी नजरों को नीचे झुका दिया। मैंने उसे फ्रेंच किस करनी शुरू कर दी और साथ में अपना एक हाथ उसकी ब्रा में डालकर, उसके बूब्स का मज़ा लेने लगा। वो बहुत गरम थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वो किसी आग में जल रही हो, कंचन मेरा पूरा साथ दे रही थी और अब में उसकी ब्रा निकालने लगा और जब मैंने उसकी ब्रा उतारी तो वो अपने हाथों से बूब्स को छुपाने लगी। तो उसका गोरा गोरा बदन और समोसे जैसे छोटे छोटे बूब्स मुझे मदहोश करने लगे। में उसके आगे बिल्कुल नंगा बैठा हुआ था और वो मेरा 8 इंच का लंड देखकर शरमा रही थी और धीरे धीरे से उसको सहला भी रही थी। तो मैंने कंचन को फ्रेंच किस करते हुए उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और वो उसको सक कर रही थी और मेरा एक हाथ कंचन के निप्पल के साथ खेल रहा था। उसके बूब्स क्या कसे हुए थे? कंचन बुरी तरह से मचल रही थी और वो आहह्ह्ह ओहह्ह्ह आईईईइ भैया कर रही थी। फिर में कंचन के निप्पल को मुहं में लेकर उनका रस चूसने लगा और फिर कंचन के मुहं से एकदम धीमी सी आवाज़ में सिसकियाँ निकलने लगी आहहह्ह्ह्हह अईईईई उफफ्फ्फ्फ़ भैया प्लीज थोड़ा धीरे कीजिए। तो में लगातार चूसता रहा और दस मिनट तक उसके बूब्स को चूसने के बाद, मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उसके पेट पर से उसकी नाभि तक लेकर गया और उसकी नाभि को सहलाने लगा, तो वो एकदम गरम होने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और फिर मैंने उसकी स्कर्ट का हुक खोलकर उसकी स्कर्ट उतार दी। उसने हल्के नीले रंग की पेंटी पहनी हुई थी और में पहली बार किसी लड़की के साथ यह सब कर रहा था। फिर में उसकी चिकनी चिकनी जांघे चूमने लगा और में एकदम पागलों की तरह उसकी जांघो को अपने मुँह से सहला रहा था और चूम रहा था।
फिर मैंने धीरे से उसकी पेंटी को खींच दिया और अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। वाह क्या मस्त छोटी सी गुलाबी चूत थी, मेरी प्यारी बहना की, में क्या बताऊँ? दोस्तों, कंचन कैसी अनछुई कली थी? और में उसकी बिना बालों वाली अधखिली, गोरी, गुलाबी चूत को देखता रह गया, क्योंकि उसकी चूत तो आग की तरह जल रही थी और कंचन की चूत एकदम कसी हुई थी, उसकी दोनों फांके चिपकी हुई थी। फिर मैंने हौले से उसकी चिपकी हुई दोनों फांको को उंगली से अलग अलग किया और उसकी चूत को उंगली से सहला दिया और वो अह्ह्ह्हह उईईईई भैया अहह्ह्ह्ह करते हुए मचलने लगी और बोलने लगी कि भैया आहह्ह्ह्हहहा माँ ऊईईईईई। तो कंचन की नंगी चूत को देखकर मेरे तो होश ही उड़ गये और मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा था कि में अपनी सग़ी बहिन का नंगा जिस्म और उसकी नंगी चूत को देख रहा हूँ। फिर मैंने उसकी चूत की दोनों फांको पर होंठ रख दिए और कंचन की कसी हुई चूत के होठों को अपने होंठो से दबाकर चूसने लगा और कंचन तो बस आह्ह्ह्हहह आअहह भैया उईईईई आहह करते हुए ऐसे तड़पने लगी जैसे उसे करंट लग रहा हो, और कंचन मज़े से पागल हो रही थी भैया प्लीज, अब बस करो, बस भैया आह्ह्ह्ह में मर गई और फिर एकदम से कंचन की चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैंने सब अनदेखा कर दिया और चूसकर कंचन की जवानी का रस पीता गया। बड़ी देर तक में कंचन की छोटी सी चूत से चिपका रहा, लेकिन इस बीच कंचन दो बार झड़ चकी थी और बुरी तरह तड़प रही थी। फिर में जल्दी जल्दी अपने सारे कपड़े उतारकर नंगा हो गया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया कंचन मेरे लंड को देखकर कहने लगी कि भैया यह तो बहुत बड़ा है और यह मेरी चूत में नहीं जाएगा। तो मैंने उसके चूतड़ के नीचे एक तकिया रख दिया, जिससे उसकी चूत थोड़ा ऊपर उठ जाए और मुझे उसकी चुदाई करने में आसानी भी हो और मज़ा भी आए। फिर मैंने अपने लंड का सुपड़ा उसकी गरम चूत के छोटे से छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा आधा लंड, उसकी गरम और मासूम चूत के पतले होंठो को चीरता हुआ अंदर चला गया। लेकिन उसकी मुहं से एक जोरदार चीख निकल गई आहह्ह्ह्हह आईईईईई में मर गई भैया, बाहर निकालो इसे अह्ह्ह्हह। तो में थोड़ी देर तक रुक गया और उसके बूब्स को चूस रहा था और वो थोड़ी ही देर में फिर से गरम होने लगी तो मैंने सही मौका देखकर फिर अपना पूरा लंड कंचन की तड़पती हुई चूत में घुसेड़ दिया। कंचन बुरी तरह से तड़प रही थी और अब उसकी चूत से खून भी बह रहा था। फिर में धीरे धीरे आगे पीछे हिलने लगा और थोड़ी देर के बाद वो भी मज़े लेने लगी। लेकिन कंचन अभी भी धीरे धीरे चिल्ला रही थी और सिसकियाँ ले रही थी उऊऊमाँ उह्ह्ह्हह्ह ऑश भैया में मर गई और अपनी गर्दन को कभी इधर, कभी उधर कर रही थी और उसकी चूत से खून भी बह रहा था और अब मुझे मज़ा आने लगा था। में कंचन के एक निप्पल को चूसने लगा और धीरे धीरे अपना लंड बाहर खींचकर फिर से अंदर घुसा दिया और इस तरह बड़ी ही धीरे धीरे अपनी प्यारी छोटी बहिन को चोदने लगा और अब कंचन को भी मज़ा आने लगा था। वो अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह भैया आई आई रे आई भैया ऊह्ह्ह करते हुए मज़े ले लेकर चुदवाने लगी। में भी कंचन की एकदम टाईट चूत को चोदने का आनंद लेने लगा और कंचन भी दर्द झेलते हुए धक्के दे देकर चुदाई के मज़े लेने लगी। तो कंचन मेरे साथ मिलकर बहुत उछल कूद करते हुए चुदवाने लगी और फिर तभी कंचन की चूत ने पानी छोड़ दिया और कंचन बस बस भैया अह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह माँ करते हुए तड़पने लगी और 15 मिनट के बाद में भी झड़ गया और मैंने कंचन की चूत में अपने लंड का रस छोड़ दिया और वो भी इस बीच दो बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने कंचन के बूब्स को सहलाते हुए पूछा कि क्यों कंचन कैसा लगा अपने भाई का प्यार?
तो कंचन यह बात सुनकर शरमा गई और फिर हम दोनों थोड़ी देर तक वैसे ही एक दूसरे के साथ लिपटे हुए लेटे रहे और फिर जब कंचन उठी तो उससे चला भी नहीं जा रहा था और उसकी चूत खून से भरी हुई थी। फिर में उठा और एक कपड़े से कंचन की चूत को साफ किया और इस तरह मैंने अपनी कमसिन छोटी बहिन को उस दिन करीब 4 बार चोदा और वो दिन था, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी और अब मेरी छोटी बहिन ही मेरी गर्लफ्रेंड है ।।