आखिर चूत मिल ही गई

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम रमेश है मेरी उम्र 23 साल की है. में कोटा राजस्थान से हूँ. दोस्तों में पहली बार अपनी सच्ची स्टोरी आपके साथ शेयर कर रहा हूँ. ये कहानी मेरे पड़ोस मे रहने वाली भाभी की है. वो अभी कुछ दिनो पहले ही रहने आई थी. उनके पति एक कम्पनी मे हैं. वो अपने बच्चो के साथ किराए पर रहने लगी थी. bandh ke choda

उनकी उम्र 32 के आस पास है. वो दिखने मे गोरी और ऊपर वाले ने उनके शरीर के हर हिस्से को तराशा हुआ है. उनके बूब्स 38-36-42 है, जो कि मुझे बाद मे पता चला. अब में स्टोरी शुरू करता हूँ.

वो भाभी दिखने मे बहुत सुंदर थी, में उन्हे रोज़ छुपकर देखता था. जब वो अपने घर के आँगन मे झाड़ू लगाती थी तो में अपने घर की छत पर से उन्हे घूर घूर कर देखा करता था. bandh ke choda

वो क्या माल थी. जब वो झुकती तब उनके बूब्स तो मुझे नहीं दिखते थे लेकिन कपड़ो के ऊपर से ही साइज़ देखकर मेरा लंड झटके मारने लगता और मे नीचे आकर बाथरूम मे जाकर उनके नाम की मुठ मारता था.

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जब भी वो चलती थी तो उनके चुतड़ ऐसे मटकते थे कि बूढ़े का भी लंड खड़ा कर दे जब भी वो घर से बाहर पैदल निकलती तो में भी कुछ भी बहाने से उनके पीछे हो लेता और उनके मदमस्त मोटे और गोल कूल्हे देखकर मन ही मन सोचता कि कब में मेरा लंड इनकी गांड मे डालूँगा और कब मेरा सपना पूरा होगा और कई बार भाभी ने मुझे नोटीस भी किया और वो मुस्कुरा देती और उनकी मुस्कान इतनी ग़ज़ब थी कि मुझसे कंट्रोल नहीं होता था.

दोस्तों एक दिन वो दिन आ ही गया जब मेरा सपना मुझे पूरा होता लगने लगा. तभी एक दिन मेरे मम्मी पापा तीन दिन के लिए आउट ऑफ स्टेशन गये थे.

में घर पर अकेला था और वो संडे का दिन था. दिन मे भी हमारी कॉलोनी सुनसान सी रहती है. तभी मैंने देखा कि भाभी अकेली बाहर बैठी हैं और फिर में भी बाहर घूमने लगा और फिर बार बार उनकी तरफ देख रहा था. तभी भाभी ने नोटीस किया और स्माईल पास की उन्होने फिर मैंने भी उन्हें स्माईल किया.

फिर वो बोली आप आज घर पर अकेले हो, आपके मम्मी पापा आउट ऑफ स्टेशन गये हैं. तभी मैंने कहा कि हाँ और सर हिला दिया. फिर उन्होने कहा आज आप खाना कहाँ खाओगे? मैंने कहा किसी होटल मे. फिर वो बोली नहीं आप बाहर मत खाओ बारिश का टाईम है, में आज आपका खाना यहीं मेरे घर पर ही बना लेती हूँ.

तभी मैंने बहुत मना किया लेकिन वो नहीं मानी तभी कुछ देर मे तेज़ बारिश शुरू हो गई. अब तो मे होटेल भी नहीं जा सकता था. bandh ke choda

वैसे मे खाना जल्दी ख़ाता हूँ, लेकिन अब मे बारिश रुकने का वेट करने लगा, लेकिन बारिश बहुत तेज़ थी. तभी कुछ देर बाद डोर बेल बज़ी अब मैंने गेट पर देखा तो वो मेरी पड़ोस वाली भाभी थी वो अपने हाथ मे खाना लिए हुए तभी वो बोली जल्दी से डरवाज़ा खोलो मे भीग रही हूँ.

फिर मे दौड़कर गया और डोर खोला बाहर बारिश बहुत तेज़ थी, भाभी का सूट पूरा भीग गया था. फिर मैंने उनके हाथ से खाना लिया तो वो बोली में तो हम दोनो का खाना यहीं ले आई हूँ.

हमारे घर पर टीवी नहीं चल रहा है तो मैंने सोचा कि में आपके यहाँ देख लूँगी मैंने कहा जरुर भाभी और फिर वो बहुत खुश हो गई थी. फिर मैंने बोला आप तो पूरी भीग गई हो, तभी वो बोली में अभी चेंज करके आती हूँ, तभी मैंने कहा कि भाभी आप ऐसा करो गाउन पहन लो मे अभी अंदर से आपको लाकर दे देता हूँ.

तभी वो बोली नहीं मैंने कहा कि भाभी मान जाओ नहीं तो भीग जाओगी वापस आने जाने के चक्कर में. अब उन्होने कहा कि ठीक है फिर मैंने उन्हे अंदर कमरे से लाकर गाउन दिया.

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तभी वो उसे मुझसे लेकर अंदर बाथरूम मे चेंज करने गई और फिर थोड़ी देर बाद वापस चेंज करके आई और फिर हमने साथ मे बैठकर खाना खाया. अब में उन्हे एक नज़र से देखे जा रहा था वो ये सब नोटीस कर रही थी. लेकिन वो कुछ नहीं बोली फिर मैंने कहा कि अब में भी चेंज कर लेता हूँ और टॉयलेट करके आता हूँ.

आप इतनी देर टीवी देखिए, तभी भाभी ने भी खाना खा लिया था और फिर उन्होंने जैसे ही टीवी ऑन किया तो वो हैरान रह गई क्योंकि मैंने उसमे एक ब्लू मूवी लगा रखी थी. bandh ke choda

उसमे एक लड़का एक मोटी औरत की गांड मार रहा था. तभी उन्होने तुरन्त टीवी बंद कर दी और उन्हे पसीना आने लगा में जान करके अंदर ही देर लगा रहा था फिर उन्होने झाँक कर देखा मे बाथरूम में था.

तभी उन्होने फिर से टीवी चालू की और मूवी देख ही रही थी. कि इतने मे मैं आ गया था. अब मैंने उन्हे देखा तो वो एकदम से घबरा गई और तभी उन्होने जल्दी से टीवी बंद कर दी.