असंतुष्ट आंटी की गुलाबी चूत

हेलो दोस्तों मेरा नाम संजय हैं, अन्तर्वासना, हिंदी सेक्स स्टोरी, मस्तराम और कामुकता के दुनिया में आपका स्वागत है.. मैं बलरामपुर, यूपी में रहता हूं. बात तब की है जब मैं बलरामपुर में कोचिंग क्लास कर रहा था. मेरी सोशल नेटवर्किंग साइट के अकाउंट पर गोंडा जिले की एक शादीशुदा आंटी थी जिनसे मैं कभी-कभी बात करता था. कुछ दिनों तक बात करने के बाद हम दोनों एकदम क्लोज़ हो गए. वो अपने बारे में हर बात मुझे बताने लगी. उसकी 3 बेटियाँ थीं जो अभी कम उम्र की ही थीं.

एक बार आंटी ने मुझे मिलने के लिये बुलाया तो मैं उनके घर जाने के लिए राज़ी हो गया.

जब मैं उससे पहली बार मिलने गया तो उसने मुझे एक रेस्तराँ में बुलाया. उसे देख कर मैं हैरान रह गया. उसको देख कर लगा ही नहीं कि वो तीन बच्चों की माँ है. देखने में वह केवल 25-26 साल की लग रही थी. वो जीन्स और टॉप पहन कर आई थी.

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रेस्तराँ में हम दोनों ने कॉफी पी. फिर वह मुझसे यह कहकर चली गई कि तुम कुछ देर इंतजार करो, मैं थोड़ी देर के बाद तुम्हें फोन करूंगी. मैं वहीं पर होटल में उसका इंतजार करने लगा. दस मिनट के बाद उसका फोन आया और उस लेडी ने मुझे अपने घर बुला लिया.

पहले तो मैं थोड़ा घबरा रहा था क्योंकि मैं इससे पहले कभी किसी शादीशुदा औरत से नहीं मिला था. मैं सोच रहा था कि जाऊं या न जाऊं. उसके बाद मैंने हिम्मत करके उसको आने के लिए हाँ कर दी. उसने अपने घर की लोकेशन मुझे इंटरनेट के जरिये फोन पर भेज दी.

उसकी बताई जगह पर पहुंचकर मैंने उसको फोन किया तो उसने अपना क्वार्टर नम्बर बता दिया. उसके बाद मैं उसके घर पर पहुंच गया और जाकर डोर बेल बजाई. जब अंदर से दरवाजा खुला तो वह नाइट ड्रेस में थी. जब तक मैं कुछ समझ पाता उसने मुझे अंदर खींच लिया और घर का दरवाजा बंद कर दिया. अंदर आते ही वह मुझे अपने बेडरूम में ले गयी.

हम दोनों बेड पर जाकर बैठ गये और कुछ बातें करने लगे. उसने बताया कि उसके पति सरकारी नौकरी करते हैं. उसको पता नहीं क्या हुआ कि कहते-कहते वो रोने लगी कि उसके पति उसको टाइम ही नहीं देते हैं.

मैंने उससे चुप होने के लिए कहा. मगर वह नहीं रुकी. फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रख दिया. वह मुझसे लिपट गई और सुबकने लगी.

मैंने उससे कहा- ऐसे नहीं रोते, आपको जो चाहिए वो मैं आपका दूंगा. लेकिन आप दिल छोटा मत करो.

मेरा हाथ उसकी चूची पर टच हो गया. उसकी चूची का स्पर्श पाते ही मेरा ध्यान उसके बूब्स पर चला गया. अब मैंने जान-बूझकर उसको सांत्वना देने के बहाने से उसकी चूचियों को दो बार और टच कर दिया. उसकी तरफ से कोई रिएक्शन नहीं हो रहा था.

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वह चुप हो गई थी. उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया. मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने उसकी चूची को अपने हाथ में भर लिया और उसको दबाने लगा.

मेरी इस हरकत पर वह थोड़ी सहम सी गई और उसने मुझे अपने से अलग कर दिया.

वह बोली- मैं जानती हूँ कि तुम्हारा मन कर रहा है. लेकिन तुम इस बात के बारे में किसी को नहीं बताओगे, मुझसे वादा करो.
मैंने कहा- ठीक है, जब तक तुमको मुझ पर भरोसा नहीं हो जाता मैं तुम्हारी तरफ देखूंगा भी नहीं.

मैं उठ कर बेडरूम से बाहर जाने लगा और उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक लिया. मैंने पीछे पलट कर देखा तो वह खड़ी हो गयी और एकदम से मुझे अपनी बांहों में भर कर मुझसे लिपट गई.

वह बोली- तुम मुझे छोड़ कर मत जाओ प्लीज.

कहकर उसने मेरे गाल पर किस कर दिया.

मैंने कहा- तो अब तुमको मुझ पर विश्वास हो गया या नहीं?

वह बोली- हाँ, मुझे तुम पर विश्वास है.

उसके बाद मैंने भी उसको अपनी बांहों में भर लिया और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को वहीं खड़े होकर चूसने लगे. मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया. मेरा लंड मेरी पैंट में तन गया था और उसके शरीर से रगड़ खा रहा था. मेरा लंड उसकी जांघों के बीच में घुस जाना चाहता था मगर बीच में उसकी नाइटी आ रही थी.

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मैं उसको जल्दी से नंगी कर देना चाहता था ताकि उसकी चूत में अपने लंड को डाल सकूं लेकिन मैंने सब कुछ धीरे-धीरे करना ही ठीक समझा ताकि उसका विश्वास मुझ पर बना रहे.

कई मिनट तक ऐसे ही किस करने के बाद वह बोली- संजय, मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते.

मैंने कहा- तो क्या हुआ, मैं हूँ न. मुझे अपना पति मान सकती हो तुम.

कहकर मैंने उसकी नाइटी को निकलवा दिया और अब वह मेरे सामने ब्रा और पैंटी में खड़ी थी. उसके बदन को देखकर मेरी हवस जाग गई. मैंने उसकी ब्रा को किस किया और फिर उसकी गर्दन पर चूमने लगा. वह भी गर्म होने लगी. उसने मुझे अपने से लिपटा लिया और मुझे बांहों में लेकर मेरी गर्दन पर किस करने लगी.

उसके बाद मैंने उसको पलटा कर उसकी ब्रा के हुक खोल दिये और उसकी ब्रा को निकाल कर बेड पर फेंक दिया. उसके लम्बे बाल उसकी कमर पर बिखरे हुए थे. पीछे से उसकी कमर नंगी हो गई थी. उसकी गोरी, नंगी पीठ, जो काले बालों के नीचे ढकी हुई थी, को देख लग रहा था जैसे किसी फिल्म की हिरोइन हॉट सीन देने के लिए तैयार खड़ी हो.

मैंने उसको अपनी तरफ घुमाया और उसके चूचों को देखते ही मैं उन पर टूट पड़ा. मैंने उसके चूचों को सीधा मुंह में भर लिया और उसकी गांड को दबाते हुए मैं उसके चूचों को चूसने लगा. बहुत मजा आ रहा था दोस्तो. वह खूबसूरत तो थी ही, साथ ही उसका बदन भी सुडौल था.

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मेरा लंड मेरी पैंट में तन कर फटने को हो रहा था. जब मैंने नीचे झांक कर देखा तो मेरे लंड ने मेरी पैंट पर पानी का निशान बना दिया था. मैंने उस लेडी को नीचे बैठा दिया और वह घुटनों पर मेरे सामने बैठ गई. मैंने अपनी पैंट को खोल दिया और अंडरवियर समेत उसको नीचे गिरा दिया. मेरा लौड़ा तन कर उसके मुंह के सामने आ गया.

वह भी समझ गई कि मैं उसको अपना लंड चुसवाना चाहता हूँ. उसने मेरे लंड को हाथ में लिया तो मेरी आह्ह … निकल गई. बड़े ही नर्म हाथ थे उसके. फिर उसने एक दो बार मेरे लंड की मुट्ठ मारी और उसको मुंह में लेकर चूसने लगी. उसके मुंह में लंड गया तो मुझे बहुत ही ज्यादा उत्तेजना होने लगी. मैंने उसके सिर को हल्के से पकड़ कर अपने लंड को उसके मुंह में धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

वह पूरी तबियत के साथ मेरे लंड को चूस रही थी. बीच-बीच में वह मेरी गोलियों को किस कर लेती थी और कभी पूरी की पूरी मुंह में भर लेती थी. वह मुझे पागल बना रही थी. मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था.