माल चूत में फेंका | Hindi Sex Stories

माल चूत में फेंका

Antarvasna, hindi sex stories: मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी से काफी ज्यादा परेशान हो चुका था मेरी पत्नी और मेरे बीच बिल्कुल भी बनती नहीं थी तो हम दोनों ने अलग होने का सोच लिया था। हम दोनों की शादी को 5 वर्ष हो चुके थे और इन 5 वर्षों में मैं अपनी पत्नी के साथ बिल्कुल भी एडजेस्ट नहीं कर पाया था। मैं एक बैंक में जॉब करता हूं और मुझे अब लगने लगा था कि मुझे अपनी पत्नी को डिवोर्स दे देना चाहिए क्योंकि हम दोनों के बीच बिल्कुल भी बनती नहीं थी। हम दोनों की शादी हम दोनों के परिवार वालों की रजामंदी से हुई थी लेकिन अब मुझे लगने लगा था कि शायद हम दोनों एक दूसरे का साथ नहीं दे पाएंगे। मेरे और मेरी पत्नी के बीच बिल्कुल भी रिलेशन ठीक नहीं चल रहा था हम दोनों एक दूसरे से झगड़ने लगे थे। मैंने जब अपनी पत्नी से इस बारे में बात की तो वह भी मुझे कहने लगी कि राजेश तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए। हम दोनों की रजामंदी से हम दोनों ने अपने रिलेशन को खत्म करने का फैसला कर लिया था और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे। हम दोनों का डिवोर्स हो जाने के बाद मुझे कई बार लगता कि मुझे किसी की जरूरत है जो कि मुझे समझ सके क्योंकि मम्मी और पापा के देहांत हो जाने के बाद मेरे जीवन में कोई भी ऐसा नहीं था जो कि मुझे समझ पाता।

मैं अपने आपको कई बार बहुत अकेला महसूस किया करता था और मुझे बहुत ही बुरा महसूस होता था लेकिन एक दिन जब मेरे ऑफिस में एक लड़की जॉब करने के लिए आई तो मैं उससे बातें करने लगा। हम दोनों की बातें होने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से काफी ज्यादा बातें किया करते मैं जब सुधा से बातें करता तो मुझे बहुत अच्छा लगता था और सुधा को भी मुझसे बातें करना बहुत पसंद था। हम दोनों के बीच बहुत नजदीकियां बढ़ती जा रही थी और हम दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे। मैंने अपने बारे में सुधा को सब कुछ बता दिया था और सुधा को इससे कोई एतराज नहीं था हम दोनों चाहते थे कि अब हम दोनों शादी कर ले लेकिन सुधा के पापा और मम्मी को मेरे साथ सुधा का रिलेशन शायद पसंद नहीं था इसलिए वह लोग मेरे साथ सुधा की शादी करवाने को तैयार नहीं थे। मैं काफी ज्यादा परेशान था मैं सोच रहा था की क्या मैं सुधा से शादी कर पाऊंगा भी या नहीं, मेरे मन में ना जाने कितने ही सवाल दौड़ रहे थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन सुधा मेरा साथ हमेशा देने को तैयार थी। सुधा ने मुझे कहा कि राजेश मैं तुम्हारे साथ ही शादी करना चाहती हूं मैंने सुधा को कहा की लेकिन सुधा यह ठीक नहीं है तुम्हारे परिवार वाले हम दोनों के रिश्ते को बिल्कुल भी रजामंदी नहीं देंगे और वह लोग हमारे रिश्ते के खिलाफ हैं।

सुधा मुझे कहने लगी कि राजेश मैं तुमसे प्यार करती हूं और मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकती। सुधा और मेरा प्यार बहुत गहरा हो चुका था और अब हम दोनों एक दूसरे को बहुत चाहने लगे थे इसलिए सुधा चाहती थी कि हम दोनों शादी कर ले और हम दोनों एक रिश्ते में बन जाए लेकिन मैंने सुधा को समझाया और कहा कि जब तक तुम्हारे परिवार वाले मेरे साथ तुम्हारी शादी के लिए तैयार नहीं हो जाते तब तक यह सब ठीक नहीं रहेगा। सुधा को भी अब शायद समझ आ चुका था और वह मुझे कहने लगी कि तुम ठीक कह रहे हो। हम दोनों एक दूसरे के बहुत नजदीक तो थे ही लेकिन हम दोनों ने भी सब कुछ समय पर छोड़ दिया था और मुझे नहीं मालूम था कि अब आगे क्या होने वाला है। मैं और सुधा एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और एक दूसरे के साथ हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते थे। सुधा ने अब ऑफिस छोड़ दिया था और वह घर पर ही रहती थी हालांकि मैंने सुधा को कहा था कि तुम्हें जॉब नहीं छोड़नी चाहिए लेकिन सुधा ने कहा कि मैं अब जॉब छोड़ना चाहती हूं और फिर सुधा ने जॉब छोड़ दी थी। हम दोनों का मिलना तो अक्सर होता ही रहता था और जब भी मैं सुधा के साथ होता तो मुझे काफी अच्छा लगता हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा टाइम स्पेंड किया करते। एक दिन सुधा ने मुझे कहा कि चलो आज हम लोग कहीं साथ में घूमने के लिए चलते हैं तो मैंने सुधा को कहा कि ठीक है और उस दिन हम दोनों साथ में घूमने के लिए चले गए। उस दिन हम दोनों घूमने के लिए मॉल में गए और वहां पर हम दोनों ने शॉपिंग भी की और शॉपिंग करने के बाद मैंने सुधा को कहा कि क्या आज हम लोग मूवी देखें तो सुधा भी इस बात के लिए तैयार हो गई। हालांकि सुधा को शाम के वक्त घर जल्दी जाना था लेकिन मैंने सुधा को कहा कि मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक छोड़ दूंगा। हम दोनों मूवी देखने के लिए चले गए मैंने मूवी की टिकट ले ली थी और उसके बाद हम दोनों ने साथ में मूवी देखी। मूवी खत्म हो जाने के बाद मैं सुधा को छोड़ने के लिए उसके घर तक गया, जब मैं सुधा को छोड़ने उसके घर पर गया तो सुधा के पापा ने हम दोनों को देख लिया था और उन्हें यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई उन्होंने सुधा को काफी कुछ बुरा भला कहा।

सुधा ने जब रात को मुझे फोन किया तो मैंने सुधा को कहा कि क्या हुआ तो उसने मुझे सारी बात बताई मैंने उससे कहा कि देखो सुधा जब तक तुम्हारे पापा मम्मी तैयार नहीं हो जाते तब तक हम लोग एक नहीं हो सकते। अब तो मुझे भी लगने लगा था कि हम दोनों को जल्द से जल्द शादी कर देनी चाहिए सुधा ने मेरा साथ दिया और उसने अपने परिवार वालों को समझा दिया था की हम दोनों एक होना चाहते हैं। हालांकि उसके परिवार वाले अभी भी नहीं माने थे और वह लोग दिल से खुश नहीं थे लेकिन सुधा और मैंने कोर्ट मैरिज कर ली और कोर्ट मैरिज करने के बाद हम दोनों साथ में रहने लगे। हम दोनों पति-पत्नी बन चुके थे और मैं काफी खुश था कि सुधा मेरे जीवन में आ चुकी है क्योंकि सुधा के मेरे जीवन में आने से मेरी खुशियां दोगुनी हो चुकी थी। सुधा मेरी पत्नी बन चुकी थी। सुधा घर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही थी और हम दोनों के बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके थे। एक दिन मैं काफी ज्यादा थका हुआ महसूस कर रहा था उस दिन मैंने सुधा से कहा आज तुम मेरे बदन की मालिश कर दो।

सुधा ने कहा मैं आपके बदन की मालिश अभी कर देती हूं और उसने मेरे बदन की मालिश करनी शुरू की। जब वह मेरे बदन की मालिश कर रही थी तो मेरे अंदर एक अलग ही उत्तेजना जाग रही थी। जब उसने अपने हाथों मे मेरे लंड को लेकर हिलाना शुरू किया तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आता। मै बिल्कुल भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाना शुरू किया वह बहुत अच्छे से मेरे लंड को हिला रही थी। मेरा मोटा लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा हो चुका था। मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जब मैंने सुधा से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसो। सुधा ने भी उसे तुरंत ही अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया। जब वह मेरे मोटे लंड को सकिंग कर रही थी तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और सुधा को भी बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों पूरी तरीके से उत्तेजित हो रहे थे। अब हमारी उत्तेजना इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने सुधा को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। वह मुझे कहने लगी तुम मेरी चूत का रसपान कर लो। मैंने भी सुधा के कपड़े उतारकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया। सुधा की चूत को चाट कर मुझे मजा आ रहा था। सुधा की चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकाल रहा था मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जब मैं सुधा कि चूत को चाट रहा था। हम दोनों की गर्मी बढने लगी थी। हम दोनों पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगे थे हम दोनों को इतना ज्यादा मजा आने लगा था कि सुधा ने मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने की कोशिश की वह मेरे सर को अपने पैरों के बीच में जकड रही थी और मेरे बालों को खींच रही थी। जब मैंने अपने लंड को सुधा की चूत पर लगाया तो उसको मजा आने लगा था। सुधा की योनि से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। उसकी चूत से इतना अधिक गर्म पानी बाहर निकलने लगा था मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। ना तो सुधा रह पाई और ना ही मैं। मैंने सुधा कि चूत पर अपने मोटे लंड को सटाकर अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया। जैसे ही मैंने अपने मोटे लंड को सुधा की योनि के अंदर डालकर तेजी से धक्के मारने शुरू किए तो मुझे और भी ज्यादा मजा आने लगा और सुधा को भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था।

वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग पूरी तरीके से बढ़ने लगी है अब मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। मैंने सुधा को कहा मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। अब हम दोनों ही एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। मैंने सुधा के दोनों पैरों को पकड़ा हुआ था मैंने उसे तब तक धक्के मारे जब तक उसका पूरा शरीर ठंडा नही पड़ गया वह झड़ चुकी थी। मुझे समझ आ गया था अब सुधा मेरा साथ नहीं दे पाएंगी इसलिए मैंने अपने माल को उसकी चूत मे गिरा दिया था और अपनी इच्छा को पूरा कर लिया। थोड़ी देर तक हम दोनों साथ में लेट रहे उसके बाद मुझे एहसास हुआ मुझे सुधा को दोबारा से चोदना चाहिए।

मैंने दोबारा से सुधा के साथ सेक्स किया मैंने सुधा कि चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू किया सुधा को भी मजा आ रहा था। सुधा की चूत से मेरा माल अभी भी बाहर निकल रहा था और मेरे अंदर की गर्मी अभी भी बढी हुई थी। मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जब मैंने सुधा कि चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किया। मैने सुधा की इच्छा को पूरा कर दिया था। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश थे। हम दोनों को बहुत अच्छा लगता जब भी हम दोनो सेक्स का मजा लेते। वह मेरे साथ सेक्स का भरपूर मजा लेती और हम दोनों ही एक दूसरे का साथ बडे अच्छे से दिया करते।