मामी भांजे की चूत कहानी

नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग | आशा करता हूँ की आप लोग सब मस्ती में होंगे और रोज सेक्सी कहानियो को पढते होंगे | दोस्तों मैं आज आप लोगो के लिए बहुत मस्त कहानी लेके आया हूँ जो की मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है | उससे पहले आप लोग थोडा मेरे बारे में जान लीजिये फिर मैं आप लोगो को कहानी की और ले चलता हूँ |

दोस्तों मेरा नाम वैभव सिंह राठोर है | मैं कन्नौज का रहने वाला हूँ | मेरे घर में मेरे मम्मी-पापा और एक बड़ा भाई रहता है | पापा मेरे बैंक में क्लर्क हैं और मम्मी एक इक गवर्नमेंट टीचर है | दोस्तों इस कहानी में मैं आप लोगो को यह बताऊंगा की कैसे मैंने अपने मामा जी की पत्नी यानी अपनी मामी को कैसे चोदा | तो चलिए दोस्तों मैं आप लोगो को अपनी ज्यादा बकवास न सुना कर सीधा कहानी की और ले चलता हूँ | जिससे की आप लोगो की झांटे न फायर न हों और लहनी का मजा किरकिरा न हो |

तो मेरे सभी प्रिय भाइयो और बहनों ये बात उस समय की है जब मैं और मेरी पूरी फॅमिली कानपूर में रहती थी | पापा का ट्रान्सफर कन्नौज में हो गया था तो पापा कानपूर से कन्नौज चले गये थे | लेकिन मेरी मम्मी का ट्रान्सफर कानपूर में ही था | इसीलिए मैं अपनी मम्मी के साथ कानपूर में ही रहता था | मै अपनी हाई स्कूल तक की पढाई अपने ही शहर कन्नौज से की थी और फिर मेरे मम्मी-पापा का ट्रान्सफर कानपूर में हो गया था तो मैंने अपनी 12 वीं की पढाई कानपूर से ही पूरी की थी | और आगे की पढाई में कानपूर में ही कर रहा था | मैंने अपने 12 वीं की पढाई मैथ सब्जेक्ट से की थी और मेरे मैथ में अच्छे नंबर आने के बाद मैंने अपना एडमिशन आई.आई. टी. कानपूर में ले लिया था | दोस्तो मेरा कॉलेज मेरे घर से लगभग 3-4 किलोमीटर की दूरी पर था | मुझे कानपूर में रहते-रहते 4-5 साल हो गये थे | मेरी यहाँ के लोगो से अच्छी जान पहचान बन गयी थी | जहाँ मैं रहता था वहां मोहल्ले के कुछ लड़के मेरे अच्छे दोस्त बन गये थे और वो मेरे साथ ही कॉलेज जाया करते थे | दोस्तों मेरी शुरू से मैथ बहुत अच्छी रही थी | मैं अभी भी अपने कॉलेज में मैथ के मामले में बहुत आगे था कॉलेज का कोई भी बंदा मैथ में मुझसे ज्यादा नंबर नही ला पाता था |

मैंने अपना कॉलेज में बहुत तगड़ा इम्प्रैशन बना रखा था | एक दिन मैं और एक मेरा दोस्त जितिन कॉल्लेग के बाद कॉलेज के बाहर बैठे हुए थे | मेरा दोस्त सिगरेट पी रहा था और मैं बाइक पर बैठा हुआ था | हम लोग कॉलेज से बाहर आने वाली लडकियो को ताड़ रहे थे | मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड का वेट कर रहा था | थोड़ी देर के बाद उसकी गर्लफ्रेंड कॉलेज के गेट से बाहर निकली और हम लोगो के पास आयी | मेरे दोस्त ने अपनी सिगरेट फैंकी और अपनी गर्लफ्रेंड से बाते करने लगा | उसके साथ एक लड़की ओर थी वो मेरे ही पास में खड़ी थी | मैं थोड़ी देर तक चुप अपनी बाइक पर बैठा रहा और फिर बाद में मैंने उससे बात करने को चाही | मैंने उससे उसके बारे में पुछा की किस ब्रांच से है और कहाँ रहती हो | उसने मुझे बहुत अच्छे से मेरे सारे सवालो के जवाब दिए | हम लोग खड़े होकर बाते कर रहे थे और तभी उधर मेरा दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड में नौक झोक हो रही थी | हम लोग उनके पास गये और उन दोनों को चुप कराया | मैं अपने दोस्त को लेके चला आया और वो अपनी सहेली को लेके चली गयी | मैंने अपने दोस्त से पुछा की क्या बात है साला तु इतना चिल्ला क्यों रहा था | उसने मुझे बताया की कुछ नही यार इसको मैं कल मिलने को बोला था और इसके घर के पीछे खड़ा होकर इसका इंतजार कर रहा था पर ये यार आयी नही थी तभी मेरी इसपे राख हो गयी थी | मैंने अपने दोस्त को शांत किया और कहा की भाई मुझे तेरे माल के साथ वाली पसंद आ गयी है मेरा भी कोई सीन बना भाई | मुझे वो बहुत अच्छी लगती है |

उसने मुझसे कहा की कोई नही यार आज मैं और तु चलेंगे रात को डिस्को मैंने उसको भी बुलाया है और उसके साथ उसकी सहेली भी आएगी |

हम लोग घर आये खाना पीना किया और शाम को तैयार होकर अपने-अपने घर से निकले | हम लोग डिस्को के बाहर खड़े थे और उनका इंतजार कर रहे | क्योकि बिना उनके हम लोग डिस्को में जा नही सकते थे | उस डिस्को में केवल कपल ही अलाउड थे | थोड़ी देर तक हम लोग डिस्को के बाहर उनका वेट किये और जब वो लोग आ गयी तू हम लोग उनको लेके साथ में डिस्को में घुस गये थे | मेरे दोस्त अपनी वाली के साथ था और मैं उसकी सहेली के साथ में था | हम लोग डिस्को के अंदर गये वहां हम लोगो ने पहले तो शराब पी और फिर बाद में मेरा दोस्त अपनी वाली का हाँथ पकड़ कर डांस करने लगा | मैं और उसकी सहेली बैठ कर बाते कर रहे थे | मैंने उसे नशे में ही पर्पोस मार दिया और उसने मेरा पर्पोस एक्सेप्ट भी कर लिया | उस दिन मैं और मेरे दोस्त ने डिस्को में खूब शराब पी थी और बाद मैं खूब मस्ती की |

एक दिन मैं अपने घर पर बैठ था और मम्मी के साथ में डिनर कर रहा था | मम्मी मुझसे मेरी पढाई के बारे में बात कर रही थी और मैं उन्हें सब अच्छे से बता रहा था | मैं अपना खाना खाके हाँथ धुले और मम्मी के पास बैठ गया | तभी मम्मी के फोन पर मामा जी का फोन आया उन्होंने थोड़ी डेर तक मम्मी से बात की और मम्मी को घर अपने घर पे जाने को कहा | मामा जी के लड़के का बर्थडे था और मामा जी घर से बाहर थे | मामी जी जी घर पे अकेली थी इसीलिए मामा जी ने मम्मी को जाने को बोला था की चली जाना | मम्मी ने मुझसे चलने को पुछा की अपने मामा जी के वहां चलोगे उनके लड़के का जन्मदिन है | मैंने थोड़ी देर तक सोंचा की यार कॉलेज में इस वक़्त पढाई हो नही रही है क्यों न हम टहल आये वैसे भी काफी दिन हो गये थे मामा जी के गये हुए |

अगले दिन दिन मैं और मम्मी मामा जी के वहां जाने की तैयारी कर ली | हम लोग अपने मामा जी के घर पहुंचे | वहां मामा जी तो थे नही लेकिन मेरी मामी जी ने हम लोगो का बहुत स्वागत सत्कार किया | रात मैं बर्थडे सेलिब्रेट हुआ | हम लोगो ने खूब मस्ती की | हम सब ने मिलकर खूब डांस किया और फिर एक ही साथ में बैठकर खाना खाया | मामी जी ने मेरे साथ में खूब डांस किया था | हम लोग खाना खाते हुयी यही बाते कर रहे थे |

जो मेरी मामी जी थी उनकी उम्र बहुत कम थी उनकी रिसेंटली ही शादी हुयी | वो दिखने में बहुत सेक्सी थी एक दम से संस्कारी पटाका | मेरी नियत उन पर डोल गयी थी | मैं तो अपने मामा जी के बारे में सोंच रहा था की कैसे मामा जी ने मामी की भरी जवानी को छोड़ के चले गये | पर उनकी भी मजबूरी थी उनको भी अपनी नौकरी करनी थी | सब लोग खाना खाके अब अपना-अपना बिस्तर पकड़ रहे थे | मेंरा बिसतर मामी जी ने ऊपर वाले कमरे में लगा रखा था | रात के लगभग1 बज रहा होगा मैं कमरे में लेटा हुआ फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से बाते कर रहा था | तभी मैंने अपने दरवाजे से खटखटाने की आवाज सुनाई पड़ी | मैंने उठकर दरवाजा खोला और देखा मामी जी मैक्सी पहन कर खड़ी थी | मैंने जैसा ही दरवाजा खोला मामी जी अंदर आके मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने-चाटने लगी | मैं पहले तो कुछ समझ नही पाया और चुप चाप खड़ा रहा | फिर बाद में मामी जी ने मुझे चूमते-चूमते बेड पर गिरा लिया और मेरे होंठो में अपने होंठ डाल कर चूसे जा रही थी | मैं समझ गया की गया की कुछ नही मामी को लंड की जरुरत है और मामी को काफी दिनों से लंड की मिला नही है | फिर मैं भी अपने फॉर्म में आ गया और मामी को लंड की जरुरत को पूरा करना चाहा | मैंने अपने और मामी के कपडे उतार दिए और फिर मैंने मामी को अपने नीचे किया | मैं उनके होंठो को चूमते-चूमते उनके नुकीले बूब्स दबा रहा था | मामी मेरी बहुत गरम थी वो बेड पर पड़ी हुयी मचल रही थी | थोड़ी देर तक मैंने मामी को चूमा चाटा फिर मैंने मामी को उठा कर बेड पर घोड़ी बना दिया और मैंने पीछे से मामी की चूत में अपना लंड डाल दिया और जोर-जोर से उनकी चूत में धक्के दिए जा रहा था | मामी भी इतनी गरम थी की वो अपनी गांड हिलाते-हिलाते अपने मुह से आह्ह आह्ह आह्ह अहह आह्ह आह्ह आह्ह हह आह्ह आह्ह्ह अहहह आह्ह आह्ह आह्हह्ह्हः उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह उन्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह इह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह आह आह्ह आः अहाहह अआः आःह्ह आह्ह आह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उन्ह उन्ह की सिस्कारिया निकाल रही थी | मैंने लगभग 10-15 मिनट तक मामी की चूत में धक्का मारा होगा और फिर मैं झड़ने वाला था | मैंने अपना लंड निकाल कर मामी की गांड पर अपने लंड का माल छोड़ दिया |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी इस तरह से मैंने अपनी मामी की चूत की और अपनी लंड की आग को बुझाया | मैं दो दिन अपनी मामी के वहां रुका था और दोनों दिन मामी ने मुझसे अपनी चूत की आग बुझवाई |